भवानी शंकर आश्रम में श्री राम कथा का आयोजन, श्री महंत डॉ प्रज्ञा भारती ने बाल कांड, अयोध्या कांड, अरण्य कांड और किष्किंधा कांड की बतायी महत्ता

भवानी शंकर आश्रम में श्री राम कथा का आयोजन, श्री महंत डॉ प्रज्ञा भारती ने बाल कांड, अयोध्या कांड, अरण्य कांड और किष्किंधा कांड की बतायी महत्ता
 
रुड़की : श्री भवानी शंकर आश्रम रुड़की में 18 से 26 मई तक श्री राम कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा श्री महंत डॉ प्रज्ञा भारती जी के श्री मुख से प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से शाम 4 बजे तक कही जाएगी। कथा के पहले दिन, श्री महंत डॉ प्रज्ञा भारती जी ने बाल कांड, अयोध्या कांड, अरण्य कांड और किष्किंधा कांड की महत्ता बताई। उन्होंने बताया कि भगवान जब बालक बन के अवतरित हुए, तो पहले कांड का नाम पड़ा बाल कांड। बाल कांड को भगवान के चरण होने का कारण बताते हुए उन्हें कहा कि बालक के रूप में बाल कांड में भगवान का अवतार हुआ, अवतार का अर्थ होता है ऊपर से नीचे उतरना, और अवतार होते हुए पहले चरण ही पृथ्वी पर पड़ते हैं,अतः इस बाल कांड में भगवान के चरणों की बड़ी महिमा है। अहिल्या को भगवान के चरण के स्पर्श से ही पाषाण अवस्था से मुक्ति मिल गई थी। इसलिये बाल कांड को भगवान का चरण भी कहा जाता है। उन्होंने आगे अयोध्या कांड की महत्ता बताते हुए कहा कि पूरी रामायण का आधार अयोध्या कांड ही है, जिसके बाद अरण्य कांड आता है, जिसको भगवान का उदर भी कहा है। किष्किंधा कांड को भगवान का हृदय कहा गया है। बता दें की 17 मई को श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर से श्री भवानी शंकर आश्रम तक भव्य कलश यात्रा निकली गई थी। श्री रामकथा का भव्य आयोजन श्री महंत रीमा गिरी जी और श्री महंत त्रिवेणी गिरि जी के पर्यवेक्षण में हो रहा है।