देहरादून: उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा है कि राज्य में स्थित राष्ट्रीय महत्व के वैज्ञानिक संस्थानों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए एक सुव्यवस्थित प्लेटफॉर्म विकसित किया जाएगा। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से इन संस्थानों के साथ निरंतर संवाद, बेहतर समन्वय और सतत सहयोग को मजबूत किया जाएगा, ताकि राज्य के विकास में इनका योगदान बढ़ सके।
मुख्य सचिव ने यह बात दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही। इस अवसर पर उन्होंने आगामी 12 से 14 नवंबर तक विज्ञान धाम में आयोजित होने वाले छठे देहरादून इंटरनेशनल साइंस एंड टेक्नोलॉजी फेस्टिवल के पोस्टर और ब्रोशर का विमोचन किया। आयोजकों को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निरंतर नवीन प्रगति से समाज में तेजी से बदलाव आ रहे हैं। ऐसे आयोजन समाज, खासकर युवा पीढ़ी को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से जोड़ने और इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
श्री बर्द्धन ने जोर देकर कहा कि प्रौद्योगिकी की जननी मौलिक विज्ञान में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि हिमालयी राज्य होने के कारण उत्तराखंड के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। देहरादून सहित पूरे राज्य में कई राष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक एवं शैक्षणिक संस्थान मौजूद हैं, जिनका सहयोग समय-समय पर विभिन्न क्षेत्रों में लिया जाता है। राज्य के हित में इन संस्थानों से अधिकतम सहयोग और बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने पर विशेष फोकस किया जाएगा।
मुख्य सचिव ने उत्तराखंड काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (यूकॉस्ट) तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को इस दिशा में प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह फेस्टिवल युवाओं में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देगा और राज्य के विकास में नई दिशा प्रदान करेगा।