गोपेश्वर (चमोली)। चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने वाइब्रेंट विलेज योजना की समीक्षा करते हुए कहा है कि सीमावर्ती गांवों में मूलभूत सुविधाओं को सुदृढ़ करने का जोर रहेगा। उन्होंने कहा कि सीमांतवासियों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
सीमांत गांवों के सर्वांगीण विकास को लेकर वाइब्रेंट विलेज योजना की समीक्षा करते हुए डीएम तिवारी ने बैठक में योजना के अंतर्गत चयनित गांवों के विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट विलेज योजना के माध्यम से सीमावर्ती गांवों में मूलभूत सुविधाओं को सुदृढ़ कर स्थानीय निवासियों के जीवन स्तर में सुधार लाया जाना प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, इंटरनेट कनेक्टिविटी, पेयजल तथा आजीविका से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता देते हुए त्वरित रूप से क्रियान्वयन सुनिश्चित करने पर जोर रहना चाहिए।
डीएम तिवारी ने कहा कि योजना का उद्देश्य केवल बुनियादी ढांचे का विकास नहीं है अपितु सीमावर्ती क्षेत्रों को सुरक्षित, आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना भी है। इसके लिए स्थानीय लोगों की भागीदारी को भी सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी कार्य निर्धारित समयसीमा में पूर्ण किए जाएं और नियमित रूप से निगरानी की जानी चाहिए ताकि योजना का लाभ ग्रामीणों तक प्रभावी ढंग से पहुंच सके।
परियोजना निदेशक आनंद सिंह ने बताया जनपद चमोली में 14 गांवो को वाइब्रेन्ट विलेज योजना के तहत चिन्हित किया गया है। इनमे सुविधाओं के विकास कार्य करवाए जा रहें है। कई विभागों के अधिकारियों ने अब तक की गई विकासात्मक कार्रवाई की जानकारी दी और भविष्य की कार्ययोजना साझा की। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डॉ अभिषेक त्रिपाठी, केदारनाथ वन प्रभाग के डीएफओ तरुण एस, जिला पर्यटन अधिकारी अरविन्द गौड़ सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।