रुड़की : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की (आईआईटी रूड़की) ने आईआईटी रूड़की, सहारनपुर परिसर के कागज़ प्रौद्योगिकी विभाग में एक व्यापक कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम की स्थापना के लिए कात्यायिनी पेपर मिल्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक महत्वपूर्ण साझेदारी की घोषणा की है। यह सहयोग ‘फार्म से फोर्क तक पैकेजिंग के माध्यम से खाद्य हानि व अपशिष्ट रोकथाम रणनीतियों’ पर ध्यान केन्द्रित करने के साथ एक उन्नत पैकेजिंग अनुसंधान प्रयोगशाला के विकास को भी चिह्नित करता है। दो प्रमुख कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं: वापी, गुजरात में शाह पेपर मिल्स लिमिटेड, और पंजाब के मुक्तसर में सैटिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड – सैटिया पेपर मिल्स।
यह अभूतपूर्व पहल कौशल विकास एवं टिकाऊ पैकेजिंग समाधान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उछाल का प्रतीक है, जो कात्यायिनी पेपर मिल्स द्वारा प्रदान किए गए सीएसआर अनुदान द्वारा सुगम है। कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम ग्रामीण एवं दूरदराज के क्षेत्रों के विज्ञान स्नातकों को सशक्त बनाने, उन्हें कागज परीक्षण एवं अपशिष्ट परीक्षण में आवश्यक कौशल और विशेषज्ञता से लैस करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। कार्यक्रम के सफल समापन से भागीदारी प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे, जिससे संभावित रूप से आस-पास के उद्योगों में रोजगार के अवसर खुलेंगे।
कौशल विकास कार्यक्रम एवं उन्नत पैकेजिंग अनुसंधान प्रयोगशाला सतत विकास को बढ़ावा देने और कार्यबल को आवश्यक कौशल व विशेषज्ञता से लैस करने की भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की की प्रतिबद्धता में महत्वपूर्ण योगदान हैं। यह साझेदारी सकारात्मक सामाजिक प्रभाव डालने और क्षेत्र एवं राष्ट्र के सतत विकास में योगदान देने के लिए आईआईटीआरडीएफ एवं कात्यायिनी पेपर मिल्स की साझा दृष्टि का उदाहरण देती है।
यह कात्यायिनी पेपर मिल्स प्राइवेट लिमिटेड की एक कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) पहल है, जैसा कि समझौता ज्ञापन (एमओयू) में दर्शाया गया है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की में आयोजित एमओयू हस्ताक्षर कार्यक्रम में राजेश अग्रवाल (प्रबंध निदेशक, कात्यायिनी पेपर मिल्स पी लिमिटेड), दीपिका अग्रवाल (निदेशक, कात्यायिनी पेपर मिल्स पी लिमिटेड), दिगांश अग्रवाल (निदेशक), कात्यायिनी पेपर मिल्स प्राइवेट लिमिटेड), विकास रस्तोगी (अध्यक्ष, कात्यायिनी पेपर मिल्स प्राइवेट लिमिटेड), निदेशक मंडल आईआईटीआरडीएफ – प्रोफेसर के के पंत (निदेशक, आईआईटी रूड़की), प्रोफेसर आरडी गर्ग (डोरा), प्रोफेसर दीपक खरे (कुलशासक एफ एंड पी) ), प्रोफेसर धर्म दत्त (विभागाध्यक्ष, कागज़ प्रौद्योगिकी विभाग), प्रोफेसर मिली पंत (विभागाध्यक्ष, अनुप्रयुक्त गणित एवं वैज्ञानिक कंप्यूटिंग विभाग), व वैभव शर्मा (एफ एंड ए मैनेजर, आईआईटीआरडीएफ) की उपस्थिती रही।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की के निदेशक प्रोफेसर केके पंत ने कहा, ”आईआईटीआरडीएफ की भूमिका, संस्थान एवं उसके लाभार्थियों के बीच की खाई को पाटकर संस्थान की उत्कृष्टता की खोज को सुविधाजनक बनाना है। कात्यायिनी पेपर मिल्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ सहयोग इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है। हम शैक्षणिक संस्थानों और उद्योगों के बीच सहयोग के उच्चतम अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करने के लिए आईआईटीआरडीएफ और कात्यायिनी पेपर मिल्स पी लिमिटेड के बीच साझेदारी की आकांक्षा रखते हैं।”
कात्यायिनी पेपर मिल्स प्राइवेट लिमिटेड के एमडी, राजेश अग्रवाल ने कहा, “कार्बन उत्सर्जन को कम करने के हमारे सक्रिय उपाय कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के वैश्विक उद्देश्यों के अनुरूप हैं। हम नए सहयोगी अवसरों का पता लगाने एवं अपनी साझेदारी को और बढ़ाने के लिए आईआईटीआरडीएफ के साथ मिलकर काम करने की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे हैं। कात्यायिनी पेपर मिल्स द्वारा प्रदर्शित समर्पण स्थिरता के प्रति हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता और पर्यावरण के प्रति गहन सम्मान को रेखांकित करता है।”
प्रोफेसर आर.डी. गर्ग, डोरा एवं एमडी, आईआईटीआरडीएफ, ने कहा, “इस महत्वपूर्ण एमओयू हस्ताक्षर कार्यक्रम ने आईआईटीआर डेवलपमेंट फाउंडेशन एवं कात्यायिनी पेपर मिल्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देने का मार्ग प्रशस्त किया है। आईआईटी रूड़की विकास फाउंडेशन (आईआईटीआरडीएफ) की यात्रा में उद्घाटन सहयोग एक विशेष स्थान रखता है। आईआईटीआरडीएफ में हमारा प्राथमिक उद्देश्य आईआईटी रूड़की में वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग नवाचार के विकास पथ व उन्नति का समर्थन करने के लिए संसाधन जुटाना है।
प्रोफेसर धर्म दत्त, विभागाध्यक्ष, कागज़ प्रौद्योगिकी विभाग, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की, सहारनपुर ने कहा, “इस महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर ने आईआईटीआर डेवलपमेंट फाउंडेशन व कात्यायिनी पेपर मिल्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच एक सशक्त सहयोग के लिए मंच तैयार किया है। कागज़ प्रौद्योगिकी विभाग इस परियोजना के माध्यम से स्थिरता के क्षेत्र में अग्रणी अनुसंधान के लिए समर्पित है, जो पेपर पैकेजिंग के विकास और छात्रों के कौशल वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करता है। इससे युवाओं की रोजगार क्षमता में सुधार और वर्तमान एवं भविष्य की पीढ़ियों के लिए कार्बन पदचिह्न को कम करने के लिए अधिक अनुकूल दृष्टिकोण की खोज को बढ़ावा मिलेगा।”