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रूड़की : श्री भवानी शंकर आश्रम रुड़की में 20 मई से 26 मई तक, प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। श्री श्री 1008 महा मण्डलेश्वर स्वामी मैत्रेयी गिरी जी और श्री श्री 1008 महा मण्डलेश्वर डॉक्टर हेमानंद सरस्वती जी के श्री मुख से भागवत कथा कही जा रही है। आज कथा में भगवान और भक्त के बीच महज दो अंगुली की दूरी के महत्वपूर्ण अर्थ पर प्रकाश डाला गया। संतों की वाणी में कहा गया कि यह दूरी अगर मिट जाए तो भक्त साक्षात् परमात्मा को पकड़ सकते हैं। आगे कुबेर के पुत्रों – यमल और अर्जुन – की कथा का वर्णन किया गया जिन्होंने नारद जी का अपमान किया जिसके चलते नारद जी ने उन्हें शाप दे दिया था, और दोनों शाप से वृक्ष बन गए थे। भगवान कृष्ण ने अपनी लीला से इन्हें मुक्त कराया, जिससे यह सीख मिलती है कि भगवान हमेशा अपने भक्तों की रक्षा करते हैं, चाहे उन्हें कितनी भी कठिनाई क्यों न हो। कथा के दौरान यह भी बताया गया कि कथा सिर्फ मनोरंजन नहीं बल्कि मनोभांजन है, जो आपके मन की सारी समस्याओं को दूर करने का साधन है। इससे हमें अपने जीवन में धार्मिक और आध्यात्मिक रीति से चलना चाहिए। यह आयोजन श्री महन्त रीमा गिरी जी और श्री महन्त त्रिवेणी गिरी जी के पर्यवेक्षण में हो रहा है।