पूर्व में उत्तखनित खनिज के परिवहन और विक्रय को छोड़कर 10 दिनों तक खनन पर लगाई रोक।
निरीक्षण में मिली खामियों को 10 दिनों के भीतर दूर करने के दिए निर्देश।
चमोली। घूनी ग्राम में खनन कार्याे को लेकर मिली शिकायत पर जिलाधिकारी संदीप तिवारी के निर्देशों क्रम में 15 जनवरी,2025 को राजस्व, भूतत्व एवं खनिकर्म के अधिकारियों की संयुक्त टीम ने सोप स्टोन खनन पटटा क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान शिकायतकर्ता राहुल सिंह, खिलाफ सिंह सहित अन्य ग्रामवासी मौजूद थे।
शिकायतकर्ता ने जिलाधिकारी को बताया था कि तहसील घाट के ग्राम घूनी में खनन कार्याे में लापरवाही बरती जा रही है। बताया कि खनन क्षेत्र के नीचे प्राथमिक विद्यालय ल्वाठ घूनी को जाने वाले पैदल रास्ता क्षतिग्रस्त हो गया है। खनन मशीनों के शोर से छात्रों को पढ़ने मुश्किल हो रहा है। इसके अलावा खनन का काम सूर्याेदय से पहले और सूर्यास्त के बाद भी किया जा रहा है। खनन ़क्षेत्र मे अवैध तरीके से ट्राली लगाने और सड़क निर्माण से खनन क्षेत्र में बरसात में आवासीय भवनों खतरा बना हुआ है। खनन क्षेत्र के आसपास भूधसांव होने का खतरा बना हुआ है। जिससे पूरा ग्रामवासी चिंतित है। इस पर जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों की टीम गठित कर खनन क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण करने के निर्देश जारी किए गए। संयुक्त टीम ने खनन क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया गया।
जिला खान अधिकारी अंकित चंद ने बताया कि घूनी ग्राम में स्वीकृत दो सोपस्टोन खनन पट्टों में पूर्व में किए गए सीमाबंधन के दौरान लगाए गए सीमा स्तम्भ उपलब्ध नहीं पाए गए है। स्थलीय निरीक्षण में खनन पट्टा क्षेत्र से बाहर खनन और किसी प्रकार का अवैध खनन होता हुआ नही पाया गया। खनन पट्टा धारकों को खनन क्षेत्र में सीमाबंधन लगाने और अनुमोदित खनन योजना व निर्धारित नियम व शर्ताे के अनुसार खनन कार्य करने के निर्देश दिए गए। साथ ही पट्टा धारक को स्वीकृत क्षेत्रान्तर्गत ही नियमानुसार खान सुरक्षा निदेशक गाजियाबाद क्षेत्र द्वारा नामित खान प्रबंधक की उपस्थिति में खनन कार्य करने के निर्देश दिए गए। हिदायत दी कि किसी प्रकार नियम विरुद्ध खनन किए जाने की स्थिति में पट्टाधारक के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी। पट्टाधारकों के प्रतिनिधियों को यह भी निर्देश दिए गए कि खनन क्षेत्र मिली खामियों को 10 दिनों के भीतर दूर किया जाए। इस अवधि में किसी प्रकार का खनन कार्य नहीं किया जाएगा। इस अवधि में केवल उत्खनित खनिज का परिवहन और विक्रय ही किया जा सकता है।