एक तारीख, एक घंटा स्वच्छता के नाम : आईआईटी रूड़की में श्रमदान कर चलाया गया स्वच्छता अभियान

by intelliberindia
 

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की एवं इसके पूर्व छात्र स्वच्छ भारत मिशन के बैनर के अंतर्गत स्वच्छता ही सेवा अभियान में भाग रहे हैं

अभियान के एक भाग के रूप में संस्थान में सड़कों की सफाई और तालाबों की सफाई जैसी गतिविधियाँ हुईं।

रुड़की : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की (आईआईटी रूड़की), एक राष्ट्रीय महत्व का संस्थान, ने “स्वच्छता ही सेवा अभियान” के भाग के रूप में गतिविधियों की एक उल्लेखनीय श्रृंखला के साथ एक कार्यक्रम आयोजित किया। यह प्रधानमंत्री मोदी सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत एक पहल है। इसका उद्देश्य अधिक से अधिक सार्वजनिक भागीदारी उत्पन्न करना, “स्वच्छता हर किसी का व्यवसाय है” की अवधारणा को सुदृढ़ करना है। यह प्रयास उन्नत भारत अभियान (यूबीए), आईआईटी रूड़की के मेहनती सदस्यों द्वारा राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी), राष्ट्रीय सामाजिक सेवा (एनएसएस), ड्रामेटिक्स सोसाइटी एवं ललित कला अनुभाग के सहयोग से किए गए। 01 अक्टूबर, 2023 को आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य मीरापुर एवं पूरनपुर गांवों की स्वच्छता व समग्र कल्याण पर पर्याप्त प्रभाव डालना था। सामुदायिक सेवा का यह कार्य अभियान की थीम, “एक तारीख एक घंटा एक साथ” का प्रतीक है, क्योंकि सभी ने श्रमदान के लिए एक घंटा समर्पित किया। दिन का प्रारम्भ उद्देश्य एवं एकता की जबरदस्त भावना के साथ हुआ। सुबह 08:20 बजे, उत्साह से भरे 160 छात्र, आईआईटी रूड़की के एबीएन ग्राउंड में एकत्र हुए। पूरे कार्यक्रम में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की के निदेशक प्रोफेसर केके पंत की; भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की के उप निदेशक प्रोफेसर यूपी सिंह, सदस्य स्टाफ एवं छात्रों के साथ सम्मानजनक उपस्थिति देखी गई।
मीरापुर एवं पूरनपुर के गांवों में अभियान की मुख्य गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी देखी गई, जिसमें वर्मीकम्पोस्ट बेड की स्थापना भी शामिल है, जो वर्मीकम्पोस्टिंग का उपयोग करके जैविक रसोई कचरे को मूल्यवान खाद में परिवर्तित करने के लिए मीरपुर में क्रियान्वित एक पर्यावरण-अनुकूल पहल है। इन गांवों में संस्थान स्थायी व्यावहारिक प्रभाव डालने के लिए अपने छात्र समूहों के माध्यम से इस प्रयास को आगे बढ़ाने की योजना बना रहा है। ललित कला अनुभाग के प्रतिभाशाली स्वयंसेवकों ने गाँव के घरों को जीवंत दीवार चित्रों से सजाने के मिशन पर शुरुआत की। पूरनपुर के छात्रों ने “स्वच्छता ही सेवा” विषय पर केंद्रित पोस्टर-मेकिंग प्रतियोगिता में उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रतियोगिता ने उन्हें स्वच्छता के महत्व पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित किया और अपशिष्ट पृथक्करण एवं प्रबंधन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अपशिष्ट संग्रहण डिब्बे, जैविक अपशिष्ट खाद बेड लगाने सहित रचनात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ावा दिया।
प्रोफेसर केके पंत ने आईआईटी रूड़की ग्रेटर नोएडा सेंटर (जीएनईसी) सेंटर का दौरा किया और उसके विस्तार केंद्र में उसी एसएचएस अभियान का प्रचार किया, जो सभी प्रतिभागियों एवं उपस्थित पूर्व छात्रों के दिलों में गूंज रहा था, जिसने प्रभावशाली गतिविधियों से भरे दिन के लिए वातावरण तैयार किया। एसएचएस अभियान सहारनपुर (पश्चिमी उत्तर प्रदेश) शहर में भी आयोजित किया गया था, जो आईआईटी रूड़की के एक अन्य परिसर की ही भांति एक घर समान है, जो अपने सहारनपुर परिसर के रूप में लोकप्रिय है। प्रोफेसर सिंह ने ग्राम मीरापुर में गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लिया, जिससे अभियान के उद्देश्यों के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता को और अधिक बल मिला। उन्होंने कहा, “इस तरह की भागीदारी सभी छात्रों एवं श्रमिकों के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में कार्य करती है, जो सामुदायिक सेवा में नेतृत्व और सक्रिय भागीदारी के महत्व की पुष्टि करती है।”
अपने उत्साहवर्धक संबोधन में, आईआईटी रूड़की के निदेशक प्रो. केके पंत ने कहा, “विभिन्न छात्र समूहों एवं स्थानीय संगठनों के साथ साझेदारी में आईआईटी रूड़की द्वारा आयोजित “स्वच्छता ही सेवा अभियान” एक शानदार सफलता है। मीरपुर एवं पूरनपुर गांवों के भौतिक परिवर्तन से परे, यह अभियान सभी प्रतिभागियों के दिल और दिमाग पर एक अमिट छाप छोड़ता है। यह दर्शाता है कि सामूहिक प्रयासों से समुदायों में गहरा सकारात्मक बदलाव आ सकता है, जिससे एकता, स्वच्छता और सामाजिक जिम्मेदारी का सार मजबूत हो सकता है।”
प्रोफेसर सिंह ने मीरपुर गांव की गतिविधियों में भाग लिया एवं अभियान के उद्देश्यों के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता को और रेखांकित किया। कार्यक्रम के उपरांत का उत्साह आगे की पहल के लिए प्रेरित करता है, यह याद दिलाता है कि सेवा एवं सामुदायिक उत्थान की भावना हमारे जीवन का अभिन्न अंग बनी रहनी चाहिए।
 



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