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- बोले, दो डायलिसिस की नई मशीनें बेस अस्पताल में पहुंच चुकी, जल्द होगी स्थापित
- चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने ली देर सांय बैठक, दिये महत्वपूर्ण निर्देश
श्रीनगर। प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के बेस चिकित्सालय में 2018 से 2024 तक बेस चिकित्सालय में 4 हजार से अधिक बार मरीजों की डायलिसिस हो चुकी है। उन्होंने बेस अस्पताल में डायलिसिस की मशीनों में आयी खराबी के बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन को सतपुली एवं देहरादून के अस्पतालों में डायलिसिस कराने हेतु नि:शुल्क वाहन सेवा की सुविधा देने के निर्देश दिये। कहा कि जब तक नई मशीनों का सेटअप लगता है, तब तक मरीजों के लिए कॉलेज प्रशासन वाहन की नि:शुल्क सुविधा देगा।
मेडिकल कॉलेज सभागार में कॉलेज प्रशासन के साथ बैठक लेते हुए प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत जी ने कहा कि फिलहाल बेस अस्पताल में डायलिसिस की दो नई मशीनें एवं ओरो की मशीने पहुंची है, जिन्हें जल्द ही स्थापित कर फिलहाल दो मशीनों से डायलिसिस करने की सुविधा भी बहाल की जायेगी। उन्होंने कहा कि डायलिसिस शुरु करते समय दून अस्पताल डायलिसिस यूनिट की टीम भी मौके पर बुलाई जाय। यहीं नहीं बेस अस्पताल में अचानक डायलिसिस की मशीनों में आयी खराबी के जांच के निर्देश जारी कर दिये है।
चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि डायलिसिस मशीनों के प्रकरण की जांच के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर चिकित्सा शिक्षा सचिव एवं निदेशक को जांच करने के आदेश दिये है। सचिव और निदेशक श्रीनगर बेस चिकित्सालय पहुंचकर डायलिसिस मशीनों में किस कारण खराबी आई, इसकी पांच दिनों के भीतर जांच कर रिपोर्ट सौंपेगे। जिसमें जो भी दोषी पाया जायेगा उसके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। बैठक में एसडीएम श्रीनगर नुपूर वर्मा, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज डॉ. सीएमएस रावत, तहसीलदार धीरज राणा, वित्त नियंत्रक प्रवीन कुमार बडोनी, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजेय विक्रम सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।