पौड़ी : सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और लेपर्ड प्रभावित क्षेत्रों में सोलर स्ट्रीट लाइट निर्माण की डीपीआर बनायें। निराश्रित पशुधन के संरक्षण और पुराने पार्कों के जीर्णोद्वार से संबंधित कार्यों को भी प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण करें। उपरोक्त दिशा-निर्देश जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने नगर निकायों और विभिन्न क्षेत्रों के उपजिलाधिकारियों को वर्चुअज माध्यम से आयोजित की गयी समीक्षा बैठक में दिये।
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि सभी नगर निकाय (नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत) अपने-अपने क्षेत्रों में कूड़े का बेहतर प्रबंधन करने के लिए विस्तृत आगणन रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करें ताकि कूड़े का बेहतर और वैधानिक तरीके से निस्तारण हो सके। उन्होंने ऐसे सभी स्थानों पर जहां तेंदूआ का जोखिम अधिक है उन इलाकों में सोलर स्ट्रीट लाइट लगवाने के लिए प्रस्ताव बनाने को कहा जिससे मानव और पालतु पशुधन के जानमाल का नुकसान ना हो। नगर निकायों को तथा उपजिलाधिकारियों को निराश्रित पशुधन (गाय) के संरक्षण करने के लिए गौशाला निर्माण से जुड़े अधूरे कार्यों को तत्काल पूर्ण करने के निर्देश दिये तथा कहा कि निराश्रित पशुधन कहीं पर भी आवारा घूमता ना छोड़ें। साथ ही जिन गौशालाओं में पशुधन रखा गया है वह ठण्ड से सुरक्षित रहे, भूखा-प्यासा ना रहे इसकी भी लगातार निगरानी करते रहें।
जिलाधिकारी ने सभी को अपने-अपने क्षेत्रों में पॉलिथीन उन्मूलन का भी लगातार अभियान चलाते रहने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि शहरों में जितने भी पूर्व में पार्क बनायें गये थे यदि उनके जीर्णोद्वार सौन्दर्यीकरण या विस्तार की आवश्यकता हो तो उस संबंध में भी प्रस्ताव बनायें। जिलाधिकारी ने नगर आयुक्त कोटद्वार को नदी से सटे इलाकों में कूड़ा प्रबंधन का तथा बाढ़ सुरक्षा से संबंधित बेहतर प्लान बनाते हुए प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिये ताकि एक ओर नदी में कूड़ा ना जा पाये दूसरा बरसात में बाढ़ का जोखिम भी ना बने। इस दौरान वर्चुअल बैठक में नगर आयुक्त नगर निगम कोटद्वार वैभव गुप्ता, उपजिलाधिकारी श्रीनगर नुपूर वर्मा, सहित संबंधित क्षेत्रों के उपजिलाधिकारी व अधिशासी अधिकारी वर्चुअल बैठक से जुड़े हुए थे।