पीएम आवास योजना ग्रामीण के अपूर्ण कार्यो में तेजी लाते हुए एक सप्ताह में करें रिपोर्ट प्रस्तुत – अपर सचिव धीराज सिंह गर्ब्याल 

by intelliberindia
  • अपर सचिव ने विकास भवन सभागार पौड़ी में वर्चुअल माध्यम से ली 13 जनपदों की विकास कार्यो व अधिष्ठान से संबंधित प्रकरणों की समीक्षा बैठक

पौड़ी : अपर सचिव लोक निर्माण विभाग एवं ग्राम्य विकास विभाग धीराज सिंह गर्ब्याल ने जनपद भ्रमण के दौरान विकास भवन सभागार में विकास कार्यक्रमों/अधिष्ठान से संबंधित प्रकरणों की जनपदवार समीक्षा करते हुए विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि मनरेगा की कार्यपूर्ति दर, कृषि सम्बंधी गतिविधियों पर व्यय, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण यू0एस0आर0एल0एम के कम्पोनेन्टस में एक सप्ताह के भीतर प्रगति लाते हुए रिर्पोट प्रस्तुत करें।

गुरुवार को आयोजित 13 जनपदों के ग्राम्य विकास कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक में अपर सचिव ने परियोजना निदेशकों व जिला विकास अधिकारियों को निर्देश दिये कि मनरेगा में राज्य की कार्यपूर्ति की औसत दर 89.11 प्रतिशत में एक सप्ताह के भीतर प्रगति लाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि मनरेगा में जनपदवार जो-जो कार्य हुए है उसका असेसमेन्ट करते हुए एक सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने कृषि सम्बंधी गतिवधियों पर होने वाले व्यय 50.75 प्रतिशत को एक पखवाडे के भीतर मिशन मोड़ पर कार्य करते हुए प्रगति लाने के निर्देश दिये हैं। कहा कि इस योजना में सभी 13 जनपद की प्रगति 40-59 प्रतिशत के भीतर है। जिसमें सर्वाधिक प्रगति 58.86 प्रतिशत रुद्रप्रयाग जबकि सबसे कम टिहरी 40.22 प्रतिशत के रुप में शामिल है।

ग्राम्य विकास कार्यक्रमों के तहत प्रदेश में 107 ग्राम पंचायतें ऐसी बतायी गयी जिसमें एक भी मानव दिवसों का सृजन नहीं हो पाया है। जिसमें मुख्यतया टिहरी की 69 व नैनीताल जिले की 19 ग्राम पंचायतें शामिल है। इसपर अपर सचिव ने सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि आगामी 10 अक्टूबर तक शत प्रतिशत प्रगति के साथ रिर्पोट प्रस्तुत करें। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 2904 अपूर्ण कार्यो में तेजी लाते हुए एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि विकास विभाग के कार्यों का सीधा धरातलीय संबंध है इस हेतु विकास विभाग के अधिकारी अधिक से अधिक फील्ड विजिट कर कार्यों में प्रगति लायें। यू0एस0आर0एल0एम0 कम्पोनेन्टवार समीक्षा के दौरान उन्होंने अधिकारियों को सीआईएफ को 55 प्रतिशत से सन्तोषजन स्थिति में लाने के निर्देश दिये हैं।

मुख्यमंत्री पलायान रोकथाम योजना के तहत वित्तीय वर्ष में सभी जनपदों को 2437.52 लाख की धनराशि अवमुक्त की गई, इसके सापेक्ष 277.73 लाख ही विकास कार्यों में धनराशि खर्च हुई। अपर सचिव ने न्यून प्रगति वाले जनपद उत्तरकाशी, चमोली व देहरादून को सख्त निर्देश देते हुए प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि पलायन रोकथाम के लिए हर एक गांव में एक स्वरोजगार मॉडल तैयार करें, जिससे अन्य भी उस  मॉडल को अपनाकर स्वरोजगार से जुड़ सकेंगे। कहा कि गांव-गांव में रोजगारपरक योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाएं और 10 दिन में उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। उन्होंने उद्यान विभाग की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को कहा कि जिन लोगों को पॉलीहाउस वितरित किये जा रहे हैं उनका सही उपयोग हो इसके लिए समय-समय पर निरीक्षण करें।

अपर सचिव ने प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान के तहत बोक्सा जनजाति के परिवारों को संचालित योजनाओं से लाभान्वित करने के निर्देश संबंधित विभागीय अधिकारियों को दिये। उन्होंने यह भी कहा कि जिन परिवारों के अभी तक पक्के आवास नहीं बने हैं उन्हें प्राथमिकता के आधार पर आवास की सुविधा देना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत जो कार्य लंबित हैं उन्हें तत्काल पूर्ण करना सुनिश्चित करें, जिससे आमजनमानस को उसका लाभ समय पर मिल सकेगा। इस दौरान उन्होंने कहा कि जिन स्वयं सहायता समूहों द्वारा बेहतर कार्य किया जा रहा है उनपर विशेष फोकस करें और अन्य लोगों को भी समूह में जोड़ें।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत, अपर आयुक्त ग्राम्य विकास आर. एस. रावत, उपायुक्त परियोजना प्रकाश रावत, परियोजना निदेशक डीआरडीए विवेक कुमार उपाध्याय, जिला विकास अधिकारी मनविन्दर कौर, जिला उद्यान अधिकारी राजेश तिवारी, रीप परियोजना प्रबंधक कुलदीप बिष्ट, पशुपालन विभाग से डॉ. अशोक कुमार सहित अन्य जनपदों के अधिकारी वर्चुअल माध्यम से उपस्थित थे।

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