CRISPR -cas एवं बायोइनफॉर्मेटिक्स एप्लीकेशन पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला एवं हैंड्स ऑन ट्रेनिंग कार्यक्रम का समापन

by intelliberindia

ऋषिकेश : उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रोधौगिकी परिषद (यूकास्ट) के तत्वावधान में पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश के मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग, में डी.एन.ए. लैब्स देहरादून के सहयोग से “CRISPR cas एवं बायोइनफॉर्मेटिक्स एप्लीकेशन इन रिसर्च थैरेपीयूटिक : माइक्रोबॉयल जेनेटिक मैनिपुलेशन” विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला एवं हैंड्स ऑन ट्रेनिंग का समापन हुआ l

समापन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि आये प्रो. हेम चन्द्र पांडे, निदेशक हॉस्पिटल सर्विस, स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय, जॉलीग्रांट ने कहा कि प्रो. एन के जोशी व प्रो. एम एस रावत के बेहतरीन निर्देशन में विश्वविद्यालय का यह परिसर दिन-प्रतिदिन प्रगति की ओर अग्रसर हो रहा है । CRISPR-Cas एक जीन संपादन तकनीक है, जो वैज्ञानिकों को जीवों के जीनोम में विशिष्ट परिवर्तन करने की अनुमति देती है, आज के युग में मेडिकल साइंस में अनेकों अनुसंधान रोज हो रहे हैं, जिनको पैरामेडिकल व मेडिकल के छात्र-छात्राओं को जानना अति आवश्यक है, इन कार्यशालाओं के माध्यम से छात्र-छात्राओं में नवीन अनुसंधानों के प्रति रुचि जागृत होती है, इसलिए छात्रों को अवश्य रूप से इनमे प्रतिभाग करना चाहिए।

विशिष्ट अतिथि एम्स ऋषिकेश की बायोकेमेस्ट्री विभाग की वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ मनीषा नैथानी ने कहा कि इस कार्यशाला का विषय छात्रों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, अनुवांशिकी दोषो में अनको बीमारियां आती है जिनको चिकित्सा पद्धति से दूर किया जा सकता है, इस लिए क्रिस्पर तकनीकी बहुत महत्वपूर्ण है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे परिसर निदेशक प्रो. एम एस रावत ने परिसर की ओर से सभी अतिथियों का पुष्प गुछ भेंट कर स्वागत किया व कहा कि प्रतिभागियों का सौभाग्य है कि उनके समक्ष मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर हेमचंद आए जिन्होंने छात्र-छात्राओं को अपना आशीर्वाद दिया, आज की कार्यशाला से छात्र-छात्राओं को अत्यधिक लाभ मिलेगा।

इस कार्यशाला के संयोजक व विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो गुलशन कुमार ढींगरा ने सभी आए अतिथियों व प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित कर कहा कि अनुवांशिकी व बायोइनफॉर्मेटिक्स विषय से संबंधित इस कार्यशाला में देश के विभिन्न संस्थाओं से आए प्रतिभागियों को डीएनए लैब के डॉ नरोत्तम शर्मा व उनके सहयोगीयों द्वारा बहुत ही धैर्यपूर्वक प्रशिक्षण दिया गया, प्रतिभागी अत्यंत प्रफुल्लित हो कर यहाँ से जा रहे, अत्यंत हर्ष का विषय है।

अंत में डीएनए लैब के प्रमुख डॉ नरोत्तम शर्मा ने इन दो दिवसीय कार्यशाला में प्रतिभागियों को दिए गए प्रशिक्षण के बारे में विस्तार पूर्वक अवगत कराया जिसमें उन्होंने कहा कि CRISPR-Cas जीन संपादन तकनीक है जो कि जीवों के जीनोम में विशेष परिवर्तन करने की अनुमति देती, यह तकनीक जीव विज्ञान और चिकित्सा में क्रांति लाने की क्षमता रखती है। CRISPR-Cas का उपयोग जेनेटिक विकारों के इलाज के लिए किया जा सकता है, जैसे कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए फसलों की उत्पादकता और रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करने के लिए किया जा सकता है। इसी तकनीकी को PCR से माध्यम से जाना जा सकता है I

कार्यशाला के द्वितीय दिन के तकनीकी सत्र में विषय विशेषज्ञों द्वारा कंप्यूटेशनल क्रिस्पर विश्लेषण के लिए उपकरण के बारे में बताया जिसके अंतर्गत बैक्टीरिया तथा यूकैरियोटिक सेल में क्रिस्पर का संपादन, बैक्टीरिया में जीन अभिव्यक्तियां, क्रिस्पर गाइड के लिए बायोइनफॉर्मेटिक्स उपकरण के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी दी l

इस कार्यशाला में अनेकों प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया था जिसमें ओरल प्रेजेंटेशन में सीमा डेंटल कॉलेज के डॉ द्विज आहूजा ने प्रथम स्थान, डॉ. गौरी बेंद्रे ने द्वितीय स्थान, तथा सीमा डेंटल कॉलेज के ही सरीन सैम ने तृतीय स्थान प्राप्त किया I इसी प्रकार वैज्ञानिक रंगोली प्रतियोगिता में पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश के एमएलटी विभाग की रिंकी पांडे तथा रितु पांडे ने प्रथम स्थान, द्वितीय स्थान सीमा डेंटल कॉलेज की दिव्या सिंह और श्रुति बिष्ट ने प्राप्त किया तथा तृतीय स्थान एमएलटी विभाग की पायल और आंचल ने प्राप्त कियाI इसी प्रकार पोस्टर प्रतियोगिता में सीमा डेंटल कॉलेज के डॉ अंशुम झा को प्रथम स्थान, डॉ शिवानी कपूर को द्वितीय पुरस्कार तथा डॉ यशस्वी भंडारी को तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआI इन प्रतियोगिताओं के निर्णायक की भूमिका में ऋषिकेश परिसर के प्रो अहमद परवेज व एम्स ऋषिकेश के डॉ बेला गोयल रहे।

इसी क्रम में उच्च शिक्षा व विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान हेतु सात शिक्षकों को पुरुस्कार से सम्मानित किया गया इसमें गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. गगन माटा, सरदार भगवान सिंह विश्वविद्यालय, बालावाला की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ पूजा नौडियाल, सीमा डेंटल कॉलेज की प्रोफेसर डॉक्टर ज्योत्सना सेठ व डॉ एस करपगवल्ली, पंडित ललित मोहन परिसर ऋषिकेश की डॉ बिंदु ठाकुर, गुरु नानक खालसा कॉलेज यमुनानगर की डॉ निधि महेंद्रु, स्वामी विवेकानंद कॉलेज रुड़की के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ विकास सैनी को सम्मानित किया गया।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एन के जोशी व यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो दुर्गेश पंत ने ने सभी सम्मानित शिक्षकों व पुरस्कार विजेताओं को शुभकामनाएं प्रेषित की। अंत में सभी प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि के द्वारा प्रमाण पत्र वितरित किए गए। इस अवसर पर डॉ सुनीति कुड़ियाल, डॉ अहमद परवेज, डॉ बिंदु ठाकुर, शालिनी कोठियाल, अर्जुन पालीवाल, सफीया हसन, निशात भाटला, देवेंद्र भट्ट, पवन कुमार, श्रवण दास, कमल कुमार, चंद्रशेखर राजभर ने विशेष सहयोग प्रदान किया।











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