उत्तरकाशी: देवभूमि की बेटी सविता कंसवाल। उत्तरकाशी जिले के छोटे से गांव की बेटी सविता ने बचपन से मुश्किलों का सामना किया। बचपन अभावों में बीता। होश संभाला तो जिम्मेदारियों का बांझ कंधों पर लिए अपने हौसलों को उड़ा देना नहीं छोड़। कविता को पहाड़ों की सैर बचपन से ही पसंद थी। उसका हौसला भी पहाड़ जैसा है। अपने उसी हौसले के दम पर सविता ने उस ऊंचाई को लांघ लिया, जिसे लांघना लोगों के लिए बस सपना होता है। कविता ने अपने मजबूत हौसले से दुनिया के सबसे ऊंचे पहाड़ एवरेस्ट को बौना साबित कर दिया।
कविता लौंथरू गांव की रहने वाली हैं। एवरेस्ट को उन्होंने 24 साल की उम्र में फतह कर लिया। सविता कंसवाल ने 12 मई की सुबह नौ बजे एवरेस्ट पर अपने कदम रखे। सविता के सफल एवरेस्ट आरोहण की जानकारी नेपाल के प्रसिद्ध शेरफा बाबू ने सोशल मीडिया के जरिए दी। सविता को पिछले साल एवरेस्ट मिशन के लिए चुना गया था। उस वक्त कविता ने दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से (8516 मीटर) का सफल आरोहण किया। माउंट ल्होत्से पर तिरंगा लहराने वाली सविता देश की दूसरी महिला पर्वतारोही है।
भटवाड़ी ब्लाक के लौंथरू गांव निवासी सविता कंसवाल का बचपन काफी आर्थिक तंगी में गुजरा है। चार बहनों में सविता सबसे छोटी है, लेकिन सविता ने अपने बुजुर्ग पिता राधेश्याम कंसवाल और मां कमलेश्वरी देवी को कभी पुत्र की कमी महसूस नहीं होने दी। बल्कि उनकी देखरेख और घर की जिम्मेदारियां भी बखूबी संभाल रही हैं।
इसके साथ सविता ने अपने हौसले के बूते पहाड़ से भी ऊंची विपरीत परिस्थितियों को घुटने टेकने को विवश कर एवरेस्ट विजेता बनी हैं। सविता के इस सफल अभियान पर अभियान पर निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट, प्रसिद्ध गीतकार प्रसून जोशी राज भट्ट, ओमेक्स फाउंडेशन के ऑनर मोहित गोयल, साम्राज्य ग्लोबल कंपनी के मालिक सुधीर बिंजोला, राजीव मेहता, वत्शला, टीएचडीसी के प्रदीप नैथानी सहित कई व्यक्तियों ने बधाई दी है।
सविता कंसवाल के एवरेस्ट अभियान के लिए क्राउउ फंडिंग की गई थी। जिसमें प्रमुख रूप से एवरेस्ट अभियान के लिए एलारा केपिटल के राज भट्ट, नरेन राकेश जोशी, वत्शला, मोनिका, निरुपमा, एनी, राज भट्ट, ओमेक्स फाउंडेशन के ऑनर मोहित गोयल, साम्राज्य ग्लोबल कंपनी के मालिक सुधीर बिंजोला, राजीव मेहता, टीएचडीसी के प्रदीप नैथानी प्रमुख रूप से आर्थिक सहयोग दिया।
इन प्रमुख चोटियों का किया आरोहण
माउंट एवरेस्ट (8848.86 मीटर) नेपाल
ल्होत्से (8516 मीटर) रू नेपाल
त्रिशूल (7120 मीटर) रू उत्तराखंड
हनुमान टिब्बा (5930 मीटर) रू हिमाचल प्रदेश
कोलाहाई (5400 मीटर) रू जम्मू-कश्मीर
द्रौपदी का डांडा (डीकेडी) (5680 मीटर) रू उत्तराखंड
तुलियान (5500 मीटर) रू जम्मू-कश्मीर
लाबूचे (6119 मीटर) रू नेपाल
चंद्रभागा (6078 मीटर) रू हिमाचल प्रदेश