उत्तराखंड : 26 स्कूलों को मिला स्वच्छता पुरस्कार

by intelliberindia

उत्तराखंड : 26 स्कूलों को मिला स्वच्छता पुरस्कार पहाड़ समाचार editor

देहरादून: सूबे में स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 26 स्कूलों को राज्य स्तरीय स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जिसमें से 20 विद्यालयों को ओवरऑल श्रेणी, जबकि 6 विद्यालयों को अन्य श्रेणियों में पुरस्कृत किया गया। सूबे के 14 स्कूलों को राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के लिये नामित किया गया हैं। राष्ट्रीय कला उत्सव में पारम्परिक लोक संगीत में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने पर राजकीय इंटर कॉलेज हरिपुर कालसी देहरादून की छात्रा अंजू को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में विद्यालयी शिक्षा के नये सोशल मीडिया पोर्टल ‘शैक्षणिक संगम’ का भी लोकार्पण किया गया।

सूबे के प्रत्येक विद्यालय के लिये 5 मूलभूत सिद्धांत तय किये गये हैं जिन पर कार्य करने के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज प्राथमिक शिक्षा निदेशालय देहरादून में स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रदेशभर के 26 स्कूलों को राज्य स्तरीय स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार से सम्मानित किया।

डॉ.रावत ने बताया कि छात्र-छात्राओं को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार शुरू किये गये हैं, जिसके अंतर्गत स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विद्यालयों को सम्मानित किया गया। इसी क्रम में राज्य स्तर पर स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2021-22 हेतु प्रदेशभर के 100 स्कूलों को ओवर ऑल कैटेगिरी में जबकि 73 स्कूलों को सब कैटेगरी में जनपदीय चयन समितियों द्वारा नामित किया गया।

जिसमें से स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 26 स्कूलों को सम्मानित किया गया। डॉ. रावत ने बताया कि स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार हेतु प्रदेश के 20 स्कूलों को स्वच्छता की ओवर ऑल कैटेगिरी में सम्मानित किया गया जबकि 6 स्कूलों को सब कैटेगरी में पुरस्कृत किया गया।

ओवर ऑल श्रेणी में दिल्ली पब्लिक स्कूल रूद्रपुर, जेएमडी इंटरनेशनल स्कूल हल्द्वानी, केन्द्रीय विद्यालय हल्द्वानी, यूपीएस छितार चौखुटिया अल्मोडा, पीएस बुरसोल थराली चमोली, केन्द्रीय विद्यालय जोशीमठ चमोली, पीआरबीएचएस एकेडमी नगर काशीपुर, आरएएन पब्लिक स्कूल रूद्रपुर, पीएस महाराजपुर रूद्रपुर, राजकीय बालिका हाई स्कूल डुंगरी पौड़ी, ज्योति स्पेशल स्कूल ऋषिकेश, केन्द्रीय विद्यालय ओएनजीसी देहरादून, जीजेएच स्कूल सुद्धोवाला देहरादून, केन्द्रीय विद्यालय ओएफडी रायपुर देहरादून, दून इंटरनेशनल स्कूल पौंधा देहरादून, जनरल बीसी जोशी आर्मी स्कूल पिथौरागढ़, जीपीएस सलकोट पिथौरागढ़, पीएस ढुंगीधार टिहरी गढ़वाल, यूपीएस रूहाल्की दयालपुर हरिद्वार, दिल्ली पब्लिक स्कूल रानीपुर हरिद्वार, शामिल है।

इसके अलावा स्वच्छता की अन्य श्रेणियों में पीएस बसोट अल्मेडा, केन्द्रीय विद्यालय हल्द्वानी, जवाहर नवोदय विद्यालय जयहरीखाल पौड़ी, केन्द्रीय विद्यालय ओएनजीसी देहरादून, स्काई वर्ल्ड सीनियर सेकेन्डरी स्कूल कृष्णानगर रूड़की, केन्द्रीय विद्यालय अपर कैम्प देहरादून शामिल है।

उन्होंने बताया कि पुरस्कृत विद्यालयों में से 14 विद्यालयों को राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार के लिये नामित किया गया है। कार्यक्रम में राष्ट्रीय कला उत्सव में राष्ट्रीय स्तर पर पराम्परिक लोक संगीत में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली राजकीय इंटर कॉलेज हरिपुर कालसी की छात्रा अंजू एवं उनकी टीम को भी सम्मानित किया गया।

विभगाय मंत्री ने डॉ. रावत ने विद्यालयी शिक्षा के नये सोशल मीडिया पोर्टल ‘शैक्षणिक संगम’ का भी लोकार्पण किया गया। जिसके तहत विभाग की नवाचार संबंधी गतिविधियों के साथ ही उत्कृष्ट कार्यों को अपलोड किया जायेगा, जिसको सभी अधिकारियों एवं शिक्षक सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर करेंगे।

विभगाय मंत्री द्वारा प्रदेशभर के स्कूलों के लिये पांच मूलभूत सिद्धांत तय किये गये हैं, जिसमें प्रत्येक विद्यालय में स्वच्छता अभियान संचालित किये जायेंगे, प्रत्येक स्कूल को एक-एक गांव गोद लेकर गांव को शत-प्रतिशत साक्षर बनाना होगा, नशा मुक्त स्कूल, ग्रीन कैम्पस स्कूल तथा प्रत्येक माह शिक्षाकों, छात्रों एवं अभिभावकों के साथ शिक्षा संवाद कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।

शिक्षक संघों की मांगों पर होगी कार्रवाईः डॉ. धन सिंह रावत

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज शिक्षा निदेशालय में विभिन्न शिक्षक संघों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें डॉ. रावत ने शिक्षक संघों की विभिन्न मांगों पर शीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये। उन्होंने ब्लॉक से लेकर निदेशालय तक के अधिकारियों को शिक्षकों की मांगों का निस्तारण अपने-अपने स्तर पर करने के निर्देश दिये।

साथ ही नीतिगत मामलों को ही शासन स्तर पर भेजने को कहा। विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि शिक्षक संघों के साथ समय-समय पर बैठकर शिक्षकों की समस्याओं का निराकरण किया जाय।

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