देहरादून: कांग्रेस पार्षद मीना बिष्ट द्वारा नगर निगम की बोर्ड बैठक में शहीद राजेश रावत को पत्थरबाज कहने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, कांग्रेस पार्षद के इस बयान से बेहद खफा दिखाई दे रहे हैं। आज देहरादून शहीद स्मारक में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने बैठक की। इस मामले में अब कांग्रेस ने भी सख्त रुख दिखाया है। कांग्रेस ने पार्षद मीना बिष्ट का पार्टी से निकाल दिया है। साथ ही पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी इस मामले में माफी मांगी है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि राज्य आन्दोलनकारी राजेश रावत और अन्य आन्दोलनकारियों के सम्बन्ध में 25 अप्रैल को नगर निगम सदन में की गई अभद्र टिप्पणी से खुद भी और कांग्रेस पार्टी भी आहत है। राज्य निर्माण आन्दोलनकारी और आम जनता आहत हुई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य का सपना आंदोलन के शहीदों की शहादत के कारण ही साकार हो पाया है।
राजेश रावत ने राज्य निर्माण आन्दोलन में अपना सर्वाेध्व बलिदान दिया है। उन्होंने कहा कि सदन में किए गए अमर्यादित व्यवहार से कांग्रेस पार्टी संगठन की छवि धूमिल हुई है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रभाव से आपकी सदस्यता निलम्बित करती है। आप 3 दिन के अन्दर अपना स्पष्टीकरण माफीनामे के साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी में लिखित रूप से प्रस्तुत करें। अन्यथा आपके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए पार्टी से निष्कासन की कार्रवाई की जायेगी।
राज्य आंदोलनकारियों की कांग्रेस पार्षद से मांग है कि वह शहीद राजेश रावत के परिवार से माफी मांगे और शहीद स्मारक पर जाकर पश्चाताप करें।वही आज शहीद राजेश रावत की माता सहित कॉलोनीवासी एसएसपी से मुलाकात करने एसएसपी कार्यालय पहुंचे और एसएसपी से मिलकर पार्षद मीना बिष्ट के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए शिकायत की है।
नगर निगम की बोर्ड बैठक में चंदर रोड का नाम शहीद राजेश रावत के नाम पर रखे जाने का प्रस्ताव आया था, जिसमें उसी वार्ड की भी पार्षद मीना बिष्ट ने आपत्ति जताई थी। उन्होंने पहले कहा कि उनके संज्ञान में यह मामला नहीं है, लेकिन मामला तब बिगड़ा जब उन्होंने शहीद राजेश रावत को पत्थरबाज कह दिया। इस दौरान नगर निगम की बोर्ड बैठक में जमकर हंगामा भी हुआ था। हालांकि पार्षद की आपत्ति के साथ बोर्ड ने प्रस्ताव पास कर दिया था।