मदरसा शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक पहल, 97 मदरसों को मान्यता, मंगलौर में अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी का भव्य स्वागत एवं सम्मान

by intelliberindia

मंगलौर : जनपद हरिद्वार के मंगलौर में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में प्रमुख मुस्लिम समाज के नेताओं, मदरसा शिक्षकों एवं प्रशासकों ने उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी का मौलवियों, मदरसा शिक्षकों और प्रशासकों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा मदरसा शिक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में उठाए गए कदमों के लिए आभार व्यक्त किया।

अध्यक्ष, मुफ्ती शमून कासमी ने कहा: “यह कार्य मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दूरदर्शी नेतृत्व, मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति और सर्वसमावेशी दृष्टिकोण के कारण संभव हो पाया है। मैं उनके प्रति आभार प्रकट करता हूँ, जिन्होंने उत्तराखंड के मदरसों को सम्मान और पहचान देने का ऐतिहासिक कार्य किया है।” मुफ्ती शमून कासमी ने यह भी बताया कि उत्तराखंड के सभी मदरसों में अब NCERT पाठ्यक्रम लागू कर दिया गया है। उन्होंने कहा: “हमारा उद्देश्य है कि मदरसा छात्र केवल धार्मिक शिक्षा तक सीमित न रहें, बल्कि उन्हें डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक, और प्रशासनिक सेवाओं में करियर बनाने का पूर्ण अवसर मिले। हम उन्हें मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़कर उनके उज्जवल भविष्य की दिशा में कार्य कर रहे हैं।

मुफ़्ती शमून कासमी ने यह भी स्पष्ट किया कि हाल ही में उत्तराखंड सरकार द्वारा अवैध मदरसों के विरुद्ध की गई कार्रवाई एक साहसिक, संवैधानिक और सकारात्मक कदम है। “यह कार्रवाई केवल अवैध, गैर-पंजीकृत एवं मानकों के विरुद्ध चल रहे मदरसों के खिलाफ है। उत्तराखंड सरकार द्वारा की जा रही यह पहल शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी और जिम्मेदार बनाने की दिशा में प्रशंसनीय है। सभी मान्यता प्राप्त मदरसे सरकार के नियमों और शिक्षा बोर्ड की निगरानी में विधिसम्मत रूप से संचालित हो रहे हैं और उनका पूर्ण संरक्षण किया जाएगा।”

मुफ़्ती शमून कासमी ने यह यह स्पष्ट किया कि उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड राज्य के सभी मदरसा छात्रों के समग्र कल्याण, आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय विकास में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

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