- योग पार्क की स्थापना के साथ हरिद्वार ने दी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की सशक्त शुरुआत
हरिद्वार : सतीकुंड, कनखल — अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 की तैयारियों के अंतर्गत हरिद्वार के ऐतिहासिक सतीकुंड में आज एक विशिष्ट आयोजन के माध्यम से “योग पार्क” की स्थापना की गई। इस कार्यक्रम ने स्वच्छता, स्वास्थ्य और पर्यावरण चेतना के त्रिवेणी संगम को मूर्त रूप देते हुए जनमानस में गहरी छाप छोड़ी।
स्वच्छता से आरंभ, योग साधना से आत्मशुद्धि और वृक्षारोपण से प्रकृति के प्रति कर्तव्यबोध
कार्यक्रम का शुभारंभ पार्क की सफाई के साथ हुआ, जिसमें प्रतिभागियों ने श्रमदान कर स्वच्छता के महत्व को प्रत्यक्ष रूप से अनुभव किया। तत्पश्चात कॉमन योगा प्रोटोकॉल के अंतर्गत सामूहिक योगाभ्यास किया गया, जिसमें उपस्थित लोगों ने तन-मन को एकाग्र कर योग की वास्तविक भावना को आत्मसात किया। योगाभ्यास के उपरांत वृक्षारोपण कर प्रकृति के प्रति समर्पण को भी दर्शाया गया।
गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति ने बढ़ाया आयोजन का गौरव
इस आयोजन में प्रमुख रूप से डॉ. शशि वर्मा (निर्देशक एवं प्रधानाचार्य), शुभम मैदोला (पार्षद, नगर निगम), वरिष्ठ समाजसेवी रजनी शर्मा, तथा विभिन्न मीडिया प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे। सभी अतिथियों ने योग को सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बताते हुए इसे दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने की अपील की।
140 प्रतिभागियों ने लिया संकल्प — “हर दिन योग, जीवन में सत्व”
इस प्रेरक आयोजन में 140 लोगों ने भाग लिया और प्रतिदिन योग करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रतिभागियों एवं सहयोगियों ने पूरे उत्साह और जिम्मेदारी के साथ आयोजन को सफल बनाया।
कार्यक्रम के सहयोगी
डॉ. पूजा रॉय, विजय रयाल, नवीन थपलियाल, प्रतिमा दीपक पाण्डे, शालू चौहान, अजय तिवारी, विनय कटारिया, अरविन्द डंगवाल, रघुबीर सिंह, अंकुर सैनी, सतीस, विक्रम राणा, विनित।
विशेष सहयोग
डॉ. धनेन्द्र वशिष्ट, डॉ. अश्वनी कौशिक, डॉ. सोरमी, डॉ. विक्रम रावत।
इस अवसर पर जिला आयुर्वेदिक एवं युनानी अधिकारी डॉ. स्वास्तिक सुरेश एवं डॉ. नवीन दास भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। डॉ. स्वास्तिक ने अपने संबोधन में योग को “शरीर, मन और समाज के समुचित संतुलन का साधन” बताया।
राष्ट्रीय आयुष मिशन हरिद्वार के नोडल अधिकारी एवं मीडिया प्रभारी डॉ. अवनीश उपाध्याय ने योग पार्क के उद्देश्यों, इसकी वैज्ञानिकता और सामाजिक उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के आयोजनों से समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार होता है।