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कोटद्वार। उत्तराखंड,उत्तर प्रदेश और देश की राजनीति में विशिष्ट पहचान बनाए रखने वाले शख्सियत, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ग्राम-बुगाणी, पौड़ी गढ़वाल में जन्मे हेमवती नन्दन बहुगुणा की जयंती पर कांग्रेसियों ने कांग्रेस कार्यालय में उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए।
इस अवसर पर आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि स्व बहुगुणा 1942 में छात्र राजनीति में सक्रियता के साथ ही स्वतंत्रता आंदोलन के अंतर्गत चलाए गए भारत छोड़ो आन्दोलन में भी सक्रिय रहे, इससे क्रोधित अंग्रेजी हुकूमत ने उन्हें क्रांतिकारी घोषित कर 1945 में गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया, इस बीच वे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और राजनेताओं के निकट संपर्क में आ गए। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के करीबी होने के साथ ही उन्हें 1970 में केंद्रीय मंत्रिमंडल में संचार मंत्री बनाया गया, इस बीच उनके राजनीतिक प्रभाव के चलते 1973 में उन्हें उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया। उत्तराखंड की विषम भौगौलिक परिस्थिति को देखते हुए पर्वतीय संवर्ग और पर्वतीय विकास मंत्रालय की अवस्थापना में उन्होंने अहम भूमिका निभाते हुए पर्वतीय राज्य उत्तराखंड निर्माण के औचित्य को अप्रत्यक्ष स्वीकार्यता प्रदान की। इसलिए उनका जिक्र हमेशा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और देश के सफल राजनीतिज्ञों में होता रहा है।
गोष्ठी में विनोद डबराल जिलाध्यक्ष, रंजना रावत पूर्व प्रदेश महामंत्री, विमलेश नेगी, केशर सिंह चौहान, बलबीर सिंह रावत, बिरेंद्र सिंह रावत, विनोद प्रधान, गोपाल सिंह गुसाईं, दिलीप सिंह रावत जिला उपाध्यक्ष, महावीर नेगी, मनोज रावत मंडल अध्यक्ष, नरेंद्र सिंह नेगी प्रधान, विनोद नेगी, कृपाल सिंह नेगी, डीएस नेगी, प्रदीप नेगी, गबर सिंह रावत, चंद्रमोहन सिंह रावत, विजय नेगी, राजा आर्य, दिनेश चौधरी, मो अनस, राजीव जखमोला आदि मौजूद रहे।