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हरिद्वार : मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे के निर्देशानुसार, ग्रामीण विकास को सुदृढ़ करने और क्षेत्र की सामरिक आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से ग्रामोत्थान “REAP” परियोजना के तहत वे-साइड एमेनिटीज़ (सड़क किनारे सुविधाएं) स्थापित करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहल की गई। इस संबंध में नारसन विकासखंड में स्थल चयन और भूमि निरीक्षण का कार्य आज संपन्न हुआ।
इस निरीक्षण में जिला परियोजना प्रबंधक (ग्रामोत्थान परियोजना), तहसीलदार, संबंधित पटवारी और ब्लॉक टीम ने संयुक्त रूप से भाग लिया। टीम ने नारसन क्षेत्र में तीन संभावित स्थलों का भ्रमण किया, जहां वे-साइड एमेनिटीज़ स्थापित की जा सकती हैं। इन स्थलों का चयन उनकी सामरिक स्थिति, सुलभता, और उपयोगिता के आधार पर किया गया, ताकि स्थानीय ग्रामीण और यात्री दोनों को अधिकतम लाभ प्राप्त हो। भ्रमण के दौरान अधिकारियों ने स्थलों की वर्तमान स्थिति, भूमि की उपलब्धता, और अन्य तकनीकी पहलुओं का बारीकी से मूल्यांकन किया। तहसीलदार ने भूमि के स्वामित्व और सरकारी भूमि की स्थिति की जांच की, जबकि पटवारी ने भूमि रिकॉर्ड और नक्शे का अध्ययन कर प्रासंगिक जानकारी साझा की।
तहसीलदार ने जानकारी दी कि स्थलों की पूरी जांच और आख्या रिपोर्ट समयबद्ध तरीके से जिला कार्यालय को प्रस्तुत की जाएगी, ताकि परियोजना की प्रगति में तेजी लाई जा सके। यह परियोजना ग्रामीण क्षेत्रों में यात्रियों और स्थानीय निवासियों के लिए शौचालय, पेयजल, विश्राम स्थल, और स्थानीय उत्पादों की बिक्री के लिए प्लेटफॉर्म जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की जा रही है।
मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि भूमि चयन प्रक्रिया को प्राथमिकता देकर इसे शीघ्र अति शीघ्र पूर्ण किया जाए।
ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और रोजगार सृजन को मिलेगा प्रोत्साहन
यह परियोजना न केवल ग्रामीण विकास को प्रोत्साहन देगी, बल्कि स्थानीय रोजगार और छोटे व्यवसायों को भी बढ़ावा देगी। इसके साथ ही, हरिद्वार जिले के विकासखंडों में यात्री सुविधाओं का स्तर बेहतर होगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। यह पहल भविष्य में ग्रामीण विकास के लिए एक प्रेरणादायक कदम साबित होगी और ग्रामोत्थान “REAP” परियोजना के उद्देश्यों को पूरा करने में सहायक होगी।