उत्तराखंड : स्वास्थ्य मंत्री का बड़ा फैसला, हटाए गए कर्मचारियों को किया जाएगा समायोजित

by intelliberindia

देहरादून: उपनल के जरिए कोरोना काल में नौकरी तैनात स्वास्थ्य कर्मियों को हटाने जाने का लगातार विरोध हो रहा है। इधर, स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारियों को समायोजित किया जाएगा। सूबे की स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत एवं सुगम बनाने के लिए शीघ्र ही दो दिवसीय स्वास्थ्य चिंतन शिविर का आयोजन किया जायेगा। जिसमें देश एवं प्रदेशभर के चिकित्सकों एवं विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जायेगा।

चिंतन शिविर में प्राप्त सुझावांं एवं लिये गये निर्णयों के आधार पर स्वास्थ्य सेवाओं के क्रियान्वयन के लिए एक वर्षीय कार्ययोजना तैयार की जायेगी। कोविड काल के दौरान विभिन्न चिकित्सालयों एवं मेडिकल कॉलेजों में अपनी सेवा देने वाले आउटसोर्स कार्मिकों को रिक्त पदों के सापेक्ष समायोजित किया जायेगा। जिसके लिए शीघ्र प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट बैठक में रखा जायेगा।

विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर देहरादून के एक निजी होटल में आयोजित कार्यक्रम ‘हमारा ग्रह हमारा स्वास्थ्य’ को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुए सूबे के चिकित्या स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश के दूरस्त क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार एवं आम जनता को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने के मध्यनजर एक वर्षीय कार्ययोजना तैयार की जायेगी। जिसके लिए शीघ्र दो दिवसीय स्वास्थ्य चिंतन शिविर का आयोजन किया जायेगा।

जिसमें देश एवं प्रदेशभर के प्रख्यात चिकित्सकों एवं विशेषज्ञों को आमंत्रित कर उनके सुझावों को शामिल करते हुए विभाग द्वारा एक वर्षिय कार्ययोजना तैयार की जायेगी। उन्होंने कहा कि कोविड काल के दौरान विभिन्न चिकित्सालयों एवं मेडिकल कॉलेजों में अपनी सेवा देने वाले जिन आउटसोर्स कार्मिकों को 31 मार्च के उपरांत सेवा से हटा दिया गया है, उन्हें पुनः रिक्त पदों के सापेक्ष समायोजित किया जायेगा।

इसके लिए सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों एवं मेडिकल कॉलेज के प्राचार्यों से एक सप्ताह के भीतर रिक्तियों का विवरण उपलब्ध कराने को कहा गया है। उपलब्ध रिक्तियों के आधार पर हटाये गये कार्मिकों के समायोजन का प्रस्ताव शीघ्र कैबिनेट बैठक में रखा जायेगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आयुष्मान कार्ड एवं गोल्डन कार्ड धारकों को उपचार के दौरान जिन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है उनके शीघ्र निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है।

 

निजी अस्पतालों के पंजीकरण संबंधी क्लीनिकल एक्ट की खामियों को शीघ्र दूर करने का आश्वासन देते हुए डॉ. रावत ने कहा कि इस संबंध में भी जल्द से जल्द निर्णय ले लिया जायेगा। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सचिव स्वास्थ्य डॉ. पंकज पाण्डेय ने कहा कि हमें बेहत्तर स्वास्थ्य के लिए अपने आस-पास के पर्यावरण का भी ध्यान रखना होगा। इसके साथ ही अपने खान-पान पर भी विशेष ध्यान देना होगा तभी बेहत्तर स्वास्थ्य की कल्पना की जा सकती है।

विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न वक्ताओं ने जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण संबंधी सुधारों, आपदा एवं महामारी प्रबंधन तथा आमजन के स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता पर आधारित विषयों पर अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में निदेशक एनएचएम डॉ. सरोज नैथानी ने सामुदायिक भागीदारी के लिए स्वास्थ्य मेलों, रैलियों, रक्तदान शिविरों एवं स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन को जरूरी बताया।

सीनियर कंसलटेंट, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण डॉ. गिरीशी जोशी ने बाढ़, बर्फीले तूफान, हिमस्खलन जैसी गंभीर मौसमी घटनाओं के दौरान स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को सलाइड शो के माध्यम से समझाया। जबकि पूर्व पीसीसीएफ उत्तराखंड एसटीएस लेप्चा ने वन प्लेनेट वन हेल्थ पर अपने विचार रखे। इसी प्रकार एसडीसी फाउंडेशन देहरादून के संस्थापक अनूप नौटियाल ने पर्वतीय परिवेश में कचरा प्रबंधन एवं सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग की चुनौतियों एवं समाधान विषय पर व्याख्यान दिया।

आयुर्वेदिक फिजीशियन डॉ. शिखा प्रकाश ने स्वास्थ्य एवं आरोग्य हेतु योग, आहार के प्रभाव विषय पर विस्तृत जानकारी दी। जबकि ग्लोबल सॉल्यूशन इन इंडिया की निदेशक प्रशिक्षण प्रो.आशा रानी कपूर ने फूड फोटिफिकेशन के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किये। इसी प्रकार एफडीए उत्तराखंड के प्रभारी उपायुक्त गणेश कण्डवाल ने ईट राईट इंडिया अभियान एवं स्थानीय खाद्य उत्पादों के महत्व को समझाया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. धन सिंह रावत द्वारा वक्ताओं को सम्मानित किया गया।

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