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चमोली : जोशीमठ में राहत एवं पुनर्वास कार्यों के पर्यवेक्षण हेतु मुख्यमंत्री के विशेष प्रतिनिधि/बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने सोमवार को जोशीमठ नगर पालिका सभागार में अधिकारियों के साथ राहत कार्यो की समीक्षा बैठक की। उन्होंने राहत कार्यो में लगे सभी नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया कि शिविरों में प्रभावित लोगों को हर संभव मदद दी जाए। प्रभावितों के मन में जो भी शंका है, उसका समाधान करें। मुख्यमंत्री के विशेष प्रतिनिधि/बीकेटीसी के अध्यक्ष ने कहा कि चारधाम यात्रा और शीतकालीन पर्यटन हमारे प्रदेश की रीड है। पिछले कुछ दिनों में उत्तराखंड को लेकर पूरे देश में जो वातावरण बना है, उससे हमारे प्रदेश के लोगों की आर्थिकी प्रभावित हो रही है। हम सब को मिलकर इस वातावरण को बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा जोशीमठ में आपदा प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता दी जा रही है। सरकार द्वारा प्रभावित लोगों के हितों को ध्यान रखते हुए पुनर्वास के लिए भी आदर्श से आदर्श व्यवस्था की जाएगी।
जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने जोशीमठ में संचालित राहत एवं पुनर्वास कार्यो की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जोशीमठ नगर क्षेत्र में भू-धंसाव के कारण अभी तक 863 भवनों को चिन्हित किया गया है जिनमें दरारें मिली है। इसमें से 181 भवन असुरक्षित जोन में है। आपदा प्रभावित 275 परिवारों के 925 सदस्यों को सुरक्षा के दृष्टिगत राहत शिविरों में रूकवाया गया है। राहत शिविरों में भोजन, पेयजल, चिकित्सा इत्यादि मूलभूत सुविधाएं प्रभावितों को उपलब्ध कराई जा रही हैं। वर्तमान तक राहत शिविरों में 826 व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है। शीतलहर को देखते हुए राहत शिविरों में प्रभावितों के लिए हीटर, गरम कपडे, कंबल उपलब्ध कराए जा रहे है। सार्वजनिक स्थानों, चौराहों एवं राहत शिविरों के आसपास 20 स्थानों पर नियमित रूप से अलाव की व्यवस्था की गई है। प्रभावित परिवारों के तीक्ष्ण एवं पूर्ण क्षतिग्रस्त भवनों, विशेष पुनर्वास पैकेज की अग्रिम धनराशि, सामान ढुलाई व तात्कालिक आवश्यकताओं एकमुश्त विशेष ग्रांट और घरेलू सामग्री क्रय हेतु 552 प्रभावितों क़ो 371.27 लाख की राहत धनराशि वितरित की जा चुकी है। बैठक में सीडीओ डा.ललित नारायण मिश्र, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनके जोशी सहित राहत व्यवस्थाओं से जुडे समस्त नोडल अधिकारी उपस्थित थे।