हेमकुंड साहिब मार्ग पर बर्फ  की स्थिति का जायजा लेकर लौटा सेना का दल, 20 मई को खुलेंगे हेमकुंड साहिब व लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट

by intelliberindia

गोविंदघाट (चमोली)। इस यात्रा काल में हेमकुंड साहित और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट 20 मई को खुलने है। यात्रा मार्ग पर 10 फीट से अधिक बर्फ जमीं हुई है। जिसको हटाने का कार्य 20 अप्रैल से शुरू किया जाएगा। यात्रा मार्ग पर बर्फ की स्थिति को जानने के लिए सेना के अधिकारियों को एक दल हेमकुंड साहिब गया था जिसने वहां की स्थिति का जायजा लिया। 

रविवार को एक बयान जारी करते हुए गुरूद्वारा श्री हेमकुण्ट साहिब मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष 20 मई 2023 से आरंभ होने जा रही है। प्रतिवर्ष यात्रा मार्ग से बर्फ हटाकर मार्ग बनाने का कार्य भारतीय सेना के जवान ही करते हैं। ब्रिगेड कमांडर ब्रिगेडियर अमन आनंद ऑफिसर कमांडर कर्नल सुनील यादव (418 इंडीपेन्डेन्ट इंजीनियर कोर) की देखरेख में कैप्टन मानिक शर्मा, सूबेदार मेजर नेकचंद एवं हवलदार हरसेवक सिंह पैदल यात्रा मार्ग एवं बर्फ की स्थिति जानने के लिये श्री हेमकुण्ट साहिब गए। हेमकुण्ट साहिब से पहले अटलाकोटी ग्लेशियर है जहां पर 10 फीट के करीब बर्फ जमी है। श्री हेमकुण्ट साहिब में भी आठ से 12 फुट तक बर्फ है। सरोवर भी पूरी तरह से बर्फ से ढका है।

उन्होंने बताया कि मौसम की परिस्थिति को देखते हुए भारतीय सेना के जवानों ने पूर्ण रूप से आश्वासन दिया है कि 20 अप्रैल से बर्फ कटान और  मार्ग बनाने का कार्य सेना की ओर से प्रारंभ कर दिया जाएगा। 20 मई  से शुरू होने वाली यात्रा में किसी भी प्रकार व्यवधान और विघ्न नहीं आएगा एवं श्रृद्धालु सुखद ढंग से निर्विघ्न यात्रा करके गुरूघर का आशीर्वाद प्राप्त कर सकेंगे। गोविंद घाट गुरूद्वारा के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने भी घांघरिया जाकर ट्रस्ट गुरुद्वारे का निरिक्षण किया। 15 अप्रैल से ट्रस्ट के सेवादार एवं अन्य कारीगर इत्यादि यात्रा की तैयारी के लिए घांघरिया गुरूद्वारे के लिये प्रस्थान कर देगें ताकि समय से पूर्व सभी व्यवस्थाएं कर ली जाएं एवं भारतीय सेना के ठहरने और लंगर की व्यवस्था की जा सके। इसके अलावा लोनिवि विभाग के अंतर्गत 70 मजदूर पुलना से घांघरिया तक पैदल मार्ग पर सुधारीकरण का कार्य कर रहे हैं। जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना भी यात्रा को लेकर  पूर्ण रूप से नजर बनाए हुए हैं एवं समय-समय पर दिशा-निर्देश भी दे रहे हैं।





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