कांग्रेस से इश्क छोड़ दें मुसलमान – ओवैशी

by intelliberindia

 

नई दिल्ली : एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गुजरात चुनाव में उनकी पार्टी के वोट काटने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बीजेपी इसलिए जीत रही है क्योंकि उसे ज्यादा हिंदू वोट मिल रहे हैं। एक निजी चैनल के कार्यक्रम में बोलते हुए ओवैसी ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि राजनीतिक लड़ाई अब इस बारे में है कि पीएम मोदी से बड़ा हिंदू कौन है। भाजपा इसलिए जीत रही है क्योंकि उन्हें अधिक हिंदू वोट मिल रहे हैं। ओवैसी ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा का स्पष्ट रूप से मुस्लिम समुदाय से कोई संबंध नहीं है। आप और कांग्रेस वही काम कर रहे हैं। एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि अब पूरी राजनीतिक लड़ाई इस बात में बदल गई है कि पीएम मोदी से बड़ी मलमल कौन है। तब भारतीय राष्ट्रवाद कहां जाएगा? ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों को अब कांग्रेस से इश़्क छोड़ देना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मोदी हिंदुओं की दुखती नब्ज को जानते हैं।

गडकरी की दी चुनौती, मुस्लिमों की 04 पत्नियां वैध

चार पत्नियां रखने को अप्राकृतिक बताने वाले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बयान को भी ओवैसी ने निशाने पर लिया। गडकरी ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की थी। ओवैसी ने इस टिप्पणी पर भाजपा नेता पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं गडकरी को सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति देने की चुनौती देता हूं। आपकी संस्कृति और संस्कृति है, लेकिन मेरी संस्कृति संस्कृति नहीं है। ओवैसी ने तर्क दिया कि मुस्लिम पत्नियां वैध हैं, क्योंकि उन्हें रखरखाव और संपत्तियों में हिस्सा मिलता है। उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि वे समान नागरिक संहिता के बारे में बात करते हैं लेकिन लव जिहाद पर लोगों पर हमला करते हैं।

राहुल पर तंज-बाबा बनकर फिर रहे हैं

अंजना ने सवाल किया कि अगर आप न होते और ‘आप’ न होती तो कांग्रेस वाला जीत जाता। इसपर ओवैसी ने कहा कि आप और ‘आप’ कब तक आप और आप करते रहेंगे, तुम क्या कर रहे हो, तुम भी तो कुछ करो। आपका नेता तो पूरे भारत में पैदल-पैदल फिर रहा है। उसपर भी हम जिम्मेदारी देंगे क्या? बाबा बनकर फिर रहे हैं वो। किसी ने अच्छा कहा है कि इनको हिमाचल नहीं बुलाए, वरना हार जाते वहां पर भी। उन्होंने कहा कि ओवैसी को गाली देंगे, लेकिन दिल्ली के सीएम को कुछ नहीं बोलेंगे। शायद उनका नाम ओवैसी नहीं है। हम नहीं जीते वो बात और है, लेकिन हम फैसले को मानते हैं। हम अपनी कमजोरी को दूर करेंगे, लेकिन भारत के संविधान में ये बात कब से आ गई कि मुझे पूछकर लड़ना पड़ेगा। आखिर मैं क्यों पूछूंगा आपसे?

 

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