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रुड़की : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (आईआईटी रुड़की) की स्टार्ट-अप इंडी एनर्जी, जो सोडियम-आयन बैटरी के निर्माण में विशेषज्ञता रखती है, ने “एनर्जी स्टोरेज” श्रेणी में राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार 2022 प्राप्त किया है। हाल ही में दिल्ली में दिया गया यह पुरस्कार भारत में सबसे आशाजनक और अभिनव स्टार्टअप के लिए प्रदान किया जाता है। इस उपलब्धि के सम्मान में, प्रशंसा का प्रमाण पत्र पीयूष गोयल जी, वाणिज्य और उद्योग मंत्री, भारत सरकार द्वारा प्रदान किया गया था। पुरस्कार समारोह के दौरान प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए वाणिज्य और उद्योग मंत्री, भारत सरकार पीयूष गोयल ने कहा, “भारत अब दुनिया में स्टार्ट-अप के लिए तीसरा सबसे बड़ा पारिस्थितिकी तंत्र है। और यह सपना डिजिटल इंडिया के लॉन्च के बिना संभव नहीं हो पाता। मैं आप सभी को एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए बधाई देता हूं।”
पुरस्कारों के तीसरे संस्करण का उद्देश्य उन व्यवसायों को सम्मानित करना था जो देश के सतत आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर प्रदान करने वाले अभिनव और अद्भुत समाधान प्रदान करते हैं। आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर योगेश शर्मा के नेतृत्व वाली पूरी इंडी एनर्जी टीम को इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर के.के. पंत ने कहा, “नेशनल स्टार्टअप अवार्ड 2022 भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है। आईआईटीआर फैकल्टी और छात्रों द्वारा स्थापित स्टार्टअप्स को हैंड-होल्डिंग सहायता प्रदान करने के लिए आईआईटी रुड़की प्रतिबद्ध है। इसके अलावा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नए विचारों और नवाचारों को पोषित करने के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को लगातार विकसित किया जा रहा है।”
इस संस्थान ने हाल ही में फैकल्टी के नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स को सहायता देने के लिए एक योजना शुरू की थी। यह आईआईटी रुड़की संकाय द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण का समर्थन करता है। यह सहायता प्रोटोटाइपिंग, प्रायोगिक परीक्षण और विपणन व्यय के लिए प्रदान की जाती है। उल्लेखनीय है कि आईआईटी रुड़की में फैकल्टी एंटरप्रेन्योरशिप पॉलिसी भी है। आईआईटी रुड़की टाइड्स (टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप डेवेलपमेंट सोसाइटी) और आई-हब दिव्यसंपर्क के माध्यम से 130 से अधिक स्टार्टअप्स को सहायता प्रदान कर रहा है। दोनों इकाइयां नए उद्यमों को उनके इन्क्यूबेशन सेंटर में प्रवेश देकर और भौतिक, तकनीकी, वित्तीय और नेटवर्किंग सहायता तथा सेवाएं प्रदान करके नवीन तकनीकों के साथ इन्क्यूबेशन की सुविधा प्रदान करती हैं।
इसके अलावा, आईआईटी रुड़की के पास संस्थान के संकायों, छात्रों और अनुसंधान विद्वानों द्वारा शुरू किए गए स्टार्टअप की सहायता करने के लिए विभिन्न योजनाएँ हैं। इस पुरस्कार के विषय में बात करते हुए, इंडी एनर्जी के सह-संस्थापक प्रो. योगेश कुमार शर्मा ने कहा, “भारत में सोडियम-आयन बैटरी के विकास में अग्रणी होने पर हमें गर्व है। यह पुरस्कार टिकाऊ ऊर्जा भंडारण समाधानों में भारत को ऊर्जा स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनाने के हमारे लक्ष्य की दिशा में एक कदम है। हम अपने प्रयासों को मान्यता देने के लिए भारत सरकार और व्यापक समर्थन के लिए आईआईटी रुड़की के आभारी हैं।
इंडी एनर्जी के सह-संस्थापक और सीईओ आकाश सोनी ने कहा, “हम राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार 2022 प्राप्त करके रोमांचित हैं। यह पुरस्कार हमारी टीम की कड़ी मेहनत, समर्पण और भारत और विश्व के लिए स्थायी और नवीन ऊर्जा समाधान बनाने के जुनून का वास्तविक संकेत है।” इंडी एनर्जी की सोडियम-आयन बैटरियां अपने उच्च ऊर्जा घनत्व, कम लागत और उच्च सुरक्षा के लिए जानी जाती हैं, जो उन्हें पारंपरिक लिथियम-आयन बैटरियों का व्यवहार्य विकल्प बनाती हैं। कंपनी का मिशन इलेक्ट्रिक वाहनों, ग्रिड स्टोरेज और पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक्स सहित अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए किफायती और विश्वसनीय ऊर्जा भंडारण समाधान प्रदान करना है। इंडी एनर्जी भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अपने घटकों सहित स्वदेशी रूप से विकसित बैटरी के साथ देश को सशक्त बनाने का प्रयास कर रही है।
जब इंडी एनर्जी अपनी अभिनव सोडियम-आयन बैटरी के उत्पादन में वृद्धि करेगी तो यह भारत को स्वच्छ ऊर्जा भंडारण क्षेत्र में अग्रणी बना देगी। लिथियम-आयन बैटरी और लेड-एसिड बैटरी का एक स्थायी विकल्प, इंडी एनर्जी की सोडियम-आयन बैटरी हार्ड कार्बन – एनोड सामग्री द्वारा संचालित होती हैं, जो मुख्य रूप से बायोमास से प्राप्त होती है।
इंडी एनर्जी के विषय में
2019 में आईआईटी रुड़की के फैकल्टी और छात्रों, अर्थात् प्रो. योगेश शर्मा, डॉ. असित साहू, और डॉ. नागेश कुमार, श्री आकाश सोनी द्वारा स्थापित एनर्जी स्टोरेज स्टार्ट-अप इंडीजेनस एनर्जी स्टोरेज टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड भारत की पहली कंपनी है जिसने जैव-अपशिष्ट-व्युत्पन्न वाणिज्यिक हार्ड कार्बन और स्वदेशी रूप से विकसित कैथोड का उपयोग करके (स्वदेशी) सोडियम-आयन सेल सफलतापूर्वक विकसित किया।