देहरादून : असम STF ने ISIS के इंडिया चीफ को अरेस्ट किया है। उसके साथ साथी भी गिरफ्तार हुआ है। दोनों बांग्लादेश की सीमा से भारत में घुसे थे। उसके दोस्त अनुराग ने कुछ दिन पहले इस्लाम कबूल किया था। हारिस फारुकी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का पढ़ा हुआ बताया जा रहा है। असम में पकड़ा गया हारिस फारूकी का परिवार उत्तराखंड में रहता है। वह देहरादून के रहने वाले एक यूनानी हकीम का बेटा बताया जा रहा है। हालांकि, असम पुलिस ने जो प्रेस नोट जारी किया है, उसमें हैरिस फारूकी को चकराता का निवासी बताया गया है।
इस मामले में दून पुलिस और इंटेलिजेंस का कहना है कि वह पिछले 10 सालों से देहरादून नहीं आया है। केंद्रीय एजेंसी कई बार उसके बारे में जानकारी करने देहरादून आ चुकी हैं। बताया जा रहा है कि उसका पिता भी कई दिनों से ग़ायब है। SSP अजय सिंह ने बताया की हारिस के पिता एक यूनानी दवाखाना चलाते हैं। पिछले 20 सालों से फारूकी का परिवार देहरादून के डालनवाला में रहता है। पुलिस के पास काफ़ी समय से यह इनपुट था। उसके बारे में पता चला कि हैरिश 10 साल से देहरादून नहीं आया है।
असम पुलिस की ओर से दी गई जानकारी
गुवाहाटी : सहायक एजेंसियों से जानकारी मिली थी कि भारत में आईएसआईएस के दो शीर्ष नेता जो पड़ोसी देश में डेरा डाले हुए थे, तोड़फोड़ की गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धुबरी सेक्टर में भारत में प्रवेश करेंगे। इनपुट के आधार पर, श्री पार्थसारथी महंत, आईपीएस, आईजीपी (एसटीएफ), श्री कल्याण कुमार पाठक, एपीएस, अतिरिक्त एसपी, एसटीएफ और अन्य रैंकों के तहत एक एसटीएफ टीम को उक्त आरोपी व्यक्तियों का पता लगाने और पकड़ने के लिए नियुक्त किया गया था, जो वांछित आरोपी भी हैं। एनआईए. टीम 19/03/24 की शाम को धुबरी के लिए रवाना हुई। इसके बाद, चूंकि इनपुट विश्वसनीय था, इसलिए अपराधियों को पकड़ने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में एक तलाशी अभियान शुरू किया गया। 20/03/24 की सुबह लगभग 4.15 बजे, अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने के बाद धुबरी के धर्मशाला इलाके में आरोपी व्यक्तियों का पता चला।
दोनों को पकड़कर गुवाहाटी स्थित एसटीएफ कार्यालय लाया गया। दोनों की पहचान की गई और पता चला कि आरोपी हारिस फारुकी उर्फ हरीश अजमल फारुखी पुत्र अजमल फारुखी निवासी चकराता, देहरादून भारत में आईएसआईएस का मुखिया है। उनके सहयोगी अनुराग सिंह उर्फ रेहान पुत्र मनबीर सिंह निवासी दीवाना, पानीपत ने इस्लाम धर्म अपना लिया है और उसकी पत्नी बांग्लादेशी नागरिक है। ये दोनों भारत में आईएसआईएस के अत्यधिक प्रशिक्षित और प्रेरित नेता/सदस्य हैं। उन्होंने पूरे भारत में कई स्थानों पर आईईडी के माध्यम से भर्ती, आतंकी फंडिंग और आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने की साजिशों के माध्यम से भारत में आईएसआईएस के उद्देश्य को आगे बढ़ाया था। उनके खिलाफ एनआईए, दिल्ली, एटीएस, लखनऊ आदि में कई मामले लंबित हैं। एसटीएफ, असम इन भगोड़ों के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई करने के लिए आरोपियों को एनआईए को सौंप देगी।