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उत्तरकाशी : जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने विद्यालयों में पठन-पाठन की बेहतर व्यवस्थाएं किए जाने पर जोर देते हुए माध्यमिक विद्यालयों में पर्याप्त मात्रा में स्मार्ट क्लास रूम की व्यवस्था के लिए अधिकारियों को कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि स्मार्ट क्लास रूम सहित विद्यालयों में आवश्यक व्यवस्थाओं व सुविधाओं के लिए विभागीय मद में पर्याप्त आवंटन प्राप्त न होने पर अन्य मदों से व्यवस्था कराने का प्रयास किया जाएगा।
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने जिला मुख्यालय पर आयोजित जिला शिक्षा परियोजना समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सरकारी विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता में अपेक्षित सुधार लाने के लिए सभी लोगों को समन्वित व प्रतिबद्ध प्रयास करने होंगे। इसके लिए डिजीटल माध्यमों के साथ ही शिक्षण के नये व बेहतर तौर तरीकों का इस्तमोल करने के साथ ही सरकारी विद्यालयों को आवश्यक सुविधाओं व संसाधनों से लैस करना जरूरी है।
जिलाधिकारी ने कहा कि विद्यालयों में संचालित सभी कक्षाओं को चरणबद्ध रूप से स्मार्ट क्लास रूम में बदला जाना चाहिए। इसके लिए अधिकारियों को आगामी चार-पांच सालों की कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करने की हिदायत देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि इस योजना को जमीन पर उतारने के लिए विभागीय बजट के अतिरिक्त जिला योजना, जिला खनन न्यास निधि सहित अन्य मदों से भी धनराशि की व्यवस्था किए जाने पर विचार किया जाएगा। जिलाधिकारी ने विद्यालयों में टॉयलेट्स की उपयुक्त व्यवस्था किए जाने के साथ ही आवश्यकतानुसार अतिरिक्त कक्षों का निर्माण कराए जाने की भी हिदायत देते हुए कहा कि इन कार्यों के लिए विभागीय बजट पर्याप्त न होने पर मनरेगा से कन्वर्जेंस के माध्यम से भी सहयोग किया जा सकता है। जिलाधिकारी ने छात्राओं के लिए विद्यालयों में वेंडिंग मशीन के माध्यम से सेनेटरी पैड की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश देते हुए कहा कि इस व्यवस्था के लिए जरूरत होने पर विभाग को अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध करा दी जाएगी।
जिलाधिकारी ने माध्यमिक विद्यालयों को सुदृढ करने में पूर्व छात्रों का सहयोग लेने के लिए एलुमिनाई मीट जैसे कार्यक्रम आयोजित करने तथा साक्षरता अभियान में सीएसआर के तहत कार्य करने वाले संगठनों का सहयोग लेने के साथ ही दूरस्थ क्षेत्रों में निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों के बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश दिए। बैठक में समग्र शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्य योजना के साथ ही प्रधानमंत्री पोषण योजना, साक्षरता कार्यक्रम, बालगणना, पीएमश्री योजना तथा विद्यालयों के कोटिकरण आदि बिन्दुओं पर भी विचार-विमर्श हुआ।
जिलाधिकारी ने कहा कि शिक्षकों के स्थनांतरण के लिए विद्यालयों की श्रेणी के निर्धारण में व्यावहारिक पहलुओं का ध्यान रखा जाना आवश्यक है ताकि दूर-दराज के दुर्गम विद्यालयों में भी पर्याप्त मात्रा में अध्यापकों की तैनाती हो सके और समान रूप से अध्यापकों को सुगम में आने का भी अवसर मिल सके। इसके लिए कोटिकरण के प्रस्ताव तैयार करने की प्रक्रिया में स्वास्थ्य एवं लोक निर्माण विभाग के साथ ही राजस्व विभाग के कार्मिकों को भी सम्मिलित किया जाय। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी एस.एल.सेमवाल, जिला शिक्षा अधिकारी शैलेन्द्र अमोली, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी चेतना अरोड़ा, जिला पंचायत सदस्य प्रदीप कैंतुरा, खंड शिक्षा अधिकारी भटवाड़ी हर्षा रावत सहित अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।