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उत्तरकाशी : जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को जिले के किसानों के हित में अधिक संभावनाशील क्षेत्रों में कारगर ढंग से कार्य करने के निर्देश देते हुए कहा है कि एफपीओ को कृषि एवं बागवानी उत्पादों के विपणन के लिए साथ ही कोल्ड स्टोरेज एवं मंडी के संचालन जैसी पहल करने की दिशा में भी आगे बढना चाहिए।
राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) तथा राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नाफेड) के द्वारा समर्थित जिले के कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के कार्यों एवं उपलब्धियों की समीक्षा के लिए जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा कि एफपीओ के माध्यम से यह सुनिश्चित हो कि किसानों को न्यूतम कीमतों पर खाद, बीज, रसायन और अन्य कृषि निवेशों की सुविधा मिले और उनके उत्पादों का अधिकाधिक मूल्य प्राप्त हो। इसके लिए एफपीओ को विपणन की कारगर रणनीति तय करने के साथ ही, किसानों को खेती-बागवानी में नए तौर-तरीकों व तकनीकों की जानकारी व बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के साथ ही किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए लाभांश का वितरण करने जैसे कदम उठाने चाहिए।
जिलाधिकारी ने एफपीओ को ऑनलाईन प्लेटफार्म्स व डिजीटल तकनीकों का इस्तेमाल कर उत्पादों की ब्रांडिंग व मार्केटिंग करने के निर्देश देते हुए कहा कि कि वह अपने प्रदर्शन में सुधार लाकर सदस्यों की संख्या एवं कारोबार को बढाने पर भी विशेष ध्यान दें। तभी यह संगठन आत्मनिर्भर बन सकेंगे और किसानों को अधिक लाभ प्रदान करने में सक्षम हो सकेंगें। जिलाधिकारी ने कहा कि एफपीओ के प्रदर्शन में अपेक्षित सुधार न होने पर संबंधित कलस्टर आधारित व्यावसायिक संगठन (सीबीबीओ) के विरूद्ध कार्रवाई हेतु नाबार्ड एवं नाफेड के उच्चाधिकारियों को लिखा जाएगा।
जिले में नाफेड के माध्यम से सभी विकास खंडों में कुल छः एफपीओ तथा नाबार्ड के द्वारा कुल चार एफपीओ संचालित किए जा रहे हैं। बैठक में इन सभी एपीओ के कार्यों की समीक्षा की गई। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी एसएल सेमवाल, मुख्य उद्यान अधिकारी डॉ. डीके तिवारी, मुख्य कृषि अधिकारी सचिन कुमार, जिला सहायक निबंधक सहकारिता बीएस रावत, लीड बैक प्रबंधक राजीव कुमार, नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक गुरूविंदर सिंह आहूजा सहित सीबीबीओ एवं एफपीओ के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।