देहरादून : जिलाधिकारी सोनिका ने अवगत कराया है कि, 29 नवंबर 2022 से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के दौरान विभिन्न संगठनों और समुदाय द्वारा प्रदर्शन, धरना, अनशन एवं अन्य प्रकार की गतिविधियों के कारण शान्ति व्यवस्था प्रतिकूल रूप से प्रभावित होने की पूर्ण सम्भावना है। इसके दृष्टिगत जनपद देहरादून में विधानसभा परिसर के चारों ओर 300 मीटर की परिधि में विधि एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने हेतु तत्काल प्रभाव से 29 नवंबर 2022 से विधानसभा सत्र की समाप्ति तक दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू रहेगी।
डीएम सोनिका के अनुसार, उक्त क्षेत्रान्तर्गत कोई भी व्यक्ति अग्नेयास्त्र, लाठी, हॉकी स्टिक, तलवार अथवा अन्य कोई तेज धार वाला अस्त्र, जिसका फल ढाई इंच से अधिक न हो, बम और किसी अन्य प्रकार की बारूद वाले अस्त्र जिसका प्रयोग हिंसा के लिए किया जाता हो, उनको लेकर नहीं चलेगा और न ही कोई हिंसा के प्रयोग हेतु ईंट, पत्थर रोड़ा आदि एकत्र करेगा। साथ ही कोई भी व्यक्ति अपने घर के आँगन के अतिरिक्त पटाखों एवं बारूद से बने किसी भी वस्तु का प्रयोग सड़क पर गली पर व चौराहे पर नहीं करेगा। शस्त्र अथवा लाठी लेकर चलने का प्रतिबन्ध ड्यूटी पर कार्यरत राजकीय सेवकों पर लागू नहीं होगा।
इस दौरान उक्त क्षेत्रान्तर्गत किसी भी प्रकार की नारेबाजी, लाउडस्पीकर का प्रयोग सरकारी इमारतों पर नारे लिखना, साम्प्रदायिक भावना भड़काने वाले उत्तेजक भाषण करना, किसी प्रकार के भ्रामक साहित्य के प्रचार-प्रसार आदि को भी प्रतिबन्धित किया गया है। उक्त क्षेत्रान्तर्गत किसी भी सार्वजनिक स्थान पर चौराहे पर अथवा अन्य जगह पाँच या उससे अधिक व्यक्ति एकत्र नहीं होंगे और किसी भी प्रकार के समूह में बसों, ट्रैक्टर ट्रॉलियों अथवा दोपहिये वाहनों तथा चौपहिया वाहनों के जुलूस की शक्ल में एकत्र होने पर प्रतिबन्ध रहेगा। किसी भी प्रकार के जुलूस / प्रदर्शन सार्वजनिक सभा का आयोजन बिना पूर्व अनुमति के नहीं किया जायेगा। कोई भी व्यक्ति राजकीय सम्पत्ति को किसी प्रकार की प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से क्षति नहीं पहुँचायेगा। उक्त आदेश इस आशय से निर्गत किये हैं कि, शान्ति व्यवस्था अथवा आपसी सामंजस्य बनाये रखने हेतु कोई भी अवांछनीय तत्व कोई गैर जिम्मेदार हरकत न कर सके तथा जनपद में उक्त क्षेत्रान्तर्गत कानून एवं शान्ति व्यवस्था कायम रह सके। यह आदेश 29 नवंबर 2022 से विधानसभा सत्र की समाप्ति तक प्रभावी रहेंगे। यदि इससे पूर्व इनको अपास्त न कर दिया जाये। आदेश का उल्लंघन भा०दं०वि० की धारा-188 के अधीन दण्डनीय होगा।