देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज (सोमवार) उत्तराखंड कैबिनेट की अहम बैठक हुई। बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। उत्तराखंड कैबिनेट द्वारा लिये गये महत्वपूर्ण निर्णय विस्तार से..
शहरी विकास विभाग
नगर पालिका परिषद् मुनिकीरेती ढ़ालवाला को उच्चीकृत कर (श्रेणी-02 से श्रेणी -01 ) में लाये जाने का निर्णय। नगर पालिका परिषद् मुनिकीरेती- ढालवाला उत्तराखण्ड का प्रमुख पर्यटक केन्द्र होने के साथ योग एवं साहसिक खेलों का भी केन्द्र है। कांवड़ यात्रा, चारधाम यात्रा एवं कुम्भ मेला के दौरान लाखों पर्यटक यहां आते है जिससे जनसामान्य एवं आगन्तुक जनों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने का निरन्तर दबाव बना रहता है। पालिका के उच्चीकृत होने से राज्य वित्त अनुदान एवं करों से निकाय की आय में वृद्धि होगी । पालिका के संरचनात्मक ढांचे एवं प्रकार्यात्मक गतिविधियों में सुधार होगा जिससे निरन्तर बढ़ती जनसंख्या को पार्किंग, पथ प्रकाश, सीवर लाइन, पक्की नाली, सड़के, साफ सफाई, सम्पर्क मार्ग, शौचालयों आदि से सम्बन्धित उच्चतम सुविधाएं मिलेंगी। यात्रा अवधि एवं अन्य दिनों में बढने वाली पर्यटक गतिविधियों के दृष्टिगत व्यवस्थाओं के संचालन में सुगमता होगी।
ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा विभाग, उत्तराखण्ड शासन
उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लि0 एवं पावर ट्रान्समिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखण्ड लि0 में ए०डी०बी० वित्त पोषित परियोजना, Uttarakhand Climate Resilience Power System Development Project (Uttarakhand Transmission Strengthening and Distribution Improvement Programme) अन्तर्गत स्वीकृत कार्यों में सहयोग एवं अनुश्रवण हेतु गठित होने वाले प्रोग्राम मैनेजमेन्ट यूनिट (ए०डी०बी० पी०एम०यू०) में विभिन्न श्रेणी के पदों को सृजित किये जाने संबंधी निर्णय।
प्रदेश में विद्युत एवं पारेषण की वोल्टेज प्रोफाइल में सुधार करने ग्रिड स्थिरता सुनिश्चित करने तथा ग्रिड विफलता को कम करने के उद्देश्य से यूपीसीएल एवं पिटकुल में ए०डी०बी० वित्त पोषित परियोजना के अन्तर्गत 132KV/220 KV/400 KV के नये सबस्टेशनों के निर्माण देहरादून शहर की उपरगामी (Overhead) विद्युत लाईनों को भूमिगत करने तथा पुराने सबस्टेशनों की क्षमता में वृद्धि के कार्य प्रस्तावित किये गये हैं। इन कार्यों के सम्पादन से राज्य में भविष्य की विद्युत आवश्यकता में होने वाली वृद्धि की पूर्ति सुनिश्चित होने के साथ-साथ नियमित विद्युत आपूर्ति भी सुनिश्चित हो सकेंगी।
उक्त ए०डी०बी० वित्त पोषित परियोजना के अन्तर्गत स्वीकृत कार्यों में सहयोग एवं अनुश्रवण हेतु गठित होने वाले प्रोग्राम मैनेजमेन्ट यूनिट (ए०डी०वी०पी०एम०यू०) में विभिन्न श्रेणी के पदों को सृजित किये जाने के सम्बन्ध में मा० मंत्रिमण्डल से निर्णय / आदेश प्राप्त किये जाने है, जिसके दृष्टिगत यह प्रस्ताव लाया गया है।
ग्राम्य विकास विभाग
ग्राम्य विकास विभागान्तर्गत लेखा संवर्ग ढ़ांचे में लेखाकार एवं सहायक लेखाकार के पूर्व सृजित कुल 350 पदों की सीमा में ही पदों को पुनर्गठित किये जाने संबंधी निर्णय। ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित विभिन्न केन्द्र एवं राज्य पोषित योजनाओं के सफल क्रियान्वयन आयुक्त कार्यालय के साथ-साथ जनपद एवं विकास खण्डों द्वारा किया जाता है, जिसमें प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा सहयोग प्रदान किया जाता है। अतः उक्त स्थलों पर लेखा सम्बन्धी कार्यों के सुचारू सम्पादन एवं वित्तीय प्रबन्धन बनाये रखने हेतु लेखा संवर्ग में लेखाकार के 280 पद एवं सहायक लेखाकार के 70 पद स्वीकृत हैं। किसी भी संवर्ग में सीधी भर्ती के पदों की संख्या पदोन्नति के पदों की संख्या से अधिक होनी चाहिए ताकि सीधी भर्ती के पदों से पदोन्नति के पदों की पदापूर्ति हो सके। उक्त के दृष्टिगत लेखा संवर्ग में पदों का पुनर्गठन करते हुए विभागान्तर्गत लेखाकार के 280 पदों के स्थान पर 110 पद एवं सहायक लेखाकार के 70 पदों के स्थान पर 240 पद करते हुए पुनर्गठित किये जाने का प्रस्ताव हैं।
वन विभाग
राजाजी टाइगर रिजर्व कन्जरवेशन फाउण्डेशन की स्थापना संबंध में। कार्बेट टाइगर फाउंडेशन की तर्ज पर राजाजीगर कन्जरवेशन फाउण्डेशन का गलन भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 38X(1) में उल्लिखित प्रावधान बाघ संरक्षण फाउण्डेशन के नियम के उददेश्य से भारत सरकार की अधिसूचना दिनांक 22 जून, 2007 के क्रम में राजाजी टाईगर रिजर्व कन्जरवेशन फाउण्डेशन का गठन किये जाने का निर्णय।
इसका मुख्य उद्देश्य-
- राजाजी टाइगर रिजर्व मे और आस-पास वो भू-दृश्यों में पारिस्थितिकीय आर्थिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास को गति देगा एवं सुगम बनाना।
- राजाजी टाइगर रिजर्व में और आस-पास सम्बन्धित क्षेत्र (भू-दृश्यों) में प्राकृतिक पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सहायता प्रदान करना।
- वनों पर निर्भरता को कम करने के लिए वैकल्पिक आजीविका के अवसर प्रदान करने, पारिस्थितिक पर्यटन के लाभ प्राप्त करने एवं मानव वन्यजीव संघर्ष से निपटने तथा सम्बन्धी अपराधों की रोकथाम में स्थानीय समुदायों को सहयोग प्रदान करना।
- टाइगर रिजर्व में कार्यरत कर्मचारियों के कल्याण से संबंधित गतिविधियों को करना।
- किसी भी नियोजित या जारी संरक्षण प्रयास के अभाव पूर्ति या अतिरिक्त संसाधन प्रदान करने में आवश्यकता पड़ने पर सहयोग प्रदान करना।
- वन्यजीव आवास सुरक्षा वन्यजीव सुरक्षा तथा कर्मचारियों के कल्याण के लिए उत्पन्न होने वाली तत्काल मांग को सहयोग प्रदान करना।
- आरटीसीएफ के उद्देश्यों एवं लक्ष्यों की पूर्ति हेतु आवश्यक संसाधनों का निर्माण, अधिग्रहण तथा रखरखाव करना।
- राज्य के कानूनों के तहत अनुमति के अनुसार उपरोक्त उद्देश्यों की पूर्ति के लिए आवश्यक तकनीकी कानूनी वित्तीय और अन्य सहयोग प्राप्त करना।
- अनुसंधान नवाचार प्रशिक्षण, पारिस्थितिकीय विकास, पारिस्थितिकीय पर्यटन और पर्यावरण शिक्षा में सहयोग प्रदान करना जिसके लिए नियमित बजट के प्रविधानों के अन्तर्गत आवश्यक संसाधन नहीं होते हैं।
- राज्य सरकार आवश्यकतानुसार फाउण्डेशन की कार्यप्रणाली की समीक्षा कर सकती है और फाउण्डेशन के मेमोरेण्डम ऑफ एसोसिएशन तथा एस.ओ.पी में अन्य बिन्दुओं को सम्मिलि कर सकती है।
पर्यटन विभाग, उत्तराखण्ड शासन
कार्मिक एवं सतर्कता विभाग
गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग।
पशुपालन विभाग (मत्स्य )
परिवहन विभाग
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग
- 4.1.4 न्यूनतम थ्रेशहोल्ड सीमा
- 4.1.4.1 निवेश रू 200 करोड़ रूपये या उससे अधिक के निवेश / विस्तारीकरण वाली परियोजनाएं इन दिशानिर्देशों के तहत लाभ के लिए पात्र होंगी, या
- 4.1.4.3 प्रस्तर संख्या 4.1.4.1 तथा 4.1.4.2 के अनुसार निर्धारित मानकों के अनुसार निवेश करने वाले कम्पनी/समूह की परियोजना अवधि अधिकतम 10 वर्ष होगी, परन्तु ऐसे कम्पनी/ समूह को प्रथम 03 वर्ष के अंतर्गत न्यूनतम रू० 200 करोड़ का निवेश ग्राउण्डिंग करना होगा।
आवास विभाग (अनुभाग-2)
पशुपालन अनुभाग-01
माध्यमिक शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड शासन
वित्त विभाग (राज्य कर विभाग)
ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा विभाग, उत्तराखण्ड शासन ।
उच्च शिक्षा विभागान्तर्गत राजकीय महाविद्यालयों में योग प्रशिक्षकों (ट्रेनर) की तैनाती किए जाने के सम्बन्ध में निर्णय
- राज्य में अवस्थित 119 राजकीय महाविद्यालयों एवं 04 राज्य विश्वविद्यालय परिसरों में कुल 123 योग प्रशिक्षकों की नियुक्ति आउटसोर्स के माध्यम से नितान्त अस्थायी रूप से 11 माह हेतु की जायेगी ।
- उक्त की तैनाती हेतु निदेशक, उच्च शिक्षा / कुल सचिव, सम्बन्धित वि०वि० के स्तर से विज्ञापन प्रकाशित किए जाएंगे तथा तैनाती प्रक्रिया सम्बन्धित महाविद्यालय/वि०वि० के प्राचार्य / कुल सचिव के स्तर से की जाएगी।
- योग प्रशिक्षकों को प्रतिदिवस न्यूनतम ₹300/- एवं प्रतिमाह अधिकतम रू० 18,000/- की दर से मानदेय भुगतान किया जाएगा। उक्तानुसार कुल 123 योग प्रशिक्षकों का 11 माह हेतु धनराशि रू0 243.54 लाख का व्ययभार होगा।
- योग प्रशिक्षकों की तैनाती किए जाने में यथासंभव स्थानीय युवाओं को वरीयता दी जाएगी।
- योग प्रशिक्षक प्राचार्य द्वारा उपलब्ध कराये गये समय-सारिणी एवं निर्देशों के अनुरूप कार्य करते हुये संस्थान के शिक्षकों, कार्मिकों, छात्र-छात्राओं एवं निकटवर्ती क्षेत्रों के आम-जनमानस को भी योग का नियमित अभ्यास एवं प्रशिक्षण करायेंगें।
शहरी विकास विभाग
वन विभाग
वित्त विभाग (वित्त अनुभाग-10)
शहरी विकास विभाग
वित्त विभाग, उत्तराखण्ड शासन (वित्त अनुभाग-06)
पर्यटन अनुभाग-2, उत्तराखण्ड शासन
उत्तराखण्ड अग्निशमन एवं आपात सेवा विभाग
गृह (कारागार) विभाग, गृह अनुभाग-2 उत्तराखण्ड शासन
वित्त विभाग
जलागम
- उच्चाधिकार प्राप्त समिति (HPC)- मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन की अध्यक्षता में गठित की जायेगी। यह समिति इससे सम्बन्धित योजनाओं के नियोजन, स्वीकृति, कियान्वयन एवं समन्वय आदि समस्त कार्यों के निष्पादन हेतु मार्गदर्शी सिद्धातों के निरूपण को अनुमोदित करेगी।
- राज्य स्तरीय कार्यकारी समितिः- यह समिति अपर मुख्य सचिव / प्रमुख सचिव / राचिव, जलागम प्रबन्धन की अध्यक्षता में गठित की जायेगी। यह समिति प्रदेश स्तर पर वर्षा जल संग्रहण तकनीक यथा चेकडैम आदि तथा धारा नौला एवं नदियों के संरक्षण एवं पुनरूद्धार कार्यों हेतु वार्षिक कार्य योजना पर HPC की संस्तुति प्राप्त करेगी ।
- जिला स्तरीय कार्यकारी समितिः- यह समिति जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित की जायेगी तथा राज्य स्तरीय एजेंसी के साथ समन्वय में कार्य करेगी और आवश्यकता अनुसार Critical Gap Funding की स्वीकृति एवं अनुशंसा राज्य स्तर हेतु करेगी ।
- धारा नौला संरक्षण समितिः- यह समिति प्रधान, ग्राम पंचायत की अध्यक्षता में गठित की जायेगी। यह समिति वर्षा जल संग्रहण तकनीकों यथा चेकडैम आदि के माध्यम से स्प्रिंग उपचार एवं नदियों के उपचार की आवश्यकता एवं इनके सत्त प्रबन्धन के सम्बन्ध में स्थानीय समुदाय को जागरूक कराने के लिए नियमित रूप से बैठकें और प्रशिक्षण आयोजित कराएगी।