छात्र-छात्राओं की अपार आईडी बनाने में देशभर में 08वें स्थान पर उत्तराखंड

by intelliberindia

देहरादून : राष्ट्रीय स्तर पर स्कूली शिक्षा के अन्तर्गत सभी छात्र-छात्राओं की रियल टाइम ट्रेकिंग के लिए भारत सरकार द्वारा सभी राज्यों को One Nation One ID कार्यक्रम प्रारम्भ किये जाने के लिए अपार आईडी प्रत्येक छात्र-छात्रा को दिये जाने के निर्देश दिये गये हैं। राज्यों की प्रगति अपेक्षित न होने के कारण भारत सरकार द्वारा 09 एवं 10 दिसम्बर 2024 को राष्ट्रीय स्तर पर मेगा अपार दिवस मनाये जाने का निर्णय लिया गया। उत्तराखण्ड राज्य में भी छात्र-छात्राओं की अपार आईडी बनाये जाने हेतु राज्य स्तर से लगातार इसका अनुश्रवण किया जा रहा है तथा जनपद एवं विकासखण्ड स्तर पर अधिकारियों के साथ समीक्षा की जा रही है।

उत्तराखण्ड राज्य की स्थिति अन्य राज्यों की तुलना में अच्छी है तथा अद्यतन आँकड़ों के अनुरूप 42.2 प्रतिशत छात्र-छात्राओं को अपार आईडी सृजित करने के साथ राज्यों की यदि रैंकिग देखी जाये तो प्रगति के आधार पर उत्तराखण्ड सभी राज्यों में 8वें स्थान पर है। यदि इसमें जनपदों की प्रगति हम देखते हैं तो जनपद चमोली में 67.46 प्रतिशत, बागेश्वर में 64.83 प्रतिशत, पौड़ी में 62.79 प्रतिशत, अल्मोड़ा में 60.04 प्रतिशत, चम्पावत में 56.01 प्रतिशत, पिथौरागढ़ में 52.78 प्रतिशत एवं टिहरी में 51.89 प्रतिशत, की प्रगति अपेक्षाकृत अच्छी है, शेष जनपदों को अपनी प्रगति सुधारे हेतु निर्देश दिये गये हैं। विभाग द्वारा कार्यक्रम को शीर्ष वरियता देते हुये सभी खण्ड शिक्षा अधिकारियों एवं मुख्य शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि अपने विकासखण्ड/जनपद की प्रगति से प्रतिदिन अपने से उच्च स्तर के अधिकारी के साथ साझा करें तथा इसी क्रम में प्रतिदिन आँकड़े साझा किये जा रहे हैं।

राज्य के सभी विद्यालयों में शत् प्रतिशत बच्चों की अपार आईडी बन सके इसके लिए 09 एवं 10 दिसम्बर 2024 को मिशन मोड में मेगा अपार दिवस मनाया जा रहा है। इसी क्रम में 9 दिसम्बर 2024 को सभी विद्यालयों में अपार आईडी के सम्बन्ध में छात्र-छात्राओं, अभिभावकों, जनप्रतिनिधियों को अपार आईडी की आवश्यकता, अपार आईडी के लाभ से अवगत कराया गया तथा उन्हें जागरूक करने के लिए यह भी बताया गया कि- यथा विद्यार्थियों की उपलब्धियाँ जैसे परीक्षा परिणाम, Holistic Report Card, छात्रवृत्ति तथा अन्य उपलब्धियों को डिजीटल रूप से संग्रहित किया जा सकता है। उक्त आईडी के द्वारा विद्यार्थी अपनी शैक्षिक प्रगति की ट्रेकिंग के साथ ही किसी भी समय अपने प्रमाणिक शैक्षणिक अभिलेखों को प्राप्त कर सकता है। इस आईडी की सहायता से शैक्षणिक संस्थानों के बीच स्थानान्तरण, उच्च शिक्षा तथा नौकरी के लिए आवेदन करने के लिए भी सुविधा होगी। इसमें आम जनसहभागिता के लिए इसका प्रचार प्रसार करने का अनुरोध किया गया। विद्यालयों में यह कार्यक्रम मनाया गया तथा प्रयास किया गया कि अधिक से अधिक बच्चों की अपार आई. डी. सृजित हो सके। यह कार्यक्रम दूसरे दिन अर्थात 10 दिसम्बर 2024 को भी जारी रहेगा।

राज्य परियोजना निदेशक झरना कमठान द्वारा अवगत कराया गया कि राज्य की प्रगति यद्यपि अन्य राज्यों से अच्छी है लेकिन अपार आईडी बनाये जाने में विद्यालय स्तर पर कुछ व्यावहारिक कठिनाईयाँ भी आ रही हैं जैसे छात्र-छात्राओं के आधार एवं स्कूल अभिलेखों में नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि आदि में विसंगति होना। अपार आईडी के लिए आधार नम्बर डालना आवश्यक है जो कि आधार के आँकड़ों के आधार पर ही छात्र विवरण स्वीकार कर रहा है। विद्यालय अभिलेखों में उक्त विवरण अलग होने के कारण विद्यालय स्तर से बिना संशोधन किये विवरण दिये जाने में व्यवहारिक कठिनाई है इसलिए प्रगति अपेक्षानुरूप नहीं हो पा रहे हैं तथा अधिक समय लगा रहा है।

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