चमोली : जिले के कई गांवो से उठ रही चुनाव बहिष्कार की आवाज, कहीं सड़क तो कहीं पुल की हो रही मांग

by intelliberindia

गोपेश्वर/देवाल (चमोली)। लोक सभा चुनाव की सुगबुगाहट के साथ ही चमोली जिले के गांव-गांव से चुनाव बहिष्कार की करने की आवाज गुंजने लगी है। कहीं बर्षों से सड़क की मांग करते आ रहे ग्रामीण चुनाव बहिष्कार की धमकी दे रहे है तो कहीं बिना पुल के आवाजाही कर रहे ग्रामीण वोट न देने की बात कर रहे है।

चमोली जिले के दशोली विकास खंड के पाणा, ईराणी, झींझी, भनाली के ग्रामीणों ने सोमवार को सेक्टर मजिस्ट्रेट के माध्यम से जिला निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन भेजा है। क्षेत्र पंचायत सदस्य विजय नेगी और ग्राम प्रधान बीना देवी का कहना है कि उनके गांवों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। सड़क, चिकित्सा, शिक्षा, बिजली की समस्या से ग्रामीण परेशान है। कई बार इस संबंध में जिला प्रशासन और शासन से पत्राचार किया जा चुका है लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। उन्होंने कहा कि जब ग्रामीणों को सरकार की ओर से कोई सुविधा मिलनी ही नहीं है तो फिर वोट देकर क्या करेंगे इसलिए ग्रामीणों ने अविलंब समस्या समाधन की मांग की है अन्यथा चुनाव बहिष्कार करने की धमकी दी है। 

वहीं दूसरी ओर जिले के देवाल विकास खंड के वलाण में अभी तक रोड नहीं पहुंचने से नाराज ग्रामीणों ने रोड को लेकर आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार का ऐलान किया है। सोमवार को उप प्रधान विरेन्द्र राम की अध्यक्षता में ग्रामीणों की बैठक हुई। जिसमें ग्रामीणों ने कहा कि दस वर्ष पहले  पीएमजीएसवाई ने गांव से तीन किलोमीटर पहले रोड काट कर छोड़ दी है। जिससे ग्रामीणों को पैदल ही गांव तक पहुंचना पड़ रहा है।  सबसे बड़ी समस्या गर्भवती महिलाओं व रोगियों को  सड़क मार्ग तक डंडी में लाना पड़ रहा है। जो गंभीर समस्याया बनी हुई है। तीन किलोमीटर सड़क बनाने के लिए लगातार शासन प्रशासन से पत्राचार कर रहे हैं लेकिन अभी तक वित्तिय स्वीकृत नहीं मिलने से रोड का टेंडर नहीं हुआ है। ग्रामीणों ने कहा कि आचार संहिता लागू होने से पहले रोड काम शुरू नहीं हुआ तो ग्रामीणों ने रोड नहीं तो वोट नहीं का ऐलान किया है। ग्रामीणों के शिष्टमंडल मंडल उपजिलाधिकारी थराली के माध्यम से जिला निर्वाचन अधिकारी चमोली और विधायक थराली को ज्ञापन भेजा है। जिसमें चुनाव की घोषणा से पूर्व सड़क का कार्य शुरू न होने पर चुनाव बहिष्कार किये जाने की बात कही है। ज्ञापन देने वालों में प्रधान कवीता देवी, उप प्रधान विरेन्द्र राम, राम सिंह, हीरा सिंह, जय राम, गंगोत्री देवी, तुलसी देवी, यशोदा देवी, कान्ति देवी, मानुली देवी, चन्दा देवी, खिल्पा देवी, गोपाल सिंह, भजंन सिंह, मुकेश कुमार आदि शामिल थे।

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