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चमोली : नीती-माणा घाटी में ठंड बढ़ने के साथ ही प्रकृति के नजारे भी बदलने लगे हैं। घाटियों में तापमान में गिरावट आने के साथ ही बहते झरने और चट्टानों से टपकता पानी जमने लगा है। जिससे बहते जल प्रपतों के जम जाने के बाद यहां प्रकृति का अनुपम दृष्य देखते ही बनता है। घाटी के स्थानीय निवासी धमेंद्र पाल और धीरेंद्र गरोडिया का कहना है कि घाटी में शीतकाल में हुई बर्फवारी से प्रतिवर्ष यहां टिम्मरसैंण महादेव में बर्फ के शिव लिंग आकार लेते हैं। कहा यदि शासन और प्रशासन की ओर से प्रयास किया जाता है तो यहां अमरनाथ की तर्ज पर बाबा बर्फानी की यात्रा शुरु कर तीर्थाटन विकास किया जा सकता है।