रुड़की : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की अपने इतिहास से एक अद्भुत क्षण का साक्षी बना जब 27 अक्टूबर से 29 अक्टूबर, 2023 तक के रूबी जुबली रीयूनियन आयोजन के दौरान 1982 के वास्तुकला स्नातकों सहित 1981 बैच के स्नातक भी इस आयोजन से जुड़े। इस कार्यक्रम को सौहार्द, पुरानी स्मृतियों एवं उत्कृष्टता के प्रति एक महत्वपूर्ण प्रतिबद्धता द्वारा चिह्नित किया गया। पूर्व छात्रों व उनके प्रिय परिवार के सदस्यों सहित लगभग 219 सदस्य इस प्रतिष्ठित संस्थान में अपनी साझा यात्रा को याद करने व उत्सव मनाने के लिए एकत्र हुए। रीयूनियन के दौरान, 1981 बैच ने लगभग 1 करोड़ रुपये का असाधारण दान देकर अपनी प्रिय अल्मा मेटर के प्रति अपना अटूट समर्पण प्रदर्शित किया। यह उदार योगदान शैक्षणिक एवं अनुसंधान उत्कृष्टता को समर्थन देने व बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा जिसके लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की प्रसिद्ध है।
इस उल्लेखनीय भाव को स्वीकार करते हुए, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की के निदेशक प्रोफेसर केके पंत ने कहा, “भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की का अपने पूर्व छात्रों के साथ बहुत मजबूत संबंध है और यह ताकत का एक स्थायी स्रोत है। हम अपनी यात्रा के दौरान निरंतर सहयोग प्रदान करने के लिए अपने पूर्व छात्रों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की के 1981 बैच ने पूर्व छात्रों व उनके अल्मा मेटर के बीच स्थायी संबंध का एक सराहनीय उदाहरण स्थापित किया है।” संसाधन एवं पूर्व छात्र मामले के कुलशासक प्रोफेसर आर डी गर्ग ने कृतज्ञता की भावना को दोहराते हुए कहा, “अल्मा मेटर के प्रति हमारे पूर्व छात्र बैच की परोपकारिता एवं प्रतिबद्धता वास्तव में सराहनीय है। हम उनके उदार दान के लिए बहुत आभारी हैं जो हमारे छात्रों के जीवन में बदलाव ला रहा है। यह समर्थन भावी पीढ़ियों के लिए उत्कृष्टता एवं नवप्रवर्तन का मार्ग प्रशस्त करता है।”
रीयूनियन ने पूर्व छात्रों को फिर से जुड़ने, यादें ताज़ा करने व अपनी सफलताओं और अनुभवों को अपने साथियों के साथ साझा करने के लिए एक मंच प्रदान किया। 1981 बैच ने अपने असाधारण योगदान से, अपने जीवन पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की के स्थायी प्रभाव और वापस देने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम ने न केवल भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की में बने संबंधों का उत्सव मनाया, बल्कि संस्थान के भविष्य पर पूर्व छात्रों के गहरे प्रभाव का भी प्रदर्शन किया।