कुमाऊनी सामाजिक सांस्कृतिक मैत्री संगठन ने किया घुघूती कार्यक्रम का आयोजन

by intelliberindia
 
कोटद्वार। उत्तराखंड के सर्वोच्च लोकपर्वों में एक पर्व जिसे उत्तराखंड में घुघूतीया संक्रात, उतरैणी सक्रांत, मकरैण व खिचड़ी त्यौहार के नाम से जाना जाता है विशेष महत्व रखता है । कुमाऊँ में और कुमाऊनी लोगों में घुघूती सक्रांत के प्रति विशेष उत्साह होता है । छोटे बच्चे अपने बडे़ बुजुर्गों को सुबह सुबह ठंडे पानी से नहाकर घर घर प्रणाम करने जाते हैं । महिलाएँ पकवान बनाने की तैयारी करती है विशेष कर आटे से बनाई जाने वाली घुघूती ।
घुघूती त्यौहार को लेकर बहुत सारी कथाएँ और किवदंतियां प्रचलित हैं । उत्तराखंड में इस दिन से पहाडी क्षेत्रों में मेलों की परमात्मा की शुरुआत भी मानी जाती है । कोटद्वार में 150 वर्षों से अधिक समय से रह रहे कुमाऊनी परिवारों के कुमाऊनी सामाजिक सांस्कृतिक मैत्री संगठन के सौजन्य से इस बार सामूहिक रूप में लछमपुर कलालघाटी में घुघूती संज्ञान धूमधाम से सांस्कृतिक कार्यक्रम कर मनाया । कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि एएसपी पौड़ी, कोटद्वार शेखर सुयाल ने कहा कि अपनी संस्कृति और नई जनरेशन को अच्छे संस्कार देने के लिए बोली भाषा, संस्कृति को अपनाना और पहचानना जरूरी है तभी उत्तराखंडी अपना स्वाभिमान बचा पाएंगे । वही बतौर मुख्य अतिथि लैन्डाउन प्रभाग के डीएफओ दिनकर तिवारी ने कहा कि प्रत्येक उत्तराखंडी को अपने क्षेत्र की बोली, भाषा, पहनावा, खानपान और क्षेत्र विशेष का ज्ञान देना आवश्यक है ।आजकल की युवा पीडी और नई पीडी को विदेशी संस्कृति का, देश विदेश की जानकारी है परन्तु अपनी और अपने क्षेत्र की जानकारी नहीं । तिवारी ने विलुप्त होते पहाड़ी, कुमाऊनी शब्दो का उल्लेख करते हुए उदाहरण दिया कि हम अपनी संस्कृति को छोडते जा रहे हैं जो हमारे पहाड़ी विशेष कर उत्तराखण्ड के लोगों के हित में नहीं है ।
कार्यक्रम को उत्तराखण्ड के रेडियो और दूरदर्शन कलाकार दयाशंकर फुलारा और गीता नेगी ने कुमाऊनी गीतों से दर्शकों और मेहमानों को मंत्रमुग्ध कर दिया । कार्यक्रम में लछमपुर कलालघाटी की पार्वती कीर्तन मंडली व सिगड्डी की जयदेव पुर कीर्तन मंडली ने भजन कीर्तन कर कार्यक्रम को भक्ति रस में डुबो दिया । वहीं स्थानीय बुजुर्ग कलाकार सोहन सिह ने पुराने बासमती चावलों की तर्ज़ पर अपनी गायकी से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया । कार्यक्रम में पूर्व कोपरेटिव बैक प्रबंधक बीरेंद्र पाल बिष्ट, लक्ष्मण बिष्ट, राजेन्द्र सिंह नेगी, संगठन के अध्यक्ष हुकुम नेगी, उपाध्याय जगदीश पाडे, महासचिव शंकर जोशी, सचिव पूरण चद पाड़े, कोषाध्यक्ष पूरण अधिकारी, मिडिया सचिव पुष्कर पवार, मिडिया प्रभारी ने मनोज नौडियाल, कुंदन नेगी, ममता नेगी कुबेर जलाल, माया देवी जलाल, हेमा देवी, विमला मेहरा, कमला, चंद्रा, जानकी, प्रेमा, बबीता, मीनाक्षी, राधा, रेखा, पार्वती, दीपा, कविता, गीता, तनु, अंजुआशा, अनिता मौजूद रहे ।

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