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रूड़की (अश्वनी उपाध्याय)। जैन समाज के “दसलक्षण महापर्व” के अंतिम दिन मंगलवार को ‘उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म’ की परंपरागत ढंग से नित्य नियम और नैमित्तक पूजन विधान के साथ विशेष जिनेंद्र महार्चना हुई। इस दौरान जैन धर्म सभा उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार जैन ने पावन पर्व पर अपने विचार रखते हुए कहा कि उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म का मार्ग काम का नही बल्कि राम की उपासना का मार्ग है। पर्युषण पर्व को संसार सागर से पार उतरने को नौका के समान बताते हुए उन्होंने कहा कि दसलक्षण महापर्व मानवता के लिए प्रकाश पुंज है। दस दिन तक चले पावन धर्म पर्व को आत्मशुद्धि आत्मोपलब्धि और विश्व कल्याण का महापर्व बताते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता एवं जैन दर्शन अध्येता नरेन्द्र कुमार जैन ने पर्वराज दशलक्षण को मर्यादित आचरण एवं अनुशासन की शिक्षा देने वाला अनुकरणीय अनुष्ठान बताया।
दस दिवसीय आध्यात्मिक पर्वराज के अवसर पर जैन श्रद्धालुओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। अंतिम दिन मंगलवार को अनंत चतुर्दशी व्रत एवं तीर्थंकर वासुपूज्य भगवान के मोक्ष कल्याणक संबंधी पूजा अर्चना भी की गई। दसलक्षण पर्युषण पर्व के दौरान कानून गोयान एवं आदर्श नगर स्थित जैन मंदिर में सांस्कृतिक कार्यक्रम, जलकलश यात्रा, सामूहिक आरती, शास्त्रसभा, सामाजिक बोलियां, कलशाभिषेक और कथावाचन संबंधी विभिन्न धार्मिक आयोजन भी परंपरागत ढंग से सोत्साह सम्पन्न हुए। इसमें जैन समुदाय के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भक्तिभाव से धर्म प्रभावना के साथ प्रतिभाग किया।
इस दौरान विभिन्न कार्यक्रम में जैन धर्म सभा के प्रांतीय संरक्षक साधुराम जैन, श्री दिगम्बर जैन के प्रधान अनिल कुमार जैन, नमो फाउंडेशन के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कुमार जैन, जैन मिलन शाखा अध्यक्ष सुधीर जैन, मंत्री सुनील जैन, सुभाष चन्द्र जैन, मंत्री अवनीश जैन, पूर्व विधायक सुरेश चंद्र जैन, मनोज जैन, भूपेंद्र जैन, लालचंद अनुज जैन, अजय कुमार जैन, अतुल जैन, सुखवीर जैन, डॉ रवि जैन, मुकेश कुमार जैन, विरेन्द्र जैन, पीसी जैन, अभिलाषा जैन, सुगंध जैन, शुभांगी जैन, निधि अरिंजय जैन, मनु, नवीन जैन, निश्चय जैन, निपुण जैन, अनीता जैन, पंकज सीमा जैन, एससी जैन, दीपक जैन, प्रदीप कुमार जैन आदि मौजूद रहे।