रूडकी : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (भा.प्रौ.सं. रुड़की) एवं इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल), कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत विधिवत पंजीकृत कंपनी, भा.प्रौ.सं. रुड़की के पीएचडी छात्रों को इंडियनऑयल – भा.प्रौ.सं. रुड़की (आईओआईआईटीआर) रिसर्च फेलोशिप देकर, औद्योगिक महत्व के विषय पर भा.प्रौ.सं. रुड़की व आईओसीएल की संयुक्त देखरेख में अपने पीएचडी शोध कार्य को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा, अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा देने तथा सहयोग करने के लिए एक साथ आगे आए। सहयोग के बाद होने वाले समझौता ज्ञापन का उद्देश्य उद्योग के लिए प्रासंगिक तथा व्यावसायीकरण की उच्च संभावनाओं वाली परियोजनाओं पर अनुसंधान एवं विकास को निर्देशित करने के लिए अकादमिक-उद्योग साझेदारी के लिए एक मॉडल प्रदान करना है।
आईओआईआईटीआर रिसर्च फेलो को आईओसीएल से मासिक फेलोशिप मिलेगी। यह एमओयू आईआईटी रुड़की के एम.टेक छात्रों को औद्योगिक प्रासंगिकता की अपनी प्रमुख शोध परियोजना का चयन करने का अवसर भी प्रदान करता है जिसे आईआईटी रुड़की और आईओसी के संयुक्त मार्गदर्शन में कार्यान्वयत किया जाएगा। यह इंटर्नशिप कार्यक्रम छात्रों को उद्योग विशिष्ट आवश्यकताओं तथा विकसित समाधानों के परिनियोजन के लिए अपने तकनीकी कौशल व नवीन दृष्टिकोणों को संयोजित करने का अवसर प्रदान करेगा।भा.प्रौ.सं.रुड़की के ग्रेटर नोएडा एक्सटेंशन सेंटर में सी कन्नन,ईडी (सीटी एंड टीपीएफ),आईओसीएल तथा प्रोफेसर के के पंत, निदेशक, भा.प्रौ.सं. रुड़की द्वारा समझौता ज्ञापन पर विधिवत हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर प्रो. के के पंत, निदेशक, भा.प्रौ.सं. रुड़की ने कहा, “हम औद्योगिक महत्व में सहयोगी अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए आईओसीएल के साथ साझेदारी करके खुश हैं। हमारा मानना है कि पीएचडी एवं एम.टेक छात्रों के संयुक्त पर्यवेक्षक के रूप में उद्योग के विशेषज्ञ होने से यह सुनिश्चित होगा कि अनुसंधान के परिणाम हमारे उद्योग के लिए सीधे उपयोगी हैं, जबकि छात्रों को औद्योगिक समस्याओं व प्रौद्योगिकी के परिनियोजन से निपटने के लिए अकादमिक रूप से प्रशिक्षित भी किया जाता है।
आईओसीएल के ईडी (सीटी एंड टीपीएफ) डॉ सी कन्नन ने अपने संबोधन में कहा, “आईआईटी रुड़की उच्च तकनीकी शिक्षा एवं इंजीनियरिंग, बुनियादी तथा अनुप्रयुक्त अनुसंधान में राष्ट्रीय महत्व के अग्रणी संस्थानों में से एक है। इस प्रकार यह सहयोग प्रासंगिक तकनीकों और समस्याओं पर काम करने के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण एवं विशेष विशेषज्ञता की अनुमति देगा।”