हरिद्वार के तीर्थ पुरोहितों द्वारा हस्तलिखित अभिलेखों की 700 साल प्राचीन परंपरा पर बनी फिल्म “बही : ट्रेसिंग माई एंसेस्टर्स” रिलीज

by intelliberindia

हरिद्वार के तीर्थ पुरोहितों पर बनी फिल्म “बही : ट्रेसिंग माई एंसेस्टर्स” रिलीज

तीर्थ पुरोहितों द्वारा हस्तलिखित अभिलेखों की 700 साल प्राचीन परंपरा पर आधारित है फिल्म

हरिद्वार :  उत्तराखंड की संस्कृति, परंपरा व सभ्यताओं पर बनाई गई सात फिल्मों की सीरीज़ की आखिरी बहुप्रतीक्षित शार्ट फिल्म ‘बही: ट्रेसिंग माई एंसेस्टर्स’ वर्चुअल भारत के यूट्यूब चैनल पर रिलीज हो गई है। रूरल इंडिया सपोर्टिंग ट्रस्ट के साथ भारतबाला द्वारा निर्देशित इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म में हरिद्वार के तीर्थ पुरोहितों द्वारा हस्तलिखित अभिलेखों को बनाए रखने की एक 700 साल प्राचीन परंपरा पर प्रकाश डालती है जिसने कई परिवारों को सैकड़ों साल पुराने बही के माध्यम से अपने पैतृक मूल की खोज करने में सक्षम बनाया है। 
हस्तलिखित “बही” को बनाए रखना उन उल्लेखनीय प्रथाओं में से एक है जो तकनीकी प्रगति और डिजिटलीकरण के बावज़ूद हरिद्वार के परिसर में बची हुई है। बही जन्म, मृत्यु और वंशावली को सावधानीपूर्वक दर्ज करती हैं, जो अतीत और वर्तमान के बीच एक पुल के रूप में कार्य करती हैं। पूर्वजों के अंगूठे के निशान और हस्ताक्षर इन अभिलेखो को प्रामाणिकता प्रदान करते हैं। बही पंडितों के एक संप्रदाय द्वारा बनाए और संरक्षित की जाती है जिन्हें तीर्थ पुरोहित कहा जाता है, जो अपने जजमानों को उनके पूर्वजों की याद में अनुष्ठान करने में मार्गदर्शन और मदद करते हैं, और उनके परिवार के पेड़ का मानचित्रण जारी रखते हैं।  
यह उत्तराखंड सीरीज की सात फिल्मों में से आखिरी फिल्म है। वर्चुअल भारत एक ज्वलंत सिनेमाई कै नवास पर कला, संस्कृति, वास्तुकला, संगीत, कविता, लोककथाओं और परंपरा कीअनदेखी, अनकही कहानियों का एक डिजिटल भंडार बनाने के लिए भारत की 5000 साल पुरानी सभ्यता में 1000-फिल्म-यात्रा है।
 

 



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