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देहरादून : पुलिस महानिरीक्षक / निदेशक यातायात उत्तराखण्ड मुख्तार मोहसिन द्वारा राज्य की यातायात व्यवस्था एवं सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक वीडीयों कान्फ्रेंसिग के माध्यम से आयोजित की गई। उक्त गोष्ठी में जनपदों में यातायात व्यवस्था के अन्तर्गत प्रवर्तन की कार्यवाही,ई-चालान द्वारा की गई कार्यवाही ,टोईंग की कार्यवाही,घटित दुर्घटनाओं के कारण,दुर्घटना के बाद उठाये गये कदम एवं भविष्य में दुर्घटना मुक्त यातायात के उपायों पर चर्चा की गई। गोष्ठी में निदेशक यातायात द्वारा बताया गया कि पिछले वर्ष 2023 के सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ें वर्ष 2022 के आंकडों के आसपास होने के कारण स्थिर है लेकिन इस वर्ष 2024 में सभी जनपदों को सड़क सुरक्षा में ओर प्रभावी तरीके से कार्य करने की जरुरत है। जिसके लिए समय-समय पर अनेक प्रभावी कदम उठाये जाये ताकि इस वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में कमी लायी जा सकें।
उक्त गोष्ठी में निदेशक यातायात उत्तराखण्ड द्वारा निर्देश दिये गये
- अंतिम रविवार को बर्फबारी में निदेशक यातायात द्वारा मसूरी-धनोल्टी रुट की यातायात व्यवस्था हेतु भ्रमण पर थे तो पाया कि उक्त मार्ग पर यातायात बाधित हो रखा था जिसका कारण भारी मात्रा में पर्यटकों का वाहनों के लेकर आना एवं पर्याप्त पुलिस बल भी नियुक्त नहीं किया जाना ।इसके साथ ही यह भी संज्ञान में आया कि मसूरी में वाहनों की अधिकता होने के बावजूट कुठालगेट से वाहनों को मसूरी आने के लिए भी नहीं रोका गया। भविष्य में ऐसी स्थिति न हो इसके लिए बर्फबारी के सीजन में यातायात व्यवस्था बेहतर रखने हेतु अनुज आर्या, क्षेत्राधिकारी यातायात देहरादून को उक्त रुट का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है जो अस्मित मंमगईं, क्षेत्राधिकारी यातायात टिहरी के साथ समन्वय स्थापित कर धनोल्टी से यातायात का फीडबैक प्राप्त करते रहेंगे।यदि मसूरी से धनोल्टी में वाहन अत्यधिक हो गये है तो कुठालगेट से ही वाहनों को रोककर वापस कर दिया जाए। जिसके लिए कुठालगेट पर उचित पुलिस बल नियुक्त किया जाए जो हैण्डसेट के साथ ड्यूटी पर नियुक्त रहें,साथ ही मार्ग में पड़ने वाले विभिन्न पड़ावों पर भी पर्याप्त ड्यूटी हैण्डसेट के साथ लगाई जाए। सुवाखोली से सहस्त्रधारा की ओर आने वाले सड़क मार्ग को आपातकालीन स्थिति के लिए वन-वे हेतु प्रयोग किया जाए जिसके लिए उक्त मार्ग में को यात्री दिशा न भटके उसके लिए प्रत्येक लिंक मार्ग पर रोड साईनेज का प्रयोग अवश्य किया जाए।
- इस वर्ष जहां तक सम्भव हो जनपदों में जितने भी बोटलनेक प्वाईंटस है उन सब पर साप्ताहिक रुप से सभी स्टेकहोल्डर्स से चर्चाकर लगातार सुधारीकरण का कार्य किया जाए और इन्हें शत-प्रतिशत समाप्त किया जाए ताकि सुगम यातायात व्यवस्था बनी रहें।
- जनपदों में जितने भी व्यवसाय़िक भवन बने है उनकी सूची तैयार कर पार्किंग का डेटा तैयार करें। डेटा तैयार होने के उपरान्त जितनी पार्किंग की सम्भावना है उस पर शत-प्रतिशत पार्किंग खुलवायी जाए एवं नये बनने वाले व्यवसायिक भवनों में पार्किंग की उचित व्यवस्था होनी आवश्यक है। अन्यथा उनके निर्माण पर रोक हेतु उचित कार्यवाही की जाए।
- जनपदों में ऐसे स्कूलों की सूची तैयार करें जिनमें पार्किंग की व्यवस्था की जा सकती है उसका एक विस्तृत डाटा तैयार करें और स्कूली वाहनों को शत-प्रतिशत स्कूल के अन्दर चिन्हित स्थान पर ही पार्क कराया जाए और अगर कोई स्कूल पार्किंग की सुविधा नहीं बना रहा है तो सम्बन्धित स्कूल के विरुद्व उचित कार्यवाही करते हुए नोटिस प्रेषित किये जाए।
- सड़कों पर अक्सर बहुत ज्यादा कट होने के कारण एक तो जाम की स्थिति बनती है साथ ही इन कट से वाहन अचानक आने पर दुर्घटना की संभावना भी बनती है इसलिए जनपदों को निर्देश दिये गये है कि इस वर्ष जितना सम्भव हो सके कट को बन्द कराया जाए और लम्बी दूरी का यातायात संचालन चलाया जाए ताकि जाम की स्थिति से आमनागरिकों को राहत मिले।