कोटद्वार : प्राचीन काल से आज तक शिक्षक को समाज के आदर्श व्यक्तित्व के रूप में स्वीकारा जाता है। प्रारम्भ में वह ब्रह्मा विष्णु तो कालान्तर में धर्मगुरु बन गया। यह तो निश्चित ही है कि विद्यार्थियों के व्यक्तित्व व निर्माण में शिक्षक की अद्वितीय भूमिका है। मनोविज्ञान के प्रभाव ने शिक्षा को बाल केन्द्रित बना दिया है। एसे में आधुनिक शिक्षा पद्धति में शिक्षक, शिक्षक होने के साथ-साथ अभिभावक, नेता, निर्देशक, सहयोगी, सलाहकार तथा निष्पक्ष निर्णायक आदि अनेक भूमिकाओं का निर्वाह करता है। आज शिक्षक अनेक प्रकार से विद्यार्थियों का सहयोग करता है।
भगवंत ग्लोबल विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर पीएस राणा एक आदर्श शिक्षक के रूप में अपने दायित्वों का कर रहे हैं निर्वहन । भगवंत ग्लोबल विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर पीएस राणा एक आमजन एवं बच्चों में प्रसिद्ध है जो बच्चों को हमेशा जागरूक कर अच्छे कार्यों के लिए प्रेरित करते हैं. वैसे तो प्राचीन काल से ही शिक्षक का कार्य समाज के निर्माण के साथ ही विद्यार्थियों को शिक्षा देने का रहा हैं।
भगवंत ग्लोबल विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर पीएस राणा विद्यार्थियों को नशे से दुष्प्रभाव, बाल भिक्षावृत्ति, बाल श्रम तथा मानव तस्करी की रोकथाम के लिए बने कानून की जानकारी देने के साथ ही वह बच्चों एवं युवाओं को बाल अपराध, महिला सुरक्षा कानून, चाइल्ड हेल्प लाइन, यातायात नियम, सड़क दुर्घटना में घायलो की मदद कर नेक व्यक्ति बनने का आह्वान करते हैं। प्रोफेसर पीएस राणा के द्वारा युवाओं को साइबर क्राइम, इंटरनेट मीडिया फ्राड आदि से सावधान किया जाता हैं और उनके द्वारा उन्हें बताया जाता हैं कि बैंक खाता, एटीएम कार्ड, ओटीपी आदि की जानकारी किसी को नहीं दें। । प्रोफेसर पीएस राणा के द्वारा महिलाओं व बालिकाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों के बारे में भी लगातार जन जागरूकता अभियान एवं स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा हैं ।
आपको बताते चले कि भगवंत ग्लोबल विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर पीएस राणा का जन्म टिहरी गढ़वाल में स्थित एक छोटे से गांव चाह में साधारण परिवार में दिनांक 12 सितम्बर 1972 को हुआ। आपकी माता जी का नाम विषा देवी व पिता का नाम धर्म सिंह राणा था। माता जी आदर्श गृहणी व पिता जी शिक्षक होने के कारण आपको बचपन से ही शिक्षा के प्रति अत्यन्त सकारात्मक दृष्टिकोण होने का सौभाग्य मिला। कदाचित उन्होंने आपमें बचपन से ही कूट–कूटकर भर दिया कि कोई भी व्यक्ति उच्च शिक्षा प्राप्ति किये बगैर उन्नति नहीं कर सकता। आपकी स्कूली शिक्षा गांव स्थित विद्यालय कनैलधार (अब इण्टर) से हुई तथा उच्च शिक्षा हेतु आपने स्वामी राम तीर्थ परिसर टिहरी में प्रवेश लिया। यहां से स्नातक करने के बाद प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए श्रीनगर व देहरादून चले गये। तैयारी के साथ–साथ बी०एड० में चयनित होने पर आपने बीएड में प्रवेश ले लिया। बीएड के पाठ्यक्रम का आपके जीवन के दार्शनिक, आध्यात्मिक एवं मनोवैज्ञानिक पक्ष पर इतना सकारात्मक प्रभाव पड़ा कि आपने एमएड में प्रवेश लेकर एमएड परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की।
उसके बाद भगवंत ग्लोबल विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर पीएस राणा ने आपने अपने कैरियर की शुरुआत अपने टिहरी शहर स्थित स्वामी राम तीर्थ परिसर से बतौर अंशकालिक प्रवक्ता से की। इस बीच पी–एचडी हेतु पंजीकरण करा लिया व विपरीत परिस्थितियों के बावजूद पी–एचडी की उपाधि हासिल की। तदोपरांत आपने श्री चन्द्रबदनी महाविद्यालय (तत्कालीन प्राइवेट) को ज्वाइन किया। आपने अन्य विषयों– अर्थशास्त्र व गणित में भी स्नातकोत्तर की उपाधि हासिल की किन्तु अब अपने परिवार की जिम्मेदारी बढ़ने के कारण आप नौकरी हेतु प्रयास करने लगे और रुड़की स्थित प्रतिष्ठित केएल डीएवी पीजी कॉलेज रुड़की में आपका चयन नियत वेतन पर बतौर प्रवक्ता पद पर हो गया। इसी बीच आपको टिहरी जल विकास निगम द्वारा संचालित हाई स्कूल में बतौर सहायक अध्यापक की स्थायी नौकरी मिल गयी। जहां आपने ढाई वर्ष तक कार्य किया किन्तु वहां आपका मन नहीं लगा और आपने नौकरी छोड़ दी। आपने अपनी कर्मस्थली हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से सम्बद्ध विभिन्न शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों में बतौर प्रवक्ता, सहायक –प्रोफेसर, सह–प्रोफेसर व प्रोफेसर /प्रिंसिपल आदि दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन करते हुए अपनी सेवाएं दी। आपने शिक्षण, प्रशासन, प्रबन्धन के साथ–साथ सामाजिक, शैक्षणिक संस्थाओं में भी अपनी सक्रिय भूमिका निभाई। विभिन्न प्रशिक्षण संस्थानों के निरीक्षण पैनल में राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद द्वारा आपको सदस्य चयनित किया गया जहां आपने निरीक्षण मण्डल में रहते हुए सफलतापूर्वक कार्य किया।
भगवंत ग्लोबल विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर पीएस राणा के दो दर्जन से अधिक शोध पत्र प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं। आपके द्वारा स्नातकोत्तर स्तर पर लगभग 50 शोध छात्रों का शोध निर्देशन कर चुके हैं जबकि आठ शोधार्थी आपके निर्देशन में वर्तमान में शोध कार्य कर रहे हैं। आप विभिन्न विश्वविद्यालयों यथा– डॉ. बीआर अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झांसी, रा० म० लो० अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद, सिंघानिया विश्वविद्यालय, लार्ड विश्वविद्यालय जयपुर, शोभित विश्वविद्यालय मेरठ आदि में बतौर परीक्षक इम्पैनल्ड हैं। आप इग्नू केन्द्रीय विश्वविद्यालय, एनआईओएस, एनसीटीई आदि संस्थानों से सम्बद्ध रहे हैं। 2020 में कोरोना वायरस के कारण आई महामारी से पुनः नये दायित्व के लिए मन में निश्चय किया, परिणाम स्वरूप आपने भगवंत विश्वविद्यालय में साक्षात्कार दिया व आपका चयन जून माह में भगवंत ग्लोबल विश्वविद्यालय कोटद्वार के लिए बतौर अधिष्ठाता (डीन) के पद पर हो गया । यहां आपने दो वर्ष सफलतापूर्वक पूर्ण किये ही थे कि आपकी कर्तव्यनिष्ठता को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रबन्धन द्वारा दिनांक 9 दिसम्बर 2023 को आपको बतौर प्रति– कुलपति प्रोन्नतकर सम्मानित किया गया जहां आप वर्तमान में कार्यरत् हैं।
भगवंत ग्लोबल विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर पीएस राणा शिक्षण के साथ–साथ शोध, प्रशिक्षण, प्रसार व सामाजिक गतिविधियों में संलग्न रहकर समाज के प्रति विश्वविद्यालय की भूमिका सुनिश्चित करने हेतु निरन्तर सक्रिय रहते हैं।आपके कुशल नेतृत्व व संचालन का आभास इसी बात से लगाया जा सकता है कि आपने विश्वविद्यालय में विभिन्न नये पाठ्यक्रम यथा–बीएससी नर्सिंग, बीएससी व एमएससी में माइक्रो, बायोटैक, बीटेक (सीएसई, एआई, मशीन लर्निंग), डीएनवाईएस, बीएनवाईएस, एमएससी एलटी, बीपीटी पाठ्यक्रम प्रारम्भ कर छात्र-छात्राओं की रुचि के अनुसार विषयों के चयन की सुविधा दिलवायी है। शिक्षणेत्तर क्रियाकलापों में विश्वविद्यालय में एनएसएस में 100 सीटें व भारत स्काउट एवं गाइड में 50-50 सीटें आवंटित करने का सफल प्रयास किया।
भगवंत ग्लोबल विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर पीएस राणा के कुशल समन्वयन से विश्वविद्यालय भारत सरकार की योजना के अन्तर्गत संचालित ‘उन्नत भारत मिशन‘ कार्यक्रम के तहत पौड़ी जनपद के दुगड्डा ब्लाक के पांच गांवों को गोद लिया हुआ है जहां समय–समय पर विभिन्न क्रियाकलापों का संचालन करता है। विश्वविद्यालय समय–समय पर सामाजिक गतिविधियों यथा–जनजागरुकता कार्यक्रम, रैली, सम्पर्क अभियान के माध्यम से सफाई अभियान, नशामुक्ति, कुरीतियों के खिलाफ, भिक्षावृत्ति के खिलाफ आपरेशन मुक्ति, फसलों की जानकारी, उर्वरा शक्ति बढ़ाने हेतु नयी तकनीकी जानकारी हेतु किसान मेला, ब्लड डोनेशन कैम्प का आयोजन, प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन आदि कर विश्वविद्यालय की प्रगति को सतत् प्रयत्नरत् हैं।
भगवंत ग्लोबल विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर पीएस राणा के नेतृत्व में विश्वविद्यालय छात्रों के सर्वांगीण विकास व गुणवत्तायुक्त शिक्षा हेतु कटिबद्ध है। विश्वविद्यालय में अनुभवी व कुशल शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है। विश्वविद्यालय में प्रयोगात्मक पक्ष पर बल दिया जाता है व स्मार्ट कक्षाओं द्वारा शिक्षण होता है जिससे न केवल तकनीकी कौशल बल्कि संज्ञानात्मक पक्ष का विकास कर छात्र के व्यक्तिगत विकास पर ध्यान दिया जाता है। इसी के परिणामस्वरूप परीक्षा परिणाम लगभग 95% रहता है, छात्र संख्या में निरन्तर वृद्धि हो रही है। प्रतिकुलपति पद पर पदभार ग्रहण करते समय आपने जो वचन गुणवत्तायुक्त शिक्षा, उचित शैक्षणिक परिवेश बनाना, अनुशासन, छात्र–शिक्षक व अभिभावकों के मध्य संवाद, शिक्षण के साथ-साथ शोध पर बल देने आदि प्रदान किया वह निरन्तर पूर्ण होता दिखाई दे रहा है।