चमोली : गंगा नदी एवं इसकी प्रमुख नदियों के संरक्षण व संवर्धन के साथ ही बेहतर साफ-सफाई व्यवस्था किए जाने को लेकर शनिवार को मुख्य विकास अधिकारी डॉ. ललित नारायण मिश्र की अध्यक्षता में जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक हुई। मुख्य विकास अधिकारी ने नगर पालिका के अधिशासी अधिकारियों को निर्देशित किया कि ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन के तहत डोर-टू-डोर कूडा क्लेक्शन पर फोकस करते हएु सोर्स सेग्रिगेशन करना सुनिश्चित करें। कूडा वाहनों में भी गीला एवं सूखा कूडा ले जाने के लिए अलग-अलग व्यवस्था रखें। हिदायत दी कि कूडा निस्तारण की उचित व्यवस्था न मिलने पर नगर पालिकाओं पर ही अर्थदण्ड लगाया जाएगा।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि अपने क्षेत्रान्तर्गत कम से कम 25 प्रतिशत होटल, धर्मशाला एवं अस्पतालों का निरीक्षण कर रिपोर्ट उपलब्ध करें। नगर पालिकाओं में इलेक्ट्रोनिक अपशिष्ट एकत्रित कर उचित निस्तारण की व्यवस्थाएं की जाए। सभी औद्योगिक इकाईयों को ईटीपी से संयोजन किया जाए। ताकि उद्योगों से निकलने वाला प्रदूषित जल सीधे नदी में न जाए। जल संस्थान को शत प्रतिशत घरों का सीवर संयोजन कराने के निर्देश दिए।
मुख्य विकास अधिकारी ने वन विभाग को निर्देशित किया कि सड़कों के किनारे एवं बंजर भूमि पर बैम्बू प्लाटेशन और बैम्बू बोर्ड के माध्यम से यात्रामार्ग पर बैम्बू हट्स बनाने हेतु प्रोजेक्ट तैयार करें। ताकि मृदा अपरदन रोकने के साथ-साथ इससे लोगों की आजीविका संर्वधन भी हो सके। बंजर भूमि पर नैपियर एवं लेमन ग्रास लगाए। वन पंचायतों एवं समूहों के माध्यम से वन पंचायतों में आंवला, तेजपात, दाडिम, अखरोट पौंधे लगाए जाए। साहसिक पर्यटन के अंतर्गत अलकनंदा नदी में लंगासू से देवलीबगड के अतिरिक्त अन्य स्थलों को भी राफ्टिंग के लिए चिन्हित करें। उन्होंने नदी तटों पर बसे गांवों में जैविक खेती को बढ़ाने के निर्देश भी दिए। बैठक में डीएफओ आरके तिवाडी, परियोजना निदेशक आंनद सिंह सहित सभी संबधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।