हरिद्वार : कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व पर हरिद्वार में गंगा स्नान के लिए देश-विदेश से श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। हरकी पैड़ी पर आधी रात से ही भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया और ब्रह्म मुहूर्त से गंगा में पावन डुबकी का सिलसिला प्रारंभ हो गया। कड़कड़ाती ठंड के बावजूद आस्था का उत्साह श्रद्धालुओं के चेहरों पर साफ झलक रहा था।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली के रूप में मनाया जाता है। ऐसा विश्वास है कि इस दिन देवता स्वयं धरती पर आकर गंगा स्नान करते हैं। इसी पुण्य लाभ के लिए लाखों श्रद्धालु हरकी पैड़ी और अन्य घाटों पर एकत्र हुए। गंगा तट पर जगह-जगह दीपदान और कीर्तन का आयोजन भी हो रहा है।
प्रशासन ने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मेला क्षेत्र को 11 जोन और 36 सेक्टरों में विभाजित किया है। हरकी पैड़ी से लेकर बाहरी पार्किंग स्थलों तक यातायात और सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है। जल पुलिस की 6 टीमें घाटों पर तैनात हैं, जो डूबने की किसी भी घटना को तुरंत रोकने के लिए सतर्क हैं।
सुरक्षा के मद्देनजर बम निरोधक दस्ता, डॉग स्क्वायड और अभिसूचना इकाई संवेदनशील स्थानों पर लगातार गश्त कर रही है। सभी घाटों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। महिला घाटों पर विशेष रूप से महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है, ताकि महिला श्रद्धालु निश्चिंत होकर स्नान कर सकें।
मौसम ने भी पर्व में चार चांद लगा दिए। बदरीनाथ धाम की ऊंची चोटियों पर ताज़ा बर्फबारी हुई है, जिससे ठंड और बढ़ गई है। हरिद्वार पहुंचे यात्री अलाव का सहारा लेकर गर्माहट प्राप्त कर रहे हैं। फिर भी, आस्था की ज्वाला ठंड को परास्त कर रही है।
हरकी पैड़ी पर सुबह से ही गंगा आरती का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें हजारों दीप जलाए गए। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे सुरक्षा नियमों का पालन करें और घाटों पर निर्धारित स्थानों पर ही स्नान करें। कार्तिक स्नान पर्व का यह पुनीत अवसर आस्था, एकता और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बना हुआ है। प्रशासन की मुस्तैदी और श्रद्धालुओं के अनुशासन से यह पर्व शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो रहा है।
