जोशीमठ में दरारों वाले भवनों की संख्या में नहीं हुई बढ़ोतरी, पानी का रिसाव 540 एलपीएम से घटकर हुआ 60 एलपीएम

by intelliberindia
 
चमोली : जोशीमठ में दरारों वाले भवनों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई है। अभी तक 863 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई है। इनमें सें 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। जेपी परिसर जोशीमठ में पानी का रिसाव 540 एलपीएम से घटकर आज सुबह 60 एलपीएम मापा गया। जोशीमठ नगर क्षेत्र में भू-धंसाव को लेकर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चमोली द्वारा जारी दैनिक रिपोर्ट के अनुसार जोशीमठ में सुरक्षा की दृष्टिगत जिला प्रशासन वर्तमान में  251 परिवारों के 911 सदस्यों को विभिन्न सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी रूप से विस्थापित किया गया है। जबकि 45 परिवारों के 84 सदस्य अपने रिश्तेदारों/किराये पर चले गए है।




जिला प्रशासन द्वारा जोशीमठ नगर क्षेत्र के अंतर्गत निवास करने योग्य अस्थायी राहत शिविरों के रूप में 91 स्थानों में 661 कक्षो का चिह्नीकरण कर लिया गया है। जिसमे 2957 व्यक्तियों को ठहराया जा सकता है।  वहीं नगर पालिका क्षेत्र जोशीमठ के बाहर पीपलकोटी में अस्थायी राहत शिविरों के रूप में 20 भवनों के 491 कमरों को चयनित किया गया है जिसमे कुल 2205 लोगों को ठहराया जा सकेगा।राहत कार्यो के तहत जिला प्रशासन द्वारा अबतक 677 प्रभावितों को 432.34 लाख रुपये की धनराशि वितरित की जा चुकी है। प्रभावितों को अबतक 1214 खाद्यान किट, 1284 कंबल व 1466 लीटर दूध, 164 हीटर/ब्लोवर, 143 डेली यूज किट, 48 जोडी जूते, 150 थर्मल वियर, 175 हाट वाटर वोटल, 700 टोपी, 280 मौजे, 250 शाल, 263 इलेक्ट्रिक केटल एवं 2016 अन्य सामग्री पैकेट का वितरण राहत सामग्री के रूप में किया जा चुका है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरंतर प्रभावितों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है जिसके तहत राहत शिविरों में रह रहे 1318 से अधिक लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है। प्रभावित क्षेत्रों में 118 पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण और 200 पशु चारा बैग वियरण का किया गया।जिला मजिस्ट्रेट चमोली द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 33 व 34 का प्रयोग करते हुए नगर क्षेत्र अंतर्गत वार्ड संख्या 1,  4, 5 व 7 के अंतर्गत आने वाले अधिकांश क्षेत्रो को असुरक्षित घोषित करते हुए इन वार्डों को खाली करवाया गया है। शीतलहर को देखते हुए नगरपालिका जोशीमठ क्षेत्र अंतर्गत 20 स्थानों पर नियमित रूप से अलाव जलाए जा रहे है। राहत शिविरों में प्रभावित लोगों के लिए हीटर भी उपलब्ध कराए गए है। लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन को ध्वस्त किया जा चुका है। जबकि मलारी इन एवं माउंट व्यू को ध्वस्तीकरण का कार्य अंतिम चरण में है।

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