गोपेश्वर (चमोली)। राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर गुरुवार को जिला सूचना विभाग चमोली की ओर पत्रकार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के युग में मीडिया विषय पर चर्चा की गई। गोष्ठी में पत्रकारों की ओर से कृत्रिम मेधा से मीडियाकर्मियों को मिली सुविधा और चुनौतियों के विषय में चर्चा की गई। गोष्ठी में चर्चा के दौरान वक्ताओं ने कृत्रिम मेधा का उपयोग संवेदनशीलता और तथ्यों के साथ करने की बात पर जोर दिया।
सूचना विभाग कार्यालय चमोली में आयोजित गोष्ठी का शुभारंभ वरिष्ठ पत्रकार क्रांति भट्ट ने किया। उन्होंने कहा कि जहां कृत्रिम मेघा की मदद से बेहतर प्रदर्शन किया जा रहा है, वहीं इस तकनीकी विधा में संवेदनशीलता न होने की चुनौती बनी हुई है। उन्होंने कहा कि तेजी से समाचारों के प्रसारण की चुनौती से पार पाने के लिए इस मेधा का उपयोग करना कई बार तथ्य विहीन सूचनाओं के प्रसारण की चुनौती बनी हुई है। ऐसे में जमीनी मीडियाकर्मियों को संवेदनशीलता और तथ्यात्मकता के साथ कृत्रिम मेघा के उपयोग की आवश्यकता है। वरिष्ठ पत्रकार ओम प्रकाश भट्ट ने कहा कि कृत्रिम मेधा के उपयोग से मीडिया कर्मियों की समाचारों की रचनात्मकता प्रभावित हुई है। साथ ही तकनीक के माध्यम शोध और अध्ययन की प्रवृत्ति भी प्रभावित हुई है।
पत्रकार शेखर रावत और जगदीश पोखरियाल ने कहा कि एआई के उपयोग से आज स्पॉट रिपोर्टिंग की प्रवृत्ति खत्म हो रही है। जिसके चलते समाचारों में तथ्यों का अभाव देखने को मिल रहा है। वक्ताओं ने कृत्रिम मेघा का उपयोग संवदेशीलता और तथ्यात्मकता के साथ करने की बात कही है। इस दौरान सूचना अधिकारी रवेंद्र सिंह नेगी ने कृत्रिम मेधा के प्रारम्भ और मीडिया में उपयोगिता की विस्तृत जानकारी दी। इस मौके पर पत्रकार रमन राणा, रणजीत सिंह, संदीप कुमार आदि मौजूद थे।