बागेश्वर : जनपद में कीवी की फसल ने अब तक कई किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूती प्रदान की है, जिसके परिणाम देखते हुए अन्य स्थानों में भी इस खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिसके तहत जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने पुड़कुनी गांव में काश्तकार रतन सिंह के खेत में कीवी के पौधे रोपे। उन्होंने कहा कि किसानों को प्रशासन व सरकार द्वारा हरसंभव मदद की जा रही है।
जिलाधिकारी अनुराधा पाल सोमवार को पुड़कुनी गांव पहुंची वहां उन्होंने उद्यान विभाग की योजना के तहत विकसित किए जा रहे किवी की खेती की जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने काश्तकार रतन सिंह द्वारा अपनी बंजर भूमि पर लगाई जा रही कीवी की फसल का शुभारंभ करते हुए 133 कीवी के पौधे रोपित किए। उन्होंने उद्यान अधिकारी को निर्देश दिए कि वे पौधे विकसित होने तक काश्तकार को हरसंभव मदद करें। उन्होंने कहा कि जनपद में उत्पादित कीवी की देश भर में काफी मांग है, क्योंकि यहां की जलवायु कीवी के लिए पूर्ण रूप से अनुकूल है। कहा कि पूर्व में शामा, लीती व अन्य स्थानों में कीवी की फसल की सफलता के बाद अब पुड़कुनी में इसकी खेती करने का लक्ष्य किया जा रहा है। जिसके तहत पौधरोपण किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कीवी को जंगली जानवरों से कोई खतरा नहीं है, जिससे किसान भी इस खेती में रूचि दिखा रहे हैं तथा उद्यान विभाग के माध्यम से इसे बढावा दिया जा रहा है। उन्होंने इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों की जानकारी देते हुए बताया कि उनके द्वारा भी जनपद में अधिक से अधिक कीवी उत्पादन करने को कहा है। जिसके निर्देश के क्रम में इसके लिए सब्सिडी भी दी जा रही है। जिलाधिकारी के गांव पहुँचने पर ग्रामीणों ने फूल मालाओं से उनका स्वागत किया व पारंपरिक परिधान पिछौड़ा भेंट किया।
जिला उद्यान अधिकारी आरके सिंह ने बताया कि पुड़कुनी के काश्तकार रतन सिंह 20 नाली बंजर भूमि पर हैवार्ड, ब्रूनो, एलीसन व मोंटी के 133 पौधे रोपित किए गए हैं। बताया कि वर्तमान में जनपद में प्रति फसल लगभग 10 मिट्रिक टन किवी की डिमांड है। विभाग द्वारा किसानों को कीवी की खेती करने के किए प्रेरित करने के साथ ही हर संभव मदद की जा रही है। इस दौरान सहायक उद्यान अधिकारी कुलदीप जोशी, रमेश दानू सहित अन्य किसान मौजूद थे।