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- टिहरी बांध परियोजना; आंवटित आवासीय भूखण्ड लैण्डफ्राड के लगातार प्रकाश में आ रहे मामले
- पारदर्शिता, निष्पक्षता लिए वाहन, निलम्बन, मुकदमा हर हद तक जाएगा जिला प्रशासन
- प्रशासन की चली कलम; विजिलेंस, सीबीसीआईडी जांच की शासन को संस्तुति
- जन दर्शन में खुल रहा भूखण्ड आवंटन का खेल, 04 नए प्रकरण और आए सामने
- अधीक्षण अभियंता (टिहरी बांध पुर्नवास) का वाहन प्रशासन ने किया था जब्त
देहरादून : जिलाधिकारी सविन बंसल के सम्मुख जनता दर्शन कार्यक्रम में टिहरी बाँध परियोजना से प्रभावित परिवारों को आवासीय भू-खण्ड आवंटन की शिकायतें प्राप्त हो रही है। पुलमा देवी का प्रकरण सामने आने पर अब इस प्रकार के प्रकरण अचानक से बढ गए है। जिसको गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने सचिव सिचंाई उत्तराखण्ड शासन को टिहरी बांध पुनर्वास विभाग द्वारा टिहरी बाँध परियोजना से प्रभावित परिवारों को आवासीय भू-खण्ड आवंटन की जांच की संस्तुति भेजी है। जिला प्रशासन लैण्डफ्राड करने वालों को जेल भेजने की तैयारी में है।
ज्ञातब्य है कि पिछले कई वर्षों से टिहरी बांध पुनर्वास विभाग द्वारा टिहरी बाँध परियोजना से प्रभावित परिवारों को आवासीय भू-खण्ड आवंटन की कार्यवाही की जाती रही है। पूर्व की भाँति उसमें से अधिकांश भू-खण्ड में विवाद एवं लैण्ड-फ्रॉड की स्थिति आज भी बनी हुयी है, जिसकी कई शिकायतें समय-समय पर जिला प्रशासन के समक्ष प्राप्त हो रही हैं, जिनके निराकरण का प्रयास जिला प्रशासन तो अपने स्तर पर कर रहा है। जिला प्रशासन ने शासन को प्रेषित अपनी संस्तुति में जिकर किया है कि ऐसे प्रकरण काफी गम्भीर प्रवृत्ति के हैं तथा ऐसे प्रकरणों की विस्तृत एवं सुनियोजित तरीके से विशेष गहन जांच करायी जानी आवश्यक है, जिससे कि प्रभावित एवं व्यथित परिवारों व्यक्तियों को समुचित लाभ मिल सके तथा संलिप्त अधिकारियों एवं तन्त्र को उत्तरदायी बनाया जा सके।
जनता दर्शन कार्यक्रम में समय-समय पर जब भी जन शिकायत सुनवाई हेतु/उच्चाधिकारियों द्वारा जनता दिवस का आयोजन कर सुनवाई की जाती है, तो अधिकांशतः पुनर्वास विभाग से सम्बन्धित शिकायतें प्राप्त हो रही है, जिनमें पुलमा देवी, शास्त्रीपुरम एन्कलेव रायपुर, सुमेर चन्द एवं आशीष चौहान तीनों शिकायतें भी पुनर्वास विभाग द्वारा जनपद क्षेत्रान्तर्गत किये गये आवंटन एवं भूमिधरी भूमि विवाद लैण्डफ्राड से सम्बन्धित है, जिस पर जिला प्रशासन ने पुनर्वास विभाग द्वारा समय-समय पर किये गये उपरोक्त प्रकार के देहरादून एवं अन्य जनपदों में किये गये आवंटन से सम्बन्धित समस्त प्रकरणों की गहनता से जांच एवं विस्तृत कार्यवाही एक विशेष जांच दल अथवा समकक्ष पुलिस एजेंसी से कराने की संस्तुति शासन को प्रेषित की है, जिससे वर्तमान में प्रभावितों को हो रही भूमि आवंटन में धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यन्त्रों एवं वित्तीय हानियों से बचाया जा सके तथा दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों को उचित रूप से दंडित किया जा सके, जिससे कि विस्थापितों के साथ न्याय हो सके तथा भविष्य में इस प्रकार के प्रकरणों की पुनरावृत्ति न हो।
जनता दर्शन में पुलमा देवी निवासी शास्त्रीपुरम तपोवन एन्कलेव रायपुर रोड़ जिला देहरादून द्वारा जन शिकायत निवारण दिवस में प्राप्त प्रश्नगत भूमि खसरा नं0-399च उनके द्वारा दिनेश रावत डीलर से वर्ष 2007 में क्रय की गयी थी, जिसका दाखिल खारिज भी शिकायतकर्ता (श्रीमती पुलमा देवी) के नाम अंकित हो गया था। किन्तु उक्त भूमि पर किसी अन्य महिला राजरानी पत्नी रोशन लाल द्वारा ध्वस्त कर अपना कब्जा कर लिया गया है। प्रकरण की जॉच के दौरान विदित हुआ, कि चन्दरू पुत्र अमरू नामक व्यक्ति को पूर्व में पुनर्वास स्थल फुलसैंणी में अधिशासी अभियन्ता, अनुसंधान एवं नियोजन खण्ड, ग्रामीण पुनर्वास, ऋषिकेश के पत्र 2007 द्वारा आवासीय भूखण्ड सं0-44 क्षेत्रफल 200 वर्ग मी० आबंटित कर कब्जा दिया गया, तदोपरान्त नायब तहसीलदार, टिहरी बांध परियोजना, 26 ई०सी० रोड. देहरादून के 2007 से चन्दरू पुत्र अमरू का भूमिधरी प्रकरण तहसीलदार, विकासनगर जिला देहरादून को प्रेषित किया गया। चन्दरू पुत्र अमरू ग्राम बन्द्राकोटी द्वारा उक्त भूखण्ड पर भूमिधरी दिये जाने हेतु पुनः प्रत्यावेदन प्रस्तुत किया गया, जिसके फलस्वरूप उप राजस्व अधिकारी अवस्थापना (पुनर्वास) खण्ड, ऋषिकेश द्वारा अपने जुलाई .2019 के द्वारा प्रकरण को तहसील-विकासनगर, देहरादून प्रेषित किये जाने के उपरांत राजस्व खतौनी में उसी भूखण्ड सं0-44 की भूमिधरी पुनः अंकित हो गयी। अतः एक ही भू-खण्ड को दो बार विभाग द्वारा भूमिधरी / आवंटन की प्रकिया मे लाया गया, जिस कारण मौके पर वाद-विवाद व फ्रॉड व भ्रष्टाचारपूर्ण कार्यवाही में संलिप्तता परिलक्षित हुयी है। शिकायकर्ता पुलमा देवी द्वारा प्रस्तुत शिकायती प्रार्थना पत्र पर उपजिलाधिकारी विकासनगर से जांच करायी गयी तथा उपजिलाधिकारी विकासनगर से प्राप्त जांच आख्या के आधार पर आवश्यक कार्यवाही हेतु अधीक्षण अभियन्ता (पुनर्वास) की जिम्मेदारी तय करते हुये प्रकरण दुरूस्त करने का अवसर दिया गया, जिस पर उनके द्वारा पुनः दोबारा दर्ज हुयी भूमि को निरस्त करने हेतु अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देशित किया गया, जिसके क्रम में राजस्व निरीक्षक पुनर्वास निदेशालय द्वारा अपने पत्र 07.07.2025 द्वारा सम्बन्धित तहसील विकासनगर को वांछित अभिलेखों सहित 2019 में दर्ज भूमिधरी भूमि को निरस्त करने हेतु प्रकरण प्रेषित किया गया। तदोपरान्त तहसीलदार विकासनगर द्वारा आदेश 11.07.2025 के द्वारा पुनः आवंटन को निरस्त कर दिया गया, जिसका अंकन ग्राम फूलसनी, विकासनगर के खाता संख्या-16, फसलीवर्ष 1416-1421 खतौनी में दर्ज है।
अब सुमेर चन्द पुत्र सुन्दर लाल व श्री हेमन्त कुमार एंव शैलेन्द्र कुमार पुत्र हरिनन्द द्वारा प्रस्तुत शिकायती 18.04.2017 ग्राम अटकफार्म तहसील विकासनगर जिला देहरादून स्थित पुर्नवास विभाग द्वारा आवंटित भू-खण्ड से सम्बन्धित दिया गया। जिस पर उप जिलाधिकारी विकासनगर द्वारा अपने कार्यालय पत्र 19.06.2025 के माध्यम से अवगत कराया गया है, कि ग्राम अटकफार्म परगना पछवादून तहसील विकासनगर के अर्न्तगत आवासीय भू-खण्ड संख्या 28, 29 भूमि आवंटित खसरा सख्या 302 व खसरा सख्या 306मि. कुल रकबा 0.0800 है० भूमि टिहरी बाँध परियोजना के द्वारा आवंटी लक्ष्मी देवी पत्नी स्व० हरिनन्द व हेमन्त कुमार पाण्डेय व शैलेन्द्र कुमार पाण्डेय निवासी देवल टिहरी गढवाल के नाम दर्ज अभिलेख है। स्थलीय जाँच में पाया गया, कि आवंटी का उक्त भू-खण्डों पर कब्जा तस्दीक नहीं हुआ है, पुर्नवास विभाग के द्वारा जो भू-खण्ड संख्या 28, 29 आवंटन किया गया था, जिस पर वर्तमान समय मे कोई अन्य कुन्दन लाल जोशी पुत्र नरोत्तम दास जोशी का कब्जा स्थल पर पाया गया है, जबकि कुन्दन लाल जोशी का नाम खाता संख्या 16 के खसरा संख्या 298 रकबा 0.2310 है० व खसरा संख्या 299 रकबा 0.1780 है० कुल रकबा 0.4090 है० भूमि दर्ज अभिलेख है। इस प्रकार टिहरी बाँध परियोजना के आवासीय भू-खण्ड 28 व 29 में कुन्दन लाल जोशी काबिज पाया गया तथा खसरा संख्या 298, 299 में टिहरी बाँध परियोजना व अन्य कृषक काबिज काश्त पाये गये। जिससे मौके पर विवाद व फ्रॉड परिलक्षित होनी पायी गयी है।
अजय चौहान पुत्र सुन्दर सिंह चौहान निवासी बी 3/77 सेक्टर 11 रोहिणी 85 दिल्ली द्वारा जन शिकायत निवारण दिवस 21.07.2025 को प्राप्त हुआ, जिसमें उल्लिखित है, कि टिहरी बांध परियोजना से प्रभावित विस्थापितों को जिला देहरादून के अन्तर्गत पुर्नवास स्थल अजबपुर कलां में इरशाद अहमद पुत्र लियाकत अली निवासी-8 डी/235 बौराड़ी, नई टिहरी को 25 09.2001 द्वारा आवासीय भूखण्ड सं०-बी 205 क्षेत्रफल 100 वर्गमीटर आवंटित कर कब्जा रसीद सं० 3450, 19.01. 2004 को दिया गया था परन्तु दिनांक फरवरी 2005 को विभाग द्वारा फतरू पुत्र श्री भज्जू निवासी-वार्ड नं0 7. पुरानी टिहरी को आवासीय भूखण्ड सं०-बी 205 खरारा सं० 1931 क मौजा अजबपुर कला में इरशाद अहमद वाले ही आवटिंत भूखण्ड का ही पुनः आवंटन कर दिया गया। जिसके उपरान्त शिकायतकर्ता की शिकायत के पश्चात विभाग द्वारा दोहरा आवंटन होना पाया गया। तत्पश्चात निदेशक, पुनर्वास के आदेश 2024 द्वारा फतरू पुत्र श्री भज्जू निवासी वार्ड नं० 7. पुरानी टिहरी को पुर्नवास स्थल अजबपुर कला, देहरादून में आवासीय भूखण्ड स०-बी 205 खसरा सं० 1931 क क्षेत्रफल 100 वर्गमीटर का दोहरा आंवटन जो पुनः कर दिया गया था, उसे निरस्त करना पड़ा।
उपरोक्त भूखण्ड आवंटन के लैंण्डफा्रड गंभीर प्रकरणों पर जिला प्रशासन ने टी.एच.डी.सी. व पुनर्वास विभाग के ऐसे समस्त प्रकरणों की विशेष जांच विजिलेंस अथवा सी०बी०सी०आई०डी० से करवाने की प्रबल संस्तुति के साथ शासन को प्रेषित कर दिया है।