जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक संपन्न, नदियों के संरक्षण व पुनरुद्धार को लेकर डीएम आशीष भटगांई ने दिए निर्देश

by intelliberindia

बागेश्वर : जिलाधिकारी आशीष भटगांई की अध्यक्षता में मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जनपद की नदियों के संरक्षण एवं पुनरुद्धार हेतु विभिन्न विभागों द्वारा संचालित कार्यों की विस्तार से समीक्षा की गई।

जिलाधिकारी ने नगर निकायों को डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण एवं स्रोत पर कचरा पृथक्करण (सोर्स सेग्रीगेशन) पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। साथ ही नगर क्षेत्रों में सभी नालों की नियमित एवं प्रभावी सफाई सुनिश्चित करने को कहा। नगर पंचायत गरुड़ को एनजीटी मानकों के अनुरूप ट्रेंचिंग ग्राउंड के लिए उपयुक्त भूमि चिन्हित करने के निर्देश दिए गए। वहीं, जल संस्थान को आमजन को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए अधिकाधिक जल परीक्षण करने को कहा गया।

जिलाधिकारी ने नमामि गंगे समन्वयक को निर्देशित किया कि अगली बैठक के लिए बिंदुवार एजेंडा तैयार किया जाए ताकि कार्यक्रम की प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जा सके। बैठक में गंगा टाउन क्षेत्रों में सेप्टिक टैंक प्रबंधन तथा अर्थ गंगा मॉडल के अंतर्गत संचालित कार्यों की समीक्षा की गई। संबंधित अधिकारियों को इन कार्यों की अद्यतन प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए गए।

जिलाधिकारी ने जनपद की नदियों एवं उनकी सहायक नदियों के किनारे स्थित गांवों को चिन्हित कर वहां प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए। जल निगम को ‘हर घर जल सर्टिफिकेशन’ के अंतर्गत चयनित स्थानों पर थर्ड पार्टी री-वेरिफिकेशन कराने के निर्देश भी दिए गए, जिससे पूर्व में हुए सत्यापन की प्रामाणिकता सुनिश्चित की जा सके।

इस अवसर पर स्प्रिंग शेड एंड रिवर रीजुवनेशन अथॉरिटी (सारा) की बैठक भी आयोजित की गई, जिसमें प्रस्तावित कार्यों की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने जल स्रोतों, नदियों एवं जलाशयों के संरक्षण के कार्यों में तेजी लाने तथा सभी संबंधित विभागों को शीघ्र डीपीआर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

नमामि गंगे नोडल अधिकारी / प्रभागीय वनाधिकारी ध्रुव सिंह मार्तोलिया ने बताया कि जनपद के सभी नगर निकायों में 100% डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, कृषि विभाग द्वारा कृषि संगठन अभियान के तहत 135 गांवों में किसानों को जैविक खेती का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) के अंतर्गत 200 क्लस्टरों का गठन भी किया गया है। बैठक में जिला विकास अधिकारी संगीता आर्य सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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