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जयहरीखाल : भक्त दर्शन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जयहरीखाल में उद्यमिता के क्षेत्र में छात्रों को प्रेरित और शिक्षित करने के लिए एक विशेष तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र का आगाज महाविद्यालय के नोडल इंचार्ज डॉ. विक्रम सिंह ने किया, जिन्होंने उद्यमिता विशेषज्ञ प्रशांत कुकरेती का स्वागत किया और उनका परिचय दिया। यह सत्र छात्रों के लिए उद्यमिता के मूलभूत सिद्धांतों को समझने और व्यवसायिक दुनिया में कदम रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
प्रशांत कुकरेती ने चौथे दिन के तकनीकी सत्र की शुरुआत में उद्यमिता के मूलभूत सिद्धांतों को विस्तार से समझाया। उन्होंने उद्यमिता के विभिन्न पहलुओं, जैसे अवधारणा, नवाचार, अवसर और चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी उद्यम को शुरू करने से पहले अनुसंधान और नवाचार का विशेष महत्व होता है। उन्होंने छात्रों को समझाया कि बिना उचित बाजार सर्वेक्षण और अनुसंधान के, एक सफल उद्यम बनाना मुश्किल हो सकता है।
उन्होंने कहा कि किसी भी नए उद्यम को शुरू करने में उच्च जोखिम होता है, लेकिन सही योजना और निगरानी से इसे कम किया जा सकता है। उन्होंने उत्पाद की बाजार में नियमित निगरानी और ग्राहकों की प्रतिक्रिया को समझने के महत्व पर भी जोर दिया, एक अच्छी व्यवसाय योजना को शुरू में 3-5 वर्षों की अवधि के लिए तैयार किया जाना चाहिए। उन्होंने उत्पाद के बाजार में परीक्षण, गुणवत्ता सुधार, और उत्पादन लागत की गणना जैसे विषयों पर भी विस्तार से चर्चा की, उत्पाद की अंतिम कीमत तय करने से पहले कच्चे माल, परिवहन, और उत्पादन लागत जैसे कारकों को ध्यान में रखना जरूरी है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) के बारे में विस्तार से बताया और इसके तहत उपलब्ध विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), तेल और प्राकृतिक गैस कंपनी (ओएनजीसी), और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) जैसी प्रमुख कंपनियों का उल्लेख किया। उन्होंने उद्यम पंजीकरण के महत्व को भी समझाया और नए उद्यमियों को इसे गंभीरता से लेने की सलाह दी।
कार्यक्रम समन्वयक रश्मि ने छात्रों को उनके व्यवसायिक विचारों को परिभाषित करने के लिए “द बिजनेस मॉडल कैनवास” प्रदान किया। श्री कुकरेती ने इस कैनवास के माध्यम से छात्रों को व्यवसाय मॉडल के विभिन्न पहलुओं, जैसे ग्राहक खंड, मूल्य प्रस्ताव, राजस्व धाराएं, और लागत संरचना को समझाया। उन्होंने बताया कि यह कैनवास नए उद्यमियों के लिए एक शक्तिशाली उपकरण है, जो उन्हें अपने व्यवसाय को स्पष्ट रूप से परिभाषित करने में मदद करता है।
महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर राजवंशी ने उद्यमिता विशेषज्ञ का छात्रों को विस्तृत जानकारी देने के लिए आभार व्यक्त किया और उम्मीद जताई कि छात्रों को इस योजना का अत्यधिक लाभ मिलेगा और वह उद्यम के लिए प्रेरित हो पाएंगे इस सत्र के अंत में, नोडल डॉ. विक्रम सिंह ने प्राचार्य भक्त दर्शन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जयहरीखाल, प्रशांत कुकरेती और कार्यक्रम समन्वयक का आभार व्यक्त किया।इस अवसर पर डॉ प्रीति रावत, विमल रावत, वरिष्ठ प्रशासनीक अधिकारी राजीव रजवार, रूप सिंह और साजन उपस्थित रहे।