दो माह से शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज के निर्देश में चल रहे सहस्त्र चंडी महायज्ञ का सफल समापन, श्री रूद्र महायज्ञ, श्री नृसिंह परायण तथा देवी-देवताओं का हुआ पूजन

by intelliberindia
 
जोशीमठ : जोशीमठ  भू धंसाव आपदा में ज्योर्तिमठ पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने आपदा पीड़ितों की सेवा सहायता में महति योगदान किया है देश के सर्वोच्च न्यायालय में जोशीमठ आपदा की आवाज पहुंचायी तो आपदा पीड़ितों से व्यक्तिगत रूप से मिले ढ़ाढस बंधाया। आपदा राहत सामग्री वस्त्र, भोजन दवाईयां, आपदा पीड़ित परिवारों के बच्चों के स्कूल की फीस प्रदान की। शासन प्रशासन से लगातार संपर्क कर आपदा पीड़ितों की हर समस्या के समाधान हेतु प्रयास किया।
आदि गुरु शंकराचार्य जी की नगरी तथा प्राचीन ज्योर्तिमठ में देवीय शक्तियों के जागरण हेतु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज के आशीर्वाद से  स्वामी मुकुंदानंद सरस्वती महाराज द्वारा संपूर्ण जोशीमठ के विद्वत जनों तथा गणमान्य लोगों के सहयोग से श्री नृसिंह भगवान परायण, पूजा यज्ञ आयोजित हुआ तथा श्री नृसिंह मंदिर के निकट मां दुर्गा मंदिर में  16 जनवरी से सहस्त्र चंडी महायज्ञ प्रारंभ हुआ जिसमें जोशीमठ भू धंसाव आपदा से रक्षा हेतु लाखों आहुतियां डाली गयी।
शुक्रवार को दो माह से चल रहे महायज्ञ का सफल समापन हुआ इस अवसर पर श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के उपाध्यक्ष किशोर पंवार, पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, सेना के उच्च अधिकारियों के पारिवारिक जन, जोशीमठ बचाओं संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती, ब्रह्म तीर्थ पुरोहित पंचायत अध्यक्ष उमेश सती, थानाध्यक्ष केएस भट्ट, महिला मंगल दल, देव पुजाई समिति के अध्यक्ष भगवती प्रसाद नंबूदरी ने यज्ञ के समापन पर आशीर्वाद ग्रहण किया। स्वामी मुकुंदानंद महाज ने मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार को स्मृति चिन्ह भी भेंट किया। इस अवसर पर  श्री नृसिंह मंदिर परिसर में भजन कीर्तन विशाल भंडारा भी आयोजित किया गया। जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
प्रतिष्ठित ज्योतिष पीठ  जोशीमठ के मीडिया प्रभारी एवं वरिष्ठ पत्रकार डॉ. ब्रिजेश सती ने बताया कि शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज के निर्देशन  में जोशीमठ भू धंसाव  आपदा के दौरान शुरू हुए तथा दो माह तक चले धार्मिक  सहस्त्र चंडी महायज्ञ हवन अनुष्ठान का समापन हो गया है    आपदा से सबकी रक्षा हेतु प्रार्थना की गयी। उन्होंने बताया कि विगत बृहस्पतिवार को चारधाम शीतकालीन यात्रा तथा आगामी चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों को संदेश पहुंचाने हेतु स्वामी मुकुंदानंद सरस्वती जी के नेतृत्व में संतो तथा श्रद्धालुओं  का दल  चारधाम के शीतकालीन स्थलों के दर्शन हेतु गया जहां व्यापक जन समर्थन मिला‌। कल देर शाम ज्योर्तिमठ जोशीमठ में स्वामी मुकुंदानंद सरस्वती जी ने सहस्त्र चंडी महायज्ञ में सहयोगी तथा आचार्य गणों के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किया तथा आचार्य जनों को सम्मानित किया तथा जोशीमठ के सभी विद्वतजनों आमजनमानस के सहयोग हेतु भी आभार जताया। इस अवसर पर स्वामी मुकुंदानंद सरस्वती महाराज सहित ज्योतिष्पीठ के पीठ पुरोहित आनंद सती, चारधाम तीर्थ पुरोहित प्रवक्ता  अनिरूद्ध उनियाल, आचार्य रामदयाल मैदुली,भगवती प्रसाद नंबूदरी,कमलेश कांत कुकरेती, शिवानंद जी मौजूद रहे।

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