उत्तराखंड: शिक्षिका को सस्पेंड करने के मामले में नया मोड़, ये है पूरा सच, सवालों में घिरे कार्रवाई करने वाले अधिकारी पहाड़ समाचार editor
पौड़ी: पौड़ी जिले में शिक्षा विभाग का एक मामला चर्चाओं में है। कल कई तरह की खबरें सामने आई, जिनमें यह कहा गया कि शिक्षिका ने दिहाड़ी पर अपनी जगह स्कूल में एक लड़की को तैनात किया हुआ था और खुद स्कूल से नदारद थीं। लेकिन, यह केवल आधी बात है।
पूरा सच यह है कि जिस शिक्षिका को मुख्य शिक्षा अधिकारी ने सस्पेंड किया है। वह ऑन ड्यूटी थी और खेलकूद प्रतियोगिता को लेकर आयोजित बैठक में शामिल होने गई थी। इतना ही नहीं जिस गांव की लड़की को दिहाड़ी पर दिखाया गया है।
उसकी तैनाती भी शिक्षिका ने नहीं बल्कि अभिभावक संघ ने की थी। जिसे विद्यालय में तैनात दोनों शिक्षिकाएं अपनी जेब से बच्चों की बेहतरी के लिए हर महीने करीब ₹2500 की तनख्वाह दे रहे थीं। अब सवाल यह है कि विद्यालय की बेहतरी के लिए जो शिक्षिका अपनी जेब से पैसा खर्च करके बच्चों को पढ़ा रही हैं।
क्या ऐसे शिक्षिकाओं को सस्पेंड किया जाना चाहिए था? कल तक जिन मुख्य शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारी ने अपनी पीठ थपथपानी चाही अब वही सवालों के घेरे में हैं।
सवाल इसलिए कि जब मुख्य शिक्षा अधिकारी ने खंड शिक्षा अधिकारी को जांच आख्या देने के लिए कहा गया था, तो उन्होंने शिक्षिका को बताए बगैर या नियमानुसार चार्जशीट दिए बगैर ही सस्पेंड क्यों कर दिया?
शिक्षिका का दावा है कि वह ऑन ड्यूटी थी और उसका पक्ष जाने बिना ही संस्पेंड कर दिया गया। प्रभारी खंड शिक्षा अधिकारी बेसिक ने उसे सस्पैंड किया। चार्जशीट तैयार हो रही है। शिक्षिका को सस्पेंड करने के बाद शिक्षक संघ भी सक्रिय हो गया है।
शिक्षकों ने भी सोशल मीडिया पर इस मसले में कई प्रतिक्रियाएं व्यक्त की हैं। शिक्षकों का कहना है कि जिस शिक्षिका के इनाम दिया जाना चाहिए था। मुख्य शिक्षा अधिकारी ने उसे सस्पेंड कर दिया।
कुछ सोशल मीडिया पोस्टों में यह भी दावा किया गया है, जिस विद्यालय में लगातार छात्र संख्या घट रही थी। वहां लोगों ने प्राइवेट स्कूल से अपने बच्चों को निकाल कर एडमिशन दिलाया। स्कूल में बच्चों की संख्या जगतार बढ़ रही है।
बावजूद शिक्षिका को सस्पेंड कर दिया गया। पौड़ी के मुख्य शिक्षा अधिकारी आनंद भारद्वाज ने कल अचानक ही थैलीसैंण ब्लाक के बग्वाड़ी के प्राथमिक विद्यालय का औचक निरीक्षण किया गया।
इसमें प्रभारी प्रधानाध्यापिका शीतल रावत स्कूल में मौजूद नहीं थी। सीईओ ने कल ही आख्या मांगी। पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और प्रभारी उप शिक्षा अधिकारी बेसिक शाबेद आलम ने बिना चार्जशीट दिये ही शीतल को सस्पेंड कर दिया।
उत्तराखंड: शिक्षिका को सस्पेंड करने के मामले में नया मोड़, ये है पूरा सच, सवालों में घिरे कार्रवाई करने वाले अधिकारी पहाड़ समाचार editor