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बागेश्वर : जनपद में मत्स्य विभाग द्वारा ट्राउट मछली का उत्पादन मत्स्य पालकों के लिए वरदान साबित हो रहा है। जगथाना व लीती समेत अन्य स्थानों में कई मत्स्य पालक इसे रोजगार के रूप में अपनाकर अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं। जनपद के मत्स्य पालकों के पास ट्राउट मछली की मांग अब भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस के लोहाघाट से भी आने लगी है। जिसे जनपद से पूरा किया जा रहा है।
जनपद में कई मत्स्य पालकों द्वारा मत्स्य पालन को व्यवसाय का रूप दिया जा रहा है। कई मत्स्य पालक इससे अपना जीवन यापन करने के साथ ही आय में वृद्धि कर रहे हैं। यहां ठंडे व पहाड़ों से निकलने वाले औषधीय युक्त पानी में जैविक तरीके से उत्पादित इन मछलियों की स्थानीय बाजार में भी अच्छी खपत है। इसके अलावा अब तक यहां की मछली रानीखेत, देवाल, हल्द्वानी आदि स्थानों में नियमित रूप से आपूर्ति की जाती रही है। इधर मछली के स्वाद व पौष्टिकता को देखते हुए अब भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस लोहाघाट में भी इसकी मांग बढ़ गई है।
जिला मत्स्य अधिकारी मनोज मियान ने बताया कि जगथाना व लीती में उत्पादित मछली को आईटीबीपी लोहाघाट ने 450 रूपये प्रति किग्रा की दर से खरीदने पर सहमति देते हुए प्रति सप्ताह 80 किग्रा मछली खरीदने पर सहमति दी है। जिससे मत्स्य पालक को प्रति सप्ताह 36 हजार रूपये की आय हो रही है। मार्च 2025 तक जनपद से कुल 18 हजार 400 किग्रा मछली की आपूर्ति आईटीबीपी को की जानी है, जिससे किसानों की आय लगभग 15 लाख रूपये तक की होगी।