उत्तराखंड : CM धामी की सर्जीकल स्ट्राइक, नपेंगे नगर पंचायत पुरोला के भ्रष्टाचारी 

by intelliberindia

पुरोला : उत्तरकाशी जिले की पुरोला नगर पंचायत इन दिनों चर्चा में है। नगर पंचायत में हुए निर्माण कार्यों को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। भाजपा सभासदों के विरोध के बाद शासन से की गई शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कड़ा एक्शन लिया है।

जांच आदेश s (159)

नगर पंचायत पुरोला जाँच 2021-2022

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सीएम धामी ने नगर पंचायत पुरोला में मुख्यमंत्री घोषणा के तहत की गई घोषणाओं को निरस्त कर दिया। नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन नेगी जहां खुद को पाक-साफ बता रहे हैं। वहीं, भाजपा सभासदों ने प्रमाणों के साथ उनको कटघरे में खड़ा किया है।

दरअसल, हाल ही में नगर पंचायत पुरोला में मुख्यमंत्री घोषणा के तहत किए गए कार्यों की स्वीकृति को शिकायत के बाद सीएम धामी ने तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है, जिसके बाद से नगर पंचायत पुरोला चर्चाओं में है। क्षेत्र में नगर पंचायत को लेकर कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं।

जहां लोग हरिमोहन नेगी को एक युवा चेहरे के रूप में देख रहे थे। वहीं, अब उन पर लगे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों ने उनको सवालों के घेरे में ला खड़ा कर दिया है। नगर पंचायत के जिन कामों को निरस्त किया गया है, उनका बजट शासन से नहीं मिला था। जबकि, नगर पंचायत ने बिना बजट के ही ठेकेदारों के साथ अनुबंध कर उनको काम शुरू करने के लिए कह दिया।

अब सवाल यह खड़े होते हैं कि जिस काम के लिए स्वीकृति ही नहीं मिली थी। उन कामों को नगर पंचायत कैसे करा सकती है। जिन कार्यों को स्वीकृति निरस्त की गई है, उन कार्यों का नगर पंचायत बोर्ड बैठक में बहिष्कार किया गया था। सभासदों ने नगर पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ सीएम धामी से शिकायत की थी।

साथ ही निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार को लेकर सबूत भी सरकार को सौंपे थे, जिनका अध्ययन करने के बाद कड़ा एक्शन लेते हुए मुख्यमंत्री घोषणा के सभी कार्यों की स्वीकृति को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया। अब इसको लेकर राजनीति भी हो रही है। नगर पंचायत अध्यक्ष का कहना है कि सभी कार्य नियमों के तहत हुए हैं। जबकि, भाजपा का आरोप है कि कार्यों में अनियमितता की गई है।

मुख्यमंत्री घोषणा में स्वीकृत सभी 9 योजनाओं में धनराशि जारी की गई है, जो नगर पंचायत को प्राप्त हो गई है। इस संबंध में डीएम से जांच रिपोर्ट मांगी गई है।शेष 16 कार्यों की जांच गतिमान रहने तक विलोपित किया गया है। कार्यों पर क्या निर्णय लिया जाएगा। यह जांच रिपोर्ट पर निर्भर करेगा।

 

भाजपा का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के नारे के साथ निरंतर भ्रष्टाचार मुक्त विकास को आगे बढ़ाने के लिए कटिबद्ध है। नगर और नगर क्षेत्र के विकास के लिए जो कार्य आवश्यक हैं, उन्हें निश्चितरूप से स्वीकृत कर धरातल पर उतारने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। लेकिन, भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

यह भी है मामाला

नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन नेगी अध्यक्ष नगर पंचायत पुरीता द्वारा अपने कार्यकाल प्रारम्भ होने की तिथि से स्थापित नियमों के कई कार्य किये गये, जिसके सम्बन्ध में नगर पंचायत पुरोला के सभासदों द्वारा 2 बार जांच किये जाने की मांग की जा रही थी।

उक्त सम्बन्ध में भाजपा सभासदों द्वारा एक संयुक्त प्रार्थना पत्र शहरी विकास मन्त्री को प्रेषित किया गया। जिन पर उनके द्वारा जांच करने के आदेश दिये गये। इसी क्रम में जिलाधिकारी उत्तरकाशी ने जांच अपर जिलाधिकारी उत्तरकाशी को नामित किया गया। लेकिन, लम्बी अवधि व्यतीत होने के बावजूद भी उनके द्वारा जांच आख्या जिलाधिकारी को नहीं गयी तो इस सम्बन्ध में सभासदों ने अपर जिलाधिकारी उत्तरकाशी से वार्ता की गई और उनसे अनुरोध किया गया कि वे शीघ्र पूरी करने की कृपा करे ताकि दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा सके किन्तु उनके द्वारा सभासदों से आपका दबाव बनाया गया। इससे स्पष्ट है कि अपर जिलाधिकारी जांच करने के लिए गम्भीर नही है।

इनकी भी जांच

सृष्टि सर्विस स्टेशनला वर्ष 2019 2020 2021 में वाहन संख्या 0333 वाहन संख्या 77 वाहन संख्या 9688 वाहन संख्या वाहन संख्या 9300 वाहन संख्या 3CB Dumper 2748 वाहन संख्या 0808 वाहन संख्या 4572 वाहन संख्या 9149 वाहन संख्या 2448 मोटर साईकिल 0115 ये सभी वाहन व्यक्ति विशेष के है जिनपर पेट्रोल/डीजल भरवाकर उस स्टेशन से रसीद प्राप्त कर उन सबका भुगतान नगर पंचायत पुरोला की निधि से कराया गया जो कि भारी वित्तीय अनियमितता है जिससे नगर पंचायत पुरोला को वित्तीय क्षति हुई है स में सृष्टि सर्विस स्टेशन को भुगतान बिलों की प्रक्रिया संलग्न की जा रही है जिनके बिलों की कुल है। जिला विकास अधिकारी का एक शिकायती पत्र पर अपने आदेश पत्रांक 1040/लेख/प्रगति/2021-22 दिनांक 09.09.2021 के द्वारा व (1)

 

विकास अधिकारी पुरीला से दो योजनाओं पर जांच कराई गई जिसके अनुपालन मे खण्ड विकास अधिकारी ने अपने पत्रांक 1092/लेखा/प्रगति / 2021-22 दिनांक 06.102021 के द्वारा अपनी जा या प्रेषित की जिसमें उल्लेख किया गया कि प्रश्नगत दोनी योजनाओं पर 5-6 वर्ष पूर्व कार्य किया गया और वर्तमान में इस पर कोई कार्य नहीं किया गया।

इससे यह सिद्ध होता है कि नगर पंचायत द्वारा मौके पर कोई काम न कराते हुए की मापन करते पुस्तिका में अंकना की गई और योजना के लिए स्वीकृत धनराशि का आहरण कर दिया गया। इस तरह वह कूत व्यपरण की श्रेणी में आता है। समय में खण्ड विकास अधिकारी का पत्राक सं. 1042 दिनांक 06.10.2021 संलग्न है। संलग्न-21 हरिमोहन सिंह नेगी यक्ष नगर पंचायत पुरोला ने अपना एक होटल नेगी

टावर के नाम से पुरोला में निर्मित किया जिसका निर्माण लोक निर्माण विभाग एवं राज्य सरकार की भूमि पर किया गया। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी उत्तकाशी को एक शिकायती पत्र राजेश नीर्टियल एवं अन्यों के द्वारा प्रस्तुत किया गया जिस पर उनके द्वारा उप जिलाधिकारी को जांच करने के निर्देश दिये गये। इस सम्बन्ध में तहसीलदार पुरोला द्वारा जाप कराते हुए अपनी आख्या पत्रांक 135/विविध/2022 दिनांक 22.5.2022 उपजिलाधिकारी / पुरोला को प्रषित की जाये जिसमें उनके द्वारा उल्लेख किया गया कि जिस स्थान पर नेगी टावर होटल बना है, वह भूमि हरि मोहन पुत्र विजेन्द्र सिंह ग्राम कोरना के नाम बतौर सहखातेदार के रूप में दर्ज है तथा खसरा नं० 1042 रकबा 0008 भूमि उत्तराखण्ड सरकार वर्ग 9050 के नाम दर्ज है।

इससे स्पष्ट हो जाता है कि हरिमोहन सिंह नेगी अध्यक्ष नगर पंचायत पुरोला द्वारा अपने पदीय दायित्वों के विपरीत सरकारी भूमि पर कब्जा करके होटल निर्मित किया गया है। उनके इस कार्य से नगर निकाय अधिनियम में वर्णित व्यवस्था का स्पष्ट उल्लंघन हुआ है। साक्ष्य में शिकायती पत्र तहसीलदार पुरोला की जांच आख्या एवं उपजिलाधिकारी पुरोला का पत्र संख्या 286 दिनांक 10 जून 2022 संलग्न है। संलग्न-3

 

अध्यक्ष नगर पंचायत पुरोला द्वारा विभागीय व शासकीय कार्यों के प्रयोजन हेतु वाहन किराये पर लिये जाने के सम्बन्ध में निविदा विज्ञप्ति अपने पत्रांक 14 दिनांक 18.9.2019 के द्वारा जारी की गयी जिसका प्रकाशन राष्ट्रीय सहारा से कराया जिसमें यह उल्लेख किया गया था की वाहन स्वामियों को अपनी निविदा 3019/2019 के अपराहन 2 बजे तक आमन्त्रित की जाती है।

 

इसके क्रम में तीन व्यक्तियों द्वारा अपने निविदा दी गयी और यह निविदा अमित नौटियाल के नाम पर 40,000 रुपये बिना चालान एवं जीएसटी 5000 प्रतिमाह में स्वीकृत की गयी। जिसके अनुबन्ध पत्र दोनो पक्षों के बीच में सम्पादित किया गया। यह अनुबन्ध दो वर्ष के लिए शासन द्वारा अधिकृत नहीं है। किन्तु नगर पंचायत पुरोला द्वारा बिना शासन के स्वीकृति के स्कार्पियो वाहन हायर कर के अनुबन्ध किया गया जिससे स्थापित नियमों का स्पष्ट उलघन हुआ है।

उक्त सम्बन्ध में उल्लेखनीय है कि वाहन अधिकृत किये जाने हेतु अमित नौटियाल का स्कार्पियो वाहन का पंजीकरण परिवहन विभाग द्वारा दिनांक 28. 02:2020 किया गया। इससे स्पष्ट है कि जिस समय भी अमित नौटियाल ने (2) अपनी निविदा दी उस समय यह वाहन क्रय नहीं किया गया था। वाहन निविदा स्वीकृत होने के पांच माह बाद खरीदा गया था।

यहां पर यह उल्लेखनीय है कि इस माह की अवधि में वाहन स्वामी के वाहन का प्रयोग वाहन का ना होने की दशा में नहीं किया गया था किन्तु नगर पंचायत पुरोला द्वारा इस अवधि का मासिक किराया 45000 रुपये प्रतिमाह की दर से साठगांठ करके नगर पंचायत की निधि से आहरित किया गया जो एक गम्भीर वित्तीय अनियमितता है जिसके पुष्टि नगर पंचायत पुरोला के शक से हो जाती है एवं कूट रचना करने का कार्य किया है।

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